गुरुग्राम

भिवानी में मकान की छत ढहने से बड़ा हादसा; तीन मासूमों की दर्दनाक मौत; 3 गंभीर रूप से घायल

भिवानी जिले के कलिंगा गांव में भारी बारिश के कारण एक मकान की दीवार गिरने से छत ढह गई, जिससे एक ही परिवार की तीन मासूम बच्चियों की मौत हो गई। हादसे में परिवार के तीन अन्य सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया है। ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार के लिए आर्थिक सहायता, मुफ्त इलाज और स्थायी आवास की मांग की है।

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Bhiwani House Collapse: भिवानी जिले के गांव कलिंगा में सोमवार रात एक दर्दनाक हादसे में एक मकान की छत ढहने से तीन मासूम बच्चियों की मौत हो गई, जबकि परिवार के तीन अन्य सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा भारी बारिश के चलते हुआ, जब मकान की पिछली दीवार के पास जमा पानी के दबाव से दीवार गिर गई और पूरी छत रात को सो रहे परिवार पर आ गिरी। हादसे में घायल 47 वर्षीय ओमपाल, उसकी पत्नी अनिता (42) और बेटा ध्रुव (5) को गंभीर अवस्था में रोहतक पीजीआई रेफर किया गया है, जबकि उनकी तीन बेटियों अंशिका (15), दिशा (9) और भारती (7) की मलबे में दबने से मौके पर ही मौत गई।

भिवानी में मकान की छत ढहने से हादसा

मकान का निर्माण कार्य था अधूरा

बताया जा रहा है कि, ओमपाल मजदूरी करता है और बीते चार वर्षों से गांव के बाहरी हिस्से में कृष्ण नामक व्यक्ति के मकान में किराये पर रह रहा था क्योंकि उसका खुद का मकान गांव के भीतर जर्जर स्थिति में है। उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान निर्माण के लिए शामिल किया गया था लेकिन अभी तक मकान का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया था। ग्रामीणों और परिजनों के अनुसार, पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश के कारण गांव में जलभराव हो गया था और मकान के पीछे की दीवार के साथ काफी पानी जमा हो गया था। उसी दीवार के गिरने से यह हादसा हुआ।

परिवार को आर्थिक सहायता की मांग

घटना की सूचना सुबह 5 बजे राहगीरों द्वारा मिली, जब उन्होंने मकान को गिरा हुआ देखा और तुरंत लोगों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। मौके पर पहुंचे तहसीलदार जयबीर और ग्राम सचिव अजय ने स्थिति का जायजा लेते हुए बताया कि प्रशासन ने जल निकासी के लिए मोटर और ट्रैक्टर की व्यवस्था की है। वहीं ओमपाल के चाचा मनबीर, पड़ोसी संदीप फौजी और अन्य ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि पीड़ित परिवार को उचित आर्थिक सहायता दी जाए, घायलों का इलाज मुफ्त कराया जाए और ओमपाल को शीघ्र स्थायी आवास उपलब्ध कराया जाए। गांव में इस हृदयविदारक घटना के बाद शोक की लहर है और सभी की निगाहें प्रशासनिक सहायता पर टिकी हैं।

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