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अब तक नहीं मिला इनकम टैक्स रिटर्न का रिफंड? ये हो सकते हैं कारण

आमतौर पर रिफंड 4 से 5 हफ्तों में आ जाता है, लेकिन इस बार लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। देरी की मुख्य वजहें हैं—पुराने या गलत बैंक डिटेल्स, अकाउंट का समय पर वेरिफाई न होना, ITR, फॉर्म 26AS और AIS में अंतर होना और बड़ी राशि वाले रिफंड का मैन्युअल जांच में अटक जाना।

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आयकर रिटर्न (ITR) फाइलिंग 2025 में कई करदाताओं के लिए बड़ी चिंता का कारण बन गई है। इस बार रिफंड में देरी और ई-फाइलिंग पोर्टल की समस्याओं ने हालात और मुश्किल कर दिए हैं। गैर-ऑडिट टैक्सपेयर्स के लिए आखिरी तारीख 31 जुलाई 2025 से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी गई है।

ITR Refund

रिफंड मिलने में हो रही देरी

कई करदाता शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें समय पर रिफंड नहीं मिल रहा है। अगस्त 2025 तक केवल 37% रिटर्न ही प्रोसेस किए गए थे। आमतौर पर रिफंड 4 से 5 हफ्तों में आ जाता है, लेकिन इस बार लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। देरी की मुख्य वजहें हैं—पुराने या गलत बैंक डिटेल्स, अकाउंट का समय पर वेरिफाई न होना, ITR, फॉर्म 26AS और AIS में अंतर होना और बड़ी राशि वाले रिफंड का मैन्युअल जांच में अटक जाना।

RTCA ने मांगी समयसीमा बढ़ाने की मांग

राजस्थान टैक्स कंसल्टेंट्स एसोसिएशन (RTCA) ने सरकार से ITR फाइलिंग की समयसीमा बढ़ाने की अपील की है। उनका कहना है कि पोर्टल पर तकनीकी दिक्कतें और नए फॉर्मेट की वजह से प्रोसेस धीमा हो गया है। RTCA के अध्यक्ष रतन गोयल का कहना है कि करदाताओं को सही और समय पर रिटर्न दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मिलना जरूरी है। त्योहारों का सीजन, जिसमें नवरात्रि और दशहरा शामिल हैं, अनुपालन को और प्रभावित कर रहा है। साथ ही, टैक्स ऑडिट की आखिरी तारीख 30 सितंबर 2025 होने से कर पेशेवरों की चिंता बढ़ गई है।

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