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दिल्ली मेट्रो की रेड और येलो लाइन को मिलेगा टेक्नोलॉजी बूस्ट, DMRC ने Alstom संग मिलाया हाथ

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने रेड और येलो लाइनों के संचालन सुधार के लिए एटीआईएल के साथ 6 साल का समझौता किया है। इस अनुबंध के तहत सिग्नलिंग सिस्टम के लिए ऑनबोर्ड स्पेयर की पर्याप्त उपलब्धता, डेटा लॉगिंग अपग्रेड और तकनीकी सहायता सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, विफलताओं के बेहतर विश्लेषण और सुधार के लिए वैश्विक विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी।

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Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने अपनी सबसे पुरानी और व्यस्ततम रेड और येलो लाइनों पर सेवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। डीएमआरसी ने एल्सटॉम ट्रांसपोर्ट इंडिया लिमिटेड (ATIL) के साथ 6 साल का अनुबंध किया है। जिससे सिग्नलिंग सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा और यात्रियों को और अधिक भरोसेमंद सेवाएं मिलेंगी। इस समझौते पर मेट्रो भवन में डीएमआरसी के निदेशक (इंफ्रास्ट्रक्चर) मनुज सिंघल और एटीआईएल के निदेशक (वाणिज्यिक) सचिन देवड़ा ने हस्ताक्षर किए।

DMRC ने एल्सटॉम के साथ किया अनुबंध (DMRC X Post)

दो दशक पुरानी हैं रेड और येलो लाइन

दिल्ली मेट्रो की रेड लाइन (शाहदरा-रिथाला) 2002 से चालू है। वहीं येलो लाइन (समयपुर बादली-एचयूडीए सिटी सेंटर) 2004 से चल रही है। इन दोनों रूट पर रोजाना लाखों यात्री सफर करते हैं। वर्तमान में इन लाइनों पर सिग्नलिंग के लिए डिस्टेंस टू गो (डीटीजी) तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। अनुबंध के तहत एटीआईएल पर्याप्त ऑनबोर्ड स्पेयर उपलब्ध कराएगा ताकि किसी तकनीकी खराबी की स्थिति में त्वरित सुधार किया जा सके। इसके साथ ही मौजूदा डेटा लॉगिंग सुविधा को अपग्रेड किया जाएगा ताकि सिग्नलिंग विफलताओं के मूल कारणों का सटीक और तेज विश्लेषण संभव हो सके।

जररुत पड़ने पर दो साल और बढ़ सकता है अनुबंध

एटीआईएल अपने वैश्विक विशेषज्ञों के माध्यम से लगातार तकनीकी सहायता प्रदान करेगा और सिस्टम का नियमित ऑडिट भी करेगा। इस अनुबंध को जरूरत पड़ने पर दो साल और बढ़ाया जा सकता है। डीएमआरसी का मानना है कि इस समझौते से मेट्रो सेवाओं की विश्वसनीयता और सुरक्षा में और बढ़ोतरी होगी, जिससे यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा। यह पहल दिल्ली मेट्रो को आधुनिक तकनीक के साथ अपडेट रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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