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ITR Filing Deadline: आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन 15 सितंबर मिस हुआ तो क्या होगा? इतनी ज्यादा देनी होगी पेनल्टी

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की डेडलाइन 15 सितंबर है। अगर आप इस तारीख तक रिटर्न दाखिल नहीं कर पाते हैं, तो आपको 1,000 से 5,000 रुपये तक पेनल्टी, बकाया टैक्स पर ब्याज और कई तरह की टैक्स छूट खोनी पड़ सकती है। साथ ही, रिफंड की प्रक्रिया भी देर से होगी। हालांकि, डेडलाइन मिस करने पर आप 31 दिसंबर 2025 तक पेनल्टी के साथ आईटीआर भर सकते हैं या फिर अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) का विकल्प चुन सकते हैं।
ITR Filing Deadline

ITR Filing Deadline

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की डेडलाइन (नॉन-ऑडिट केस के लिए) 15 सितंबर तय की गई है। सरकार पहले ही यह तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर चुकी है और करदाताओं को करीब डेढ़ महीने का अतिरिक्त समय दिया गया था। अब समय बेहद कम बचा है और अभी तक लगभग 5.5 करोड़ लोगों ने ही अपना रिटर्न फाइल किया है। अनुमान है कि 8 करोड़ में से सभी लोग तय समय तक रिटर्न नहीं भर पाएंगे।

आखिरी समय पर ITR फाइलिंग में आती हैं दिक्कतें

आईटीआर की डेडलाइन नजदीक आते ही आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर ट्रैफिक काफी बढ़ जाता है। इससे वेबसाइट स्लो हो जाती है और करदाताओं को दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। बीते कुछ दिनों का औसत देखें तो करीब 20 लाख लोग रोजाना रिटर्न फाइल कर रहे हैं। यदि यही रफ्तार रही तो 15 सितंबर तक करीब 80 लाख से 1 करोड़ और रिटर्न जुड़ सकते हैं, जबकि अभी भी 2.5 करोड़ करदाताओं को आईटीआर भरना बाकी है।

अगर कोई करदाता समय पर आईटीआर दाखिल नहीं कर पाता, तो उसे पेनल्टी और अतिरिक्त चार्ज देना होगा। जिनकी सालाना आय 5 लाख रुपये से कम है, उन्हें 1,000 रुपये लेट फीस चुकानी पड़ेगी। वहीं 5 लाख रुपये से ज्यादा आय वालों के लिए यह पेनल्टी 5,000 रुपये होगी। इसके अलावा देर से रिटर्न भरने पर कई तरह की टैक्स छूट और कटौती का लाभ नहीं मिलेगा। बकाया टैक्स पर हर महीने 1% ब्याज भी देना होगा। साथ ही, देर से फाइल करने पर रिफंड की प्रक्रिया भी लंबी हो जाएगी।

मिस हुई डेडलाइन तो क्या होगा?

अगर कोई करदाता डेडलाइन चूक जाता है, तो वह 31 दिसंबर 2025 तक पेनल्टी के साथ रिटर्न भर सकता है। आयकर अधिनियम की धारा 139(4) के तहत लेट फाइलिंग पर 5,000 रुपये तक पेनल्टी लग सकती है। इसके बाद भी रिटर्न फाइल नहीं किया तो करदाता को अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) दाखिल करने का विकल्प मिलता है, जिसे असेसमेंट ईयर खत्म होने के 48 महीने तक भरा जा सकता है। हालांकि, इसमें अतिरिक्त टैक्स देना पड़ता है और यह केवल कुछ विशेष परिस्थितियों में ही संभव है।

विशेषज्ञों का कहना है कि बेहतर होगा कि 15 सितंबर तक ही आईटीआर दाखिल कर दिया जाए। समय पर रिटर्न भरने से पेनल्टी, ब्याज और टैक्स नोटिस जैसी परेशानियों से बचा जा सकता है। साथ ही, यह भी जरूरी है कि आप चाहे टैक्स और ब्याज पहले ही चुका चुके हों, फिर भी आईटीआर फाइल करके उसे वेरिफाई जरूर करें, ताकि सरकार आपकी आय और टैक्स देनदारी को आधिकारिक रूप से मान्यता दे सके।

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रिचा त्रिपाठी author

लखनऊ शहर से आने वाली रिचा त्रिपाठी ने नोएडा में अपनी अलग पहचान बनाई है। रिचा त्रिपाठी टाइम्स नाउ नवभारत में सीनियर कॉपी एडीटर हैं। रिचा 7 साल से मीडि...और देखें

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