पटना

बिहार में नल-जल योजना का कैसा है हाल? शंभुआड़ में बनी 3 जलमीनार; घरों तक नहीं पहुंचा एक बूंद पानी

बिहार के मधुबनी में भुआड़ कैटोला में नल-जल योजना के अंतर्गत तीन जलमीनारों का निर्माण किया गया है, लेकिन आज तक स्थानीय निवासियों को एक बूंद पानी भी नहीं मिल पाया है।

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मधुबनी : बिहार में जल योजनाएं चलाकर घर-घर पानी पहुंचाने की कवायत चल रही है, लेकिन भुआड़ कैटोला में नल-जल योजना के तहत तीन जलमीनारों के निर्माण के बाद भी स्थानीय लोगों को अब तक एक बूंद पानी नहीं नशीब हुआ। फिलहाल, प्यास बुझाने के लिए यहां के लोग तालाबों, कूपों और पड़ोसियों पर निर्भर हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि जलमीनारों से जलापूर्ति के लिए कोई व्यवस्थित पाइपलाइन नहीं बिछाई गई है। पहले पंचायत क्षेत्र में होने के कारण योजनाओं का सही कार्यान्वयन नहीं हुआ, और अब नगर निगम में शामिल होने के बाद भी कोई नई पहल नहीं की गई है। नगर निगम ने न तो मरम्मत कार्य किया है और न ही वैकल्पिक जलस्रोत स्थापित किए हैं। चापाकल की स्थिति भी खराब है, और लोग दूषित पानी का उपयोग करने के लिए मजबूर हैं।

(सांकेतिक फोटो)

कागजी खानापूर्ति का आरोप

हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक, यह जल संकट विशेष रूप से गरीब और वंचित तबके को प्रभावित कर रहा है, जिससे उनकी रोजमर्रा की जिंदगी में कठिनाई आ रही है। महिलाएं दूर-दूर से पानी लाने को मजबूर हैं, और बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि योजनाओं का केवल कागजी खानापूर्ति की गई है। विभागीय ढिलाई और योजनागत विसंगति के कारण जल संकट बढ़ता जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा जल व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन स्थानीय लोग अब भी पेयजल के लिए गुहार लगा रहे हैं।

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