PPF अकाउंट होल्डर की मौत के बाद कैसे होगा सेटलमेंट और कब मिलेगा मैच्योरिटी अमाउंट?

PPF
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) भारत में सबसे सुरक्षित और लोकप्रिय बचत विकल्पों में से एक है। यह न केवल टैक्स बचत में मदद करता है, बल्कि लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न भी देता है। लेकिन जीवन अनिश्चित है और कभी-कभी अकाउंट होल्डर की अचानक मृत्यु हो सकती है। ऐसे मामलों में PPF में जमा राशि का क्या होता है, यह कई लोगों के लिए सवाल बन जाता है। क्या नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को पैसा तुरंत मिल जाएगा, या मैच्योरिटी तक इंतजार करना पड़ेगा? इसके लिए नियम स्पष्ट हैं।
कब होती है मैच्योरिटी?
PPF अकाउंट की अवधि सामान्यतः 15 साल की होती है, और आम तौर पर इस अवधि से पहले पूरा पैसा निकालना संभव नहीं होता। हालांकि, अकाउंट होल्डर की मृत्यु जैसी विशेष परिस्थितियों में नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को मैच्योरिटी तक इंतजार करने की जरूरत नहीं होती। नॉमिनी अपने पहचान प्रमाण के साथ डेथ क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि अकाउंट होल्डर का मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाए।
जरुरी है ये डॉक्यूमेंट?
नॉमिनी को पोस्ट ऑफिस या बैंक, जहां PPF अकाउंट खुला है, जाकर डेथ क्लेम फॉर्म (फॉर्म G) भरना होता है। इसके साथ PPF पासबुक, नॉमिनी का पहचान प्रमाण (आधार, पैन, वोटर ID), बैंक अकाउंट का कैंसिल चेक, और एड्रेस प्रूफ जमा करना होता है। सभी दस्तावेज सत्यापित होने के बाद, जमा राशि नॉमिनी के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाती है और अकाउंट बंद कर दिया जाता है।
यदि नॉमिनी नाबालिग हो, तो अभिभावक की ओर से क्लेम किया जाता है। इस स्थिति में अभिभावक का पहचान और पता प्रमाण, कैंसिल चेक और एक घोषणा पत्र जमा करना आवश्यक होता है कि फंड का उपयोग नाबालिग के लाभ के लिए किया जाएगा। कई नॉमिनी होने पर फंड उनके बीच तय किए गए प्रतिशत के अनुसार बांटा जाएगा; यदि प्रतिशत तय नहीं किया गया है, तो फंड समान रूप से वितरित किया जाएगा।
किसे मिलेंगे पैसे?
अगर अकाउंट होल्डर ने कोई नॉमिनी नहीं बनाया, तो फंड कानूनी उत्तराधिकारियों को जाता है। इस स्थिति में मृत्यु प्रमाण पत्र, PPF पासबुक और सभी कानूनी वारिसों के पहचान और पता प्रमाण की आवश्यकता होगी। जरूरत पड़ने पर उत्तराधिकार प्रमाण पत्र (Succession Certificate) भी मांगा जा सकता है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि अकाउंट में जमा राशि जारी रखने की अनुमति नहीं होती। खाते को बंद करना आवश्यक होता है, और इस समय PPF पर ब्याज उस महीने तक ही दिया जाता है, जिस महीने खाता बंद किया गया हो। इस तरह, PPF अकाउंट होल्डर की मृत्यु के मामले में नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी सुरक्षित तरीके से फंड का लाभ उठा सकते हैं।
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