मुंबई

मुंबई में शेल कंपनियों का बड़ा खुलासा, सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाने वाले नेटवर्क का पर्दाफाश; दो आरोपी गिरफ्तार

मुंबई में डीजीजीआई ने बेनामी और शेल कंपनियों के बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया। साथ ही इस रैकेट के मुख्य आरोपी दो भाइयों को भी गिरफ्तार किया है। जिनसे पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि यह रैकेट लंबे समय से एक्टिव था। जिसमें कई अन्य लोग शामिल हो सकते हैं। तलाशी के दौरान कई दस्तावेज, कंप्यूटर और बैंक रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं।

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Mumbai News: मुंबई में जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (DGGI) की क्षेत्रीय इकाई ने डेटा विश्लेषण, मानव खुफिया और जांच उपकरणों के इस्तेमाल से बेनामी और शेल कंपनियों के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस रैकेट के मुख्य आरोपी जाहिर अब्बास पटेल और उनके भाई अकरम पटेल को 11 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया गया। यह कार्रवाई जीएसटी व्यवस्था में फर्जीवाड़े को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें करोड़ों रुपये का सरकारी राजस्व प्रभावित हुआ था।

सांकेतिक फोटो (istock)

आरोपियों ने बनाई कई बेनामी कंपनियां

डीजीजीआई अधिकारियों ने कई जगहों पर तलाशी अभियान चलाया। इसमें शामिल लोगों के बयान, बैंक स्टेटमेंट और दस्तावेजों की जांच से साफ हुआ कि जाहिर अब्बास पटेल ने अपने भाई अकरम के साथ मिलकर कई बेनामी कंपनियां बनाईं। उन्होंने विभिन्न लोगों के नाम पर धोखाधड़ी से कंपनियां रजिस्टर की और उनके केवाईसी (नो योर कस्टमर) दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल किया। इन कंपनियों के नाम पर बिना किसी वास्तविक माल या सेवा की आपूर्ति के फर्जी बिल (चालान) जारी किए गए। इन फर्जी बिलों की कुल वैल्यू 141.30 करोड़ रुपये थी, जिसमें 27.10 करोड़ रुपये का जीएसटी शामिल था। इसका मकसद इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का गलत फायदा उठाना था, जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ।

टैक्स चोरी का बड़ा नेटवर्क

न्यूज एजेंसी IANS के अनुसार, आरोपियों ने लोगों को लालच देकर उनके दस्तावेज लिए और कंपनियां खोली। ये कंपनियां केवल कागजों पर थीं, कोई वास्तविक व्यापार नहीं होता था। फर्जी चालानों से पैसे का हेरफेर किया जाता था, जो टैक्स चोरी का बड़ा नेटवर्क था। गिरफ्तारी के बाद दोनों भाइयों से पूछताछ जारी है। वहीं, अधिकारियों ने बताया कि यह रैकेट लंबे समय से सक्रिय था और इसमें कई अन्य लोग शामिल हो सकते हैं। तलाशी में कई दस्तावेज, कंप्यूटर और बैंक रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं।

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