पुणे

पुणे में डीजे-फ्री अंदाज में गणपति का आगमन, भाऊसाहेब रंगारी मंडल की परंपरा बनी आकर्षण

महाराष्ट्र के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों में गिने जाने वाले श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट में इस वर्ष गणेशोत्सव का आगाज़ परंपरागत और डीजे-फ्री अंदाज़ में हुआ। बाप्पा की प्राणप्रतिष्ठा विधिवत संपन्न हुई, जिसमें शहरभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और कलाकार शामिल हुए।

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पुणे: महाराष्ट्र के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों में गिने जाने वाले श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट में इस वर्ष गणेशोत्सव का आगाज़ परंपरागत और डीजे-फ्री अंदाज़ में हुआ। बाप्पा की प्राणप्रतिष्ठा विधिवत संपन्न हुई, जिसमें शहरभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और कलाकार शामिल हुए।

पुणे के श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट का पंडाल

बुधवार सुबह गणेश चतुर्थी की मंगल आरती से उत्सव का शुभारंभ हुआ। इसके बाद 8:30 बजे गणपति बाप्पा की शोभायात्रा निकली। ढोल-ताशों की गूंज, लाठी-काठी और शंखनाद ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। शोभायात्रा की खास बात यह रही कि सात प्रमुख ढोल-ताशा पथकों—श्रीराम पथक, कलावंत, वाद्यवृंद, विश्वगर्जना, स्वयंभूगर्जना, गजर और नूमवि ने बाप्पा को सलामी देकर अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया।

ट्रस्ट के उत्सव प्रमुख और विश्वस्त पुनीत बालन ने बताया कि इस वर्ष भी मंडल की अनोखी परंपरा निभाई गई, जिसमें बाप्पा के रथ को बैलों के बजाय मंडल के कार्यकर्ताओं ने श्रद्धाभाव से खींचा। उन्होंने कहा कि यह परंपरा मंडल की पहचान है और सभी कार्यकर्ता इसे गर्व का विषय मानते हैं।

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