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Delhi: चोरों का फिल्मी अंदाज...जैन पंडाल से सोने का कलश चुराने का रचा ऐसे प्लान; जानें कहां की क्लासरूम से सीखी तरकीब

दिल्ली के लाल किले में जैन पर्व पंडाल से सोने का कलश चोरी की घटना ने सभी को हैरान कर दिया है। इस फिल्मी चोरी की योजना बेहद शातिराना थी। लेकिन पुलिस की सतर्कता और जांच ने चोरों को ज्यादा दूर तक जाने नहीं दिया। ऐसे में आइए जानते हैं पूरा मामला।

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Red Fort Gold Kalash Theft: दिल्ली के लाल किले में जैन पर्व के पंडाल से सोने का कलश चोरी होने की घटना ने पुलिस और श्रद्धालुओं को चौंका दिया है। यह चोरी किसी फिल्मी सीन से कम नहीं थी, पूरी योजना पहले यूट्यूब पर रिसर्च करके बनाई गई और फिर उसे असल में अंजाम दिया गया। मुख्य आरोपी भूषण वर्मा ने सोशल मीडिया और यूट्यूब पर मंदिर आयोजनों के वीडियो देखकर यह समझा कि पंडालों में सोने के कलश और बर्तन सजावट के लिए रखे जाते हैं। उसने पंडित का भेष धारण कर 2-3 दिन तक पंडाल में घूमकर पूरी सुरक्षा व्यवस्था की रेकी की। उसने भीड़ की गतिविधियों, सीसीटीवी कैमरों की स्थिति और सुरक्षा गार्ड्स की ड्यूटी का बारीकी से निरीक्षण किया। यहां तक कि उसने मोबाइल फोन भी साथ नहीं रखा, ताकि कोई डिजिटल सबूत न मिले।

यूट्यूब से प्रेरित होकर सोने के कलश की चोरी

ऐसे की सबूत मिटाने की कोशिश

3 सितंबर की रात, जब पंडाल में धार्मिक आयोजन चल रहा था, तभी भूषण वर्मा अपने दो साथियों गौरव वर्मा और अंकित पाटिल के साथ वहां पहुंचा। तीनों ने बड़ी सफाई से सोने की "झारी" (बड़ा कलश), 'जग' और 'बरियाल' चुरा लिए। वारदात को अंजाम देने के बाद उन्होंने तुरंत दो कलश और बर्तनों को पिघलाकर सबूत मिटाने की कोशिश की। लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया, पुलिस ने एक बड़ा सोने का कलश, जिसका वजन करीब 725 ग्राम था, बरामद कर लिया। इसके अलावा लगभग 100 ग्राम पिघला हुआ सोना और ₹10,400 नकद भी जब्त किए गए। कुल बरामदगी की कीमत करीब 90 लाख रुपये आंकी गई है।

यूट्यूब बन रहा क्राइम क्लासरूम

क्राइम ब्रांच की टीम ने सीसीटीवी फुटेज के जरिए मुख्य आरोपी भूषण वर्मा की पहचान की, जो पहले भी 2016 में चोरी के मामले में पकड़ा जा चुका है। खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस ने 7 और 8 सितंबर की रात हापुड़ (उत्तर प्रदेश) में छापेमारी कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। अब पुलिस उन ज्वैलर्स और खरीदारों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, जिनके पास बाकी सोना बेचा या पिघलाया गया हो सकता है। यह वारदात एक अहम संकेत देती है कि यूट्यूब अब सिर्फ ज्ञान का स्रोत नहीं रहा, बल्कि अपराधियों के लिए ‘क्राइम क्लासरूम’ बनता जा रहा है। हालांकि, कानून की नजरों से बच पाना आज भी उतना आसान नहीं है।

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