बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में देश के उद्योगपतियों द्वारा ₹967 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव दिए गए हैं, जिनसे 2,100 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। कुल मिलाकर लगभग ₹52,000 करोड़ की योजनाओं ने बस्तर को औद्योगिक और सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का हब बना दिया है।
रायपुर : देश के प्रमुख उद्योगपतियों ने बस्तर में निवेश को लेकर महत्वाकांक्षी प्रस्ताव पेश किए हैं। गुरुवार को बस्तर में हुए इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में राज्य सरकार को 967 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। वहीं, सरकार ने बस्तर और उसके आसपास के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए 52,000 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजनाएं भी तैयार की हैं। इन पहलों के तहत खनन, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और पर्यटन जैसे सभी प्रमुख क्षेत्रों में ठोस परिवर्तन लाने की तैयारी की जा रही है।
बस्तर में निवेश के लिए मिले प्रस्ताव
इतने करोड़ के निवेश के प्रस्ताव
जानकारी के अनुसार बस्तर में विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाने के लिए सबसे बड़ा निवेश सार्वजनिक क्षेत्र से आया है। एनएमडीसी की ओर से अकेले ₹43,000 करोड़ की परियोजनाएं शुरू की जा रही है। वहीं, रेलवे द्वारा ₹5,200 करोड़ और सड़कों पर ₹2,300 करोड़ का निवेश स्वीकृत हुआ है। इसके अलावा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए ₹200 करोड़ तथा सेवा क्षेत्र और एमएसएमई में लगभग ₹1,000 करोड़ का निजी निवेश प्रस्तावित है।
इसके अलावा गुरुवार को आयोजित बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम देश के उद्योगपतियों द्वारा ₹967 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव दिए गए हैं, जिनसे 2,100 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। कुल मिलाकर लगभग ₹52,000 करोड़ की योजनाओं ने बस्तर को औद्योगिक और सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का हब बना दिया है।
बस्तर की प्रस्तावित रेल व सड़क परियोजनाओं से जहां दूरस्थ व दुर्गम क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी और वहीं औद्योगिक अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा। रावघाट–जगदलपुर रेल लाइन, केके रेल लाइन का दोहरीकरण और वैकल्पिक सड़क मार्ग न केवल यात्रा और व्यापार को गति देंगे बल्कि कांकेर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर जैसे जिलों तक सुरक्षित व त्वरित संपर्क भी सुनिश्चित होगा।
बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने हाल के वर्षों में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। पहली बार जगदलपुर में 350 बेड का मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज बनने जा रहा है, जिसमें ₹550 करोड़ का निवेश और 200 रोजगार अवसर सृजित होंगे। इसके अलावा 200 बेड के दो अन्य मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल, फूड प्रोसेसिंग इकाइयाँ, राइस मिल, डेयरी फार्म और वेलनेस-हॉस्पिटैलिटी प्रोजेक्ट्स भी निवेश सूची में शामिल हैं।
इसके साथ ही नक्सल उन्मूलन की दिशा में बीते 20 महीनों में बस्तर ने बड़ी प्रगति दर्ज की है। इस दौरान 453 नक्सली न्यूट्रलाइज़ किए गए, 1,611 गिरफ्तार हुए और 1,636 ने आत्मसमर्पण किया। इस दौरान 65 से अधिक नए सुरक्षा कैंप स्थापित हुए और 50 से अधिक बंद स्कूल फिर से खुले। बस्तर में चल रही राज्य सरकार की “नियद नेल्ला नार” योजना के तहत सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और संचार सुविधाएँ दूरदराज तक पहुँची हैं।
वहीं, बस्तर के विकास में औद्योगिक नीति 2024–30 की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके तहत फार्मा, एग्रो-प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल्स, आईटी, डिफेंस, एयरोस्पेस और डिजिटल टेक्नोलॉजी को प्राथमिकता दी गई है। वहीं, पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है, जिसमें ईको-टूरिज्म और वेलनेस प्रोजेक्ट्स पर 45% तक सब्सिडी और नक्सल प्रभावित परिवारों के उद्यमियों को अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा।
राज्य सरकार आत्मसमर्पित नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने का अवसर भी दे रही है। नई पुनर्वास नीति के तहत तीन वर्षों तक 10,000 रुपये मासिक सहायता, शहरी क्षेत्रों में जमीन, व्यावसायिक प्रशिक्षण और सामूहिक आत्मसमर्पण पर दुगुना इनाम जैसी सुविधाएँ दी जा रही हैं। वहीं नक्सल मुक्त गाँवों के लिए 1 करोड़ रुपये तक की विकास योजनाएँ स्वीकृत की गई हैं।
सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सल उन्मूलन का लक्ष्य भी तय कर रखा है, ताकि बस्तर में विकास और शांति स्थापित हो सके। कुल मिलाकर, राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन का असर अब जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगा है। बस्तर सुरक्षा की चुनौतियों को पीछे छोड़ते हुए विकास की मुख्यधारा से मजबूती से जुड़ रहा है।