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ITR : 12 लाख रुपये से कम है इनकम तो नहीं भरा ITR, आपको ले डूबेगी ये सोच

आयकर विभाग ने इस साल ITR-1 (सहज) फॉर्म में बड़ा बदलाव किया है। अब जिन टैक्सपेयर्स का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 1.25 लाख रुपये तक है, वे भी ITR-1 फॉर्म भर सकते हैं। इससे पहले इस फॉर्म में कैपिटल गेन दिखाने का प्रावधान नहीं था। यह सुविधा पहली बार 2025 में शुरू की गई है। हालांकि ध्यान देने वाली बात यह है कि यह सुविधा सिर्फ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन वालों के लिए है। अगर किसी टैक्सपेयर को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन हुआ है, तो उसे इसका फायदा नहीं मिलेगा।

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कई लोग इस बार ITR भरते समय मान बैठे हैं कि अगर उनकी इनकम 12 लाख रुपये तक है तो उन्हें टैक्स नहीं देना पड़ेगा। सुनने में ये बात आकर्षक जरूर लगती है, लेकिन पूरी तरह सच नहीं है। दरअसल, यह टैक्स छूट नई इनकम टैक्स व्यवस्था में वित्त वर्ष 2025-26 से लागू होगी। जबकि अभी जो रिटर्न (ITR) फाइल हो रहे हैं, वे वित्त वर्ष 2024-25 के हैं। यानी इस बार 12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री होने का फायदा नहीं मिलेगा।

इनकम टैक्स रिटर्न

सिर्फ सैलरी इनकम वालों को फायदा

अगर आपकी पूरी इनकम सैलरी से आती है और वह 12 लाख रुपये तक है, तो आने वाले वित्त वर्ष से आपको टैक्स छूट का लाभ मिलेगा। लेकिन अगर आपकी कमाई में कैपिटल गेन भी शामिल है, तो मामला बदल जाता है।

कैपिटल गेन क्या होता है?

कैपिटल गेन का मतलब है निवेश या संपत्ति बेचकर हुई कमाई। शेयर मार्केट में अगर आप किसी शेयर को एक साल से ज्यादा समय तक रखने के बाद बेचते हैं, तो उससे हुआ फायदा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) कहलाता है। वहीं अगर आप शेयर को एक साल से पहले ही बेच देते हैं तो वह शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) माना जाएगा। प्रॉपर्टी के मामले में नियम थोड़ा अलग है। अगर आप घर या जमीन को दो साल बाद बेचते हैं, तो होने वाला फायदा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन होगा और अगर दो साल से पहले बेचते हैं तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा।

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