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World Literacy Day: अब साक्षरता का मतलब सिर्फ 'क', 'ख', 'ग' नहीं! जानें विश्व साक्षरता दिवस का इतिहास और महत्व

World Literacy Day: साल 2025 के लिए विश्व साक्षरता दिवस बेहद अहम हो जाता है, क्योंकि आज के डिजिटल युग में सिर्फ पढ़ने लिखने की समझ होना ही काफी नहीं है बल्कि सोशल मीडिया और तकनीक की समझ होना भी बेहद जरूरी है। ऐसे में चलिये समझते हैं विश्व साक्षरता दिवस के इतिहास और महत्व के बारे में...
World Literacy Day 2025

World Literacy Day 2025 (Canva)

World Literacy Day 2025: हम पढ़ते हैं लिखते हैं, मोबाइल पर एक दूसरे को मैसेज भेजते हैं, न्यूज पढ़ते हैं और ATM से पैसे भी निकालते हैं। ये हम बड़ी ही आसानी से कर लेते हैं। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया में आज भी करोड़ों लोग ऐसे हैं, जो अपना नाम तक नहीं लिख सकते? ऐसे में विश्व साक्षरता दिवस (World Literacy Day) एक संकल्प है, हर व्यक्ति को साक्षर बनाने का और जिंदगी को शिक्षा के उजाले से जोड़ने का। हर साल 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है, जो हमें ऐसे दिन का याद दिलाता है कि शिक्षा सिर्फ एक अधिकार नहीं बल्कि बेहतर जीवन की कुंजी है।

डिजिटल युग में साक्षरता का महत्व

साल 2025 में हमारे लिये ये दिन इसलिये भी अहम हो जाता है क्योंकि तकनीक, डिजिटल नॉलेज और सोशल मीडिया के इस युग में अब सिर्फ पढ़ना-लिखना ही नहीं, बल्कि स्मार्ट साक्षरता की भी जरूरत है, जिसमें व्यक्ति न सिर्फ जानकारी को समझे बल्कि उसका उपयोग भी कर सके। ऐसे में आइये समझते हैं साक्षरता दिवस के इतिहास और महत्व को।

विश्व साक्षरता दिवस का इतिहास

यूनेस्को (UNESCO) ने 1966 के 14वें आम सम्मेलन के दौरान 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस (World Literacy Day) के तौर पर घोषित किया था। इसके बाद 8 सितंबर 1967 को पहली बार इसे मनाया गया। इसका उद्देश्य था- दुनियाभर में बढ़ रही अशिक्षा की समस्या को उजागर करना और लोगों को पढ़ने लिखने की ओर प्रेरित करना था। साक्षरता का मतलब सिर्फ पढ़ना लिखना ही नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता, जागरूकता और आत्मविश्वास को बढ़ाना भी है। क्योंकि एक साक्षर समाज ही तरक्की की राह पर आगे बढ़ सकता है। चाहे फिर वो तरक्की आर्थिक रूप से हो या फिर सामाजिक रूप से। जब विश्व साक्षरता दिवस की शुरुआत थी तो दुनिया में करोड़ों लोग अनपढ़ थे। ऐसे में यूनेस्को का ये मानना था कि बिना साक्षरता के कोई भी समाज तरक्की नहीं कर सकता।

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भारत जैसे देश जहां आज भी कई क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच काफी सीमित है, साक्षरता दिवस और भी ज्यादा मायने रखता है। भारत सहित कई ऐसे देश हैं, जहां आज भी करोड़ों लोग पढ़ना-लिखना नहीं जानते। ऐसे में डिजिटल दौर में जहां मोबाइल-ऑनलआइन बैंकिंग, फॉर्म भरना और न्यूज पढ़ना बेहद आम बात है, वहां अनपढ़ होना एक बहुत बड़ी चुनौती है।

अब साक्षरता सिर्फ अक्षर पहचानना नहीं

आज के साक्षरता का मतलब सिर्फ अक्षर भर पढ़ने मात्र का नहीं रह गया है। बल्कि ये मोबाइल और कंप्यूटर चलाना (Digital Literacy), पैसे और बैंकिंग की समझ (Financial Literacy), सही-गलत खबर पहचानना (Media Literacy) और अपनी और दूसरों की भावनाओं को समझना (Emotional Literacy) हो चुका है। इसलिये 2025 में साक्षरता का मतलब है एक ऐसा इंसान जो न सिर्फ पढ़ सके बल्कि सोच-समझ सके और समाज में किसी न किसी तरह से योगदान दे सके।

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