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Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में बादल फटने से दो जवान समेत 60 लोगों की मौत, 100 से अधिक घायल; बचाव कार्य जारी

गुरुवार को जम्मू कश्मीर के मचैल माता मार्ग पर बादल फटने से 60 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, पुलिस, सेना और स्थानीय लोग बचाव कार्य में जुटे हुए हैं और लापता लोगों की तलाश और घायलों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

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Kishtwar Cloudburst Death Toll: पहाड़ों के लिए इस बार मानसून आपदाएं ही लाया है। आए दिन देशभर के पहाड़ी इलाकों से हादसों की खबरें आती रहती हैं और 14 अगस्त के दिन यानी स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले जम्मू और कश्मीर में बादल फट गया। गुरुवार की दोपहर चोसिटी गांव में आई इस तबाही में अबतक दो CISF के दो जवानों समेत 60 जानें जा चुकी हैं और 100 से अधिक लोग घायल हैं। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है। घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और लापता लोगों की तलाश के लिए टीमें तैनात हैं।

बादल फटने के बाद तबाही का मंजर

राहत-बचाव कार्य जारी

मचैल माता मंदिर जाने वाले मार्ग में पड़ने वाले चशोती गांव में यह आपदा दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर आई। जिस समय हादसा हुआ, उस समय मचैल माता मंदिर यात्रा के लिए वहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। यह यात्रा 25 जुलाई से शुरू होकर और पांच सितंबर तक चलने वाली थी। यहां से आपदा प्रबंधन टीमों ने कई लोगों को रेस्क्यू किया। लापता लोगों की तलाश अब भी जारी है। यात्रा शुक्रवार को दूसरे दिन भी निलंबित रखी गई है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में एक सभा को संबोधित करते हुए जानकारी दी कि किश्तवाड़ में बादल फटने से 60 लोगों की जान चली गई ।

स्थानीय विधायक और जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने कहा कि चोसिटी में हालत बेहद खराब हैं। चोसिटी, जो मचैल यात्रा का बेस कैंप है, वहां चारों ओर तबाही और मौत का मंजर है। साथ ही उन्होंनेआने वाले समय में मौत का आंकड़ा और बढ़नें की भी आशंका जताई।

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