आगरा

Vrindavan: 14 वर्षों से विधवा माताओं के साथ रक्षा बंधन मना रहा सुलभ इंटरनेशनल, पीएम मोदी के लिए बनी खास राखियां

उत्तर प्रदेश के वृंदावन में रक्षाबंधन के अवसर पर विधवाश्रम की महिलाओं के चेहरों पर खुशी और अपनापन झलकता नजर आया। यह आयोजन सुलभ इंटरनेशनल द्वारा पिछले 14 वर्षों से जारी एक सामाजिक पहल का हिस्सा है। इस बार महिलाओं ने विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए राखियां तैयार की हैं।

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Vrindavan Widows Raksha Bandhan Celebration: उत्तर प्रदेश के वृंदावन में गुरुवार को एक भावुक और प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिला, जब विधवाश्रम में रहने वाली महिलाओं ने रक्षाबंधन का पर्व उल्लास और आत्मीयता के साथ मनाया। इस आयोजन का श्रेय जाता है सुलभ इंटरनेशनल को, जो पिछले 14 वर्षों से इन महिलाओं के लिए रक्षाबंधन समारोह का आयोजन करता आ रहा है। इस विशेष दिन पर महिलाएं सामाजिक स्वीकार्यता और अपनापन महसूस करती हैं, जो उनके जीवन में नई ऊर्जा भरता है। विधवाश्रम की एक महिला ने भावुक होते हुए कहा, "हम झारखंड से हैं, कोई परिवार नहीं है, जैसे-तैसे जीवन कट रहा है। त्योहार में कोई साथ देता है, यही हमारे लिए बहुत बड़ी बात है। बस सहयोग मिलता रहे, हम और कुछ नहीं चाहते।"

वृंदावन की विधवा माताएं भेजेंगी प्रधानमंत्री मोदी को राखी (फोटो: ANI)

संस्था की परंपरा

सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना 1970 में स्वर्गीय डॉ. बिंदेश्वर पाठक ने की थी, जो स्वच्छता और सामाजिक सुधार के क्षेत्र में अग्रणी समाजसेवी थे। आज उनकी संतानें नित्या पाठक और कुमार दिलीप संस्था की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। नित्या पाठक ने बताया, "पिता जी पिछले 14 वर्षों से विधवा माताओं के साथ रक्षाबंधन, दिवाली और होली जैसे त्योहार मनाते आए हैं। हमारी प्राथमिकता होती है कि पहले हम माताओं के साथ त्योहार मनाएं, फिर अपने परिवार के साथ।"

9 अगस्त को भेजी जाएंगी राखियां

इस बार की राखियों की खास बात यह है कि ये सभी राखियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बनाई गई हैं। नित्या पाठक ने बताया कि "हमारी माताएं मोदी जी को अपना भाई मानती हैं, और वे भी एक संरक्षक की तरह उनके साथ खड़े रहते हैं।" ये राखियां कल यानी 9 अगस्त को प्रधानमंत्री को भेजी जाएंगी। सुलभ इंटरनेशनल के अध्यक्ष कुमार दिलीप ने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "हम भारत सरकार के सहयोग के लिए धन्यवाद देते हैं, जो हमेशा इस सामाजिक पहल को समर्थन देती रही है। हमारा संकल्प है कि यह परंपरा आगे भी जारी रहे और इन माताओं के जीवन में हर त्योहार खुशी और सम्मान लेकर आए।"

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