प्रयागराज

इटावा कथा कांड: संत यादव और मुकट सिंह यादव को मिली जमानत, हाईकोर्ट ने कहा कोई अपराध नहीं बनता...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इटावा कांड में तथाकथित आरोपे के पुख्ता साक्ष्य न होने पर कथावाचक संत सिंह यादव और मुकट सिंह यादव को अग्रिम जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि अपराध से संबंध स्थापित करने के लिए कोई ठोस साक्ष्य नहीं है। इसलिए याचिकाकर्ता जमानत पर रिहा किए जाने के पात्र हैं।

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प्रयागराज : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कथावाचक संत सिंह यादव और मुकट सिंह यादव की अग्रिम जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया। न्यायमूर्ति विवेक वर्मा ने 29 जुलाई को दोनों याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उन्हें ये राहत दी। दोनों कथावाचकों के खिलाफ इटावा के बाकेवर थाना में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 299 (धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने के इरादे से किया गया कृत्य) और 318 (4) (धोखाधड़ी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

संत सिंह यादव-मुकुट सिंह यादव (फोटो-@OopsItsDheeraj)

क्या कथावाचक ने छिपाई थी जाति?

न्यूज एजेंसी भाषा के हवाले से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, संत सिंह यादव और मुकट सिंह यादव पर आरोप है कि उन्होंने धार्मिक आयोजन के दौरान लोगों को भ्रम में रखा और फर्जी दस्तावेज के जरिए अपनी जाति छिपाई। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किलों ने कुछ लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें याचिकाकर्ताओं पर हमला करने और उन्हें बंधक बनाए रखने के आरोप लगाये गये थे।

अदालत ने संबंधित पक्षों को सुनने के बाद आदेश में कहा, “आरोपों की प्रकृति और याचिकाकर्ताओं के पिछले जीवन को देखते हुए खासकर इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि पूर्व में याचिकाकर्ता ने कुछ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी, इस चरण में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कथित अपराध का मामला नहीं बनता।

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