मुंबई

Maharashtra: सियासी गलियारों में मराठा आंदोलन को हलचल, जरांगे के आंदोलन को किससे मिल रहा ‘गुप्त समर्थन’

मनोज जरांगे का मराठा आरक्षण आंदोलन अब मुंबई तक पहुंच गया है, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। इस आंदोलन में देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे, अजित पवार गुट सहित कई विधायक समर्थन में शामिल हुए हैं। वहीं, ओबीसी समाज इस स्थिति को लेकर नाराजगी व्यक्त कर रहा है।

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Maharashtra News: महाराष्ट्र की सियासत एक बार फिर मराठा आरक्षण की आग में तप रही है। एक छोटे से गांव से शुरू हुआ मनोज जरांगे पाटिल का आंदोलन अब राजधानी मुंबई की दहलीज तक पहुंच गया है। 29 अगस्त को जरांगे आजाद मैदान में भूख हड़ताल पर बैठने जा रहे हैं, जिसमें लाखों लोगों की भीड़ जुटने का अनुमान है। सरकार के लिए यह न सिर्फ एक सामाजिक चुनौती है, बल्कि एक बड़ी राजनीतिक परीक्षा भी बन चुका है।

जरांगे को किसका मिल रहा समर्थन (फाइल फोटो | PTI)

मराठा आरक्षण की आवाज बने जरांगे पाटिल

पिछले एक साल में मनोज जरांगे पाटिल मराठा समाज के सबसे मुखर चेहरे बनकर उभरे हैं। उनका सीधा, आक्रामक और बेबाक अंदाज़ लोगों को प्रभावित कर रहा है। "मराठा हेच कुणबी" का नारा देकर वे मराठा समाज को ओबीसी आरक्षण में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। गांव-गांव जाकर जनसमर्थन जुटाने वाले जरांगे ने साफ कर दिया है कि इस बार आरक्षण के बिना वापसी नहीं होगी।

सरकार के सामने सियासी चुनौती

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भले ही यह कह चुके हों कि मराठा आरक्षण का निर्णय उन्हीं की सरकार ने लिया था और ओबीसी के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा, लेकिन आंदोलन की तीव्रता को देखकर साफ है कि यह मामला राजनीतिक रूप से और भी जटिल हो गया है।

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