मुंबई

धनुष-बाण किसका? BMC चुनाव से पहले फिर भिड़े उद्धव ठाकरे-एकनाथ शिंदे, SC पहुंचा मामला

महाराष्ट्र राजनीतिक समाचार: बीएमसी चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच शिवसेना के नाम और धनुष-बाण चुनाव चिह्न को लेकर विवाद अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। इस मामले की सुनवाई 14 जुलाई को निर्धारित की गई है।

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महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना के दो धड़ों, उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे, के बीच टकराव एक बार फिर तेज हो गया है। इस बार विवाद का केंद्र शिवसेना के मूल नाम और चुनाव चिह्न धनुष-बाण है। उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाला गुट सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है, जहां मामले की सुनवाई 14 जुलाई को निर्धारित की गई है। यह विवाद आगामी बीएमसी और अन्य स्थानीय निकाय चुनावों से पहले सियासी माहौल को गर्म कर रहा है। जून 2022 में शिवसेना के विभाजन के बाद, एकनाथ शिंदे ने पार्टी के एक बड़े धड़े के साथ बगावत की, जिसके परिणामस्वरूप महा विकास अघाड़ी सरकार का पतन हुआ।

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

शिंदे ने बीजेपी के समर्थन से नई सरकार बनाई। फरवरी 2023 में चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को शिवसेना नाम और धनुष-बाण चिह्न आवंटित किया, जबकि ठाकरे गुट को ‘शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)’ नाम और ‘मशाल’ चिह्न दिया गया। ठाकरे ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

उद्धव गुट का तर्क क्या?

उद्धव गुट का तर्क है कि धनुष-बाण और शिवसेना नाम का उपयोग मतदाताओं के लिए भ्रम पैदा कर सकता है, क्योंकि ये प्रतीक 1985 से उनकी पार्टी के साथ जुड़े हैं। दूसरी ओर, शिंदे गुट का कहना है कि पहले भी ऐसी मांगें खारिज की जा चुकी हैं और चुनाव आयोग का फैसला सही है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लिया है, लेकिन तत्काल सुनवाई की मांग को खारिज कर दिया है।

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