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एजुकेशन

UPSC Success Story: सिर्फ 1 रुपये सैलरी लेने वाले सबसे अमीर IAS, जानें यूपीएससी में कितनी थी रैंक

Who is IAS Amit Kataria: यूपीएससी तो सिर्फ नौकरियां बांटता है मगर कुछ लोग इसे देश सेवा की पहचान में बदल देते हैं। इन्हीं कुछ लोगों में एक आईएएस अधिकारी शामिल हैं, जिन्होंने अपने वेतन के तौर पर सिर्फ 1 रुपया ही लिया। मगर बावजूद इसके वे करोड़ों की जमीन, आलीशान बंगले और लग्जरी गाड़ियों के मालिक हैं और उन्हें भारत के सबसे अमीर नौकरशाहों में गिना जाता है। बावजूद इसके उन्होंने लोगों को अपने जज्बे का कायल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यही वजह है कि वे सबसे चर्चित आईएएस अधिकारियों की लिस्ट में हमेशा से शामिल रहे हैं। चलिये बात करते हैं अमित कटारिया की...

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IAS Amit Kataria Success Story: सरकारी नौकरी का सीधा मतलब माना जाता रहा है- सादा जीवन उच्च विचार। लेकिन अगर हम कहें कि एक ऐसा आईएएस अधिकारी भी है, जिसकी संपत्ति करोड़ों में है और वो सबसे अमीर IAS अधिकारी की श्रेणी में आते हैं, तो क्या आप यकीन करेंगे? जी हां! हम बात कर रहे हैं एक ऐसे अधिकारी की जो सैलरी के नाम पर सिर्फ 1 रुपये लेते थे मगर फिर भी उनकी नेट वर्थ करोड़ों रुपये है। मगर स्टाइल के साथ-साथ वे अपनी सादगी और देशप्रेम के लिये सोच को लेकर भी हमेशा चर्चा में रहे।

IAS Amit Kataria

IAS Amit Kataria

मिसाल हैं ये IAS अधिकारी

जिस अधिकारी की हम बात कर रहे हैं, वो हैं अपनी बेशुमार संपत्ति, स्टाइलिश लाइफस्टाइल और डिजाइनर कपड़ों के लिये अकसर सुर्खियों में छाए रहते हैं। इस अधिकारी का नाम है अमित कटारिया। हालांकि इनके पास बेशुमार दौलत है, मगर ये शुरू से ही देश के प्रति अपने लगाव और सेवा भाव को लेकर चर्चा में रहे हैं। अन्य अधिकारियों से इतर अमित कटारिया का फैशन सेंस ऐसा है, जिसके सामने बड़े-बड़े फिल्मी स्टार भी फीके लगने लगें। तो चलिये जानते हैं अमित कटारिया की कहानी, जो पावर और प्रॉपर्टी और देश के प्रति सेवा भाव... तीनों के मामले में टॉप पर हैं।

यूपीएससी में थी इतनी रैंक

अमित छत्तीसगढ़ कैडर के IAS ऑफिसर हैं। वे हरियाणा के गुरुग्राम से ताल्लुक रखते हैं और साल 2003 में यूपीएससी की परीक्षा पास कर 18वीं रैंक (All India Rank 18) हासिल की थी और वे आईएएस अधिकारी बने थे। परीक्षा में उन्होंने 18वीं रैंक हासिल की थी। दिल्ली आईआईटी से उनकी एजुकेशन हुई है और उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की डिग्री ली है। अब आप सोच रहे होंगे कि जब उन्होंने अपने वेतन के तौर पर सिर्फ 1 रुपया लिया तो भला वे सबसे अमीर आईएएस कैसे बन गए। तो बता दें कि अमित एक बिजनेस परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके परिवार का बिजनेस रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन में है।

अमित के पास स्ट्रॉन्ग फैमिली बैकग्राउंड

इस बिजनेस से उनके परिवार की अच्छी खासी आय होती है। साथ ही उनकी पत्नी अस्मिता भी एक कमर्शियल पायलट हैं, जो लाखों में सैलरी लेती हैं। अमित की कुल नेट वर्थ की बात करें तो ये लगभग 8 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। ये पैसा उनके परिवार के कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट के बिजनेस से आता है, जो अच्छे खासे एरिया में फैला हुआ है।

सिर्फ 1 रुपये सैलरी लेकर की देशसेवा

अब अगर उनके वेतन की बात करें तो जब अमित ने यूपीएससी ज्वाइन की थी, तो वे वेतन के तौर पर सिर्फ 1 रुपया ही लेते थे। ऐसा करना उनकी देश के प्रति सेवा को दर्शाना था। ऐसा करना किसी तरह का दिखावा नहीं बल्कि उनकी एक गहरी सोच थी। क्योंकि वे हमेशा से देश सेवा के भाव को प्राथमिकता देना चाहते थे। उनका मानना था कि उन्होंने इस नौकरी को पैसे कमाने के लिये नहीं बल्कि देश की सेवा करने के लिये चुना है। यही वजह है कि उन्होंने सिर्फ 1 रुपया ही सैलरी ली।

1 रुपया वेतन बना मिसाल

उनका परिवार हमेशा से ही संपन्न था। घर का बिजनेस और पत्नी अस्मिता का पायलट होना... ऐसे में वे संपन्न फैमिली बैकग्राउंड से थे। यही वजह है कि उन्हें कभी सरकारी वेतन की जरूरत नहीं महसूस हुई और उन्होंने वेतन लेने से इंकार कर दिया। ऐसे में देश में जब अफसरों की सैलरी और संपत्ति को लेकर सवाल उठते हैं तो उनका सिर्फ 1 रुपया वेतन लेना उनकी सादगी की मिसाल बन गया।

पीएम के साथ वायरल तस्वीर ने बढ़ाई मुसीबत

बताते चलें कि अमित एक बार तब भी चर्चा में आए थे, जब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करते हुए कैमरे में कैप्चर हुए थे। इस दौरान उन्होंने काला चश्मा पहना हुआ था, जो एक तरह से सरकारी प्रोटोकॉल का उल्लंघन भी था। इसके लिये उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी हुआ था। साल 2015 में वे पीएम मोदी से दंतेवाड़ा जिले में एक कार्यक्रम के दौरान मिले थे। तब वे बस्तर के कलेक्टर थे। उन्होंने डार्क ब्लू कलर का सूट और काला चश्मा पहना हुआ था। ऐसे में जब उन्होंने इस अटायर में पीएम मोदी का स्वागत किया तो मीडिया में ये बात बड़ी तेजी से फैल गई।

शो ऑफ करना कभी नहीं रहा मकसद

ऐसे में कुछ सीनियर ऑफिसर्स को ये लगा कि कलेक्टर का ये पहनावा सरकारी शिष्टाचार के खिलाफ है। ऐसे में PMO की तरफ से ये माना गया है कि ये प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। ऐसे में उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी हुआ। कहा गया कि अफसरों को ऐसे मौके पर सादगी और औपचारिकता का खास ख्याल रखना चाहिए। हालांकि कटारिया ने बाद में सफाई देते हुए कहा था कि सूरज की तेज रोशनी की वजह से उन्हें ये चश्मा पहनना पड़ा, क्योंकि उन्हें आंखों में एलर्जी की अकसर शिकायत रहती है। उन्होंने ये भी साफ किया कि ऐसा करने का उद्देश्य किसी भी तरह से शो ऑफ करना नहीं था। ऐसे में अमित कटारिया अपने ईमानदार और निडर प्रशासनिक रवैये के लिये भी चर्चा में रह चुके हैं।

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    कुसुम भट्ट author

    टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर एजुकेशन जर्नलिस्ट कार्यरत कुसुम भट्ट शिक्षा जगत से जुड़ी हर छोटी-ब...और देखें

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