Chandra Grahan 2025: आज भारत में पूर्ण चंद्रग्रहण लग चुका है, जिसे ब्लड मून (Blood Moon) कहा जा रहा है। देशभर के स्कूलों में खगोलीय घटना का जिक्र होता है तो ये सवाल भी उठता है कि क्या चंद्रग्रहण को नंगी आंखों से देखना पूरी तरह सुरक्षित है? ऐसे में चलिये जानते हैं क्या कहता है साइंस और क्या ऐसा करना वाकई सही है?
Chandra Grahan GK Quiz 2025/ Lunar Eclipse: आज यानी 7 सितंबर साल 2025 का दिन बेहद ही खास है क्योंकि इस दिन चंद्रग्रहण (lunar eclipse) लग रहा है। ये एक पूर्ण चंद्रग्रहण है जो कि भारत के साथ-साथ कई सारे देशों में साफ दिखाई दे रहा है। चंद्रग्रहण आते ही कई तरह के सवाल लोगों के मन में खड़े होते हैं। एक बात जो अकसर कही जाती है वो ये कि चंद्रग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए क्योंकि आंखें खराब हो सकती हैं। ऐसे में चलिये जानते हैं क्या कहता है साइंस और इससे जुड़ी सच्चाई क्या है।
Lunar Eclipse 2025 (Canva AI)
हर साल देशभर के स्कूलों और कॉलेज में जब भी खगोलीय घटनाओं की चर्चा होती है तो चंद्रग्रहण (lunar eclipse) का जिक्र जरूर आता है। मगर कई छात्रों के मन में सवाल बना रहता है कि क्या चंद्रग्रहण को देखना आंखों के लिये नुकसानदायक होता है? ये सवाल तब भी जरूरी हो जाता है जब स्कूलों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने की बात की जाती है।
आखिर क्यों होता है चंद्रग्रहण (lunar eclipse)?
चलिये सबसे पहले तो ये जानते हैं कि चंद्रग्रहण आखिर होता क्यों है। बता दें कि जब पृथ्वी सूरज और चंद्रमा के बीच आ जाती है तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इस दौरान चांद पूरी या फिर आंशिक तरह से ढक जाता है और लालिमा लिये हुए नजर आता है। इसे Blood Moon भी कहा जाता है।
क्या चंद्रग्रहण (lunar eclipse) देखने से खराब होती हैं आंखें?
अब बात करते हैं कि चंद्रग्रहण को क्या नंगी आंखों से देखना सुरक्षित है। दरअसल, चांद को चंद्रग्रहण के समय देखना पूरी तरह से सेफ है। इसके लिये किसी खास तरह के चश्मे या फिर सुरक्षा उपकरण की जरूरत नहीं है। ये सूरज की तरह तेज या फिर चमकीला नहीं होता, जिससे कि आंखों को नुकसान ना हो। चंद्रग्रहण रात को होता है, और चंद्रमा की रोशनी इतनी तेज नहीं होती कि आपकी आंखों को नुकसान पहुंचाए। ऐसे में चंद्रग्रहण को देखने के लिये किसी खास चश्मे या फिर प्रोटेक्टिव फिल्टर्स की भी जरूरत नहीं होती।
क्या एक जैसे हैं सूर्यग्रहण (solar eclipse) और चंद्रग्रहण (lunar eclipse)?
वहीं, सूर्यग्रहण (solar eclipse) के समय सूर्य की रोशनी बहुत तेज होती है, जो आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है और यही वजह है कि इसे सीधे देखना मना है। मगर चंद्रग्रहण की स्थिति बिल्कुल अलग होती है। चंद्रमा खुद रोशनी नहीं देता बल्कि सूरज की रोशनी को परावर्तित करता है इसलिये आंखों को इससे कोई भी खतरा नहीं होता। ऐसे में ये मान्यता कि चंद्रग्रहण को देखने से आंखें खराब होती हैं- पूरी तरह से मिथक है। NASA के वैज्ञानिक और संस्थाएं भी यही कहती हैं कि इसे देखना आंखों के लिये बेहद सेफ है।
Q: भारत में चंद्रग्रहण कब लग रहा है? (When is the lunar eclipse occurring in India?)
A: 7 सितंबर 2025
Q: 7 सितंबर 2025 को क्या होगा? (What will happen on 7th September 2025?)
A: 7 सितंबर 2025 को भारत में एक पूर्ण चंद्रग्रहण (total lunar eclipse) लगेगा, जिसे ब्लड मून (Blood Moon) भी कहा जाता है। इस दौरान पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पूरी तरह पड़ती है, जिससे चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देता है। यह ग्रहण रात 9:27 बजे शुरू होगा और लगभग 11 बजे से 12:22 बजे तक पूरी तरह दिखाई देगा। यह प्राकृतिक खगोलीय घटना पूरे देश में साफ दिखाई देगी और इसे देखने के लिए आसमान की तरफ नजरें टिकी रहेंगी।
Q: चंद्रग्रहण (lunar eclipse) और सूर्यग्रहण (solar eclipse) में क्या अंतर है? (Difference between a lunar eclipse and a solar eclipse?)
A: चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूरज और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और चंद्रमा दिखाई नहीं देता या उसका रंग बदल जाता है। सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूरज और पृथ्वी के बीच आ जाता है, जिससे सूरज की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती और सूरज का कुछ या पूरा हिस्सा छिप जाता है।
Q: चंद्रग्रहण के दौरान लाल क्यों दिखाई देता है चंद्रमा? (What is Blood Moon?)
A: जब चंद्रग्रहण होता है तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और सूरज की रोशनी सीधे चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती। लेकिन पृथ्वी के वायुमंडल में मौजूद गैस और धूल की वजह से लाल रंग की किरणें ही चंद्रमा तक पहुंच पाती हैं। इसलिए चंद्रमा लाल रंग का दिखता है, जिसे ब्लड मून (Blood Moon) कहा जाता है। यह उसी तरह है जैसे सूरज के डूबने पर आसमान लाल-नारंगी रंग का दिखता है।