How to become Mobile Engineer: मोबाइल इंजीनियर बनने के लिए कोर्स के साथ-साथ जरूरी एक्सपीरियंस और स्किल्स भी चाहिए। अगर आप भी एप्पल जैसी दिग्गज कंपनियों के साथ काम करने का सपना देखते हैं तो इस लेख में पढ़िये टॉप BTech कॉलेज, जरुरी नॉलेज, कॉलेजों की फीस और हर जरूरी जानकारी। इसके साथ ही इस फील्ड में नौकरी की संभावनाओं के बारे में...
Mobile Engineer job: हाल ही में एप्पल का iPhone 17 लॉन्च हुआ है। इस सीरीज की धमाकेदार एंट्री के बाद से आईफोन लेने वालों की तो होड़ सी लग गई। कंपनी ने 17 सीरीज में iPhone 17, iPhone 17 Air, iPhone 17 Pro और iPhone 17 Pro Max को ग्लोबल मार्केट में उतारा है। सीरीज में शामिल फोन के फीचर्स के अलावा फोन के डिजाइन की भी खूब चर्चा है। आईफोन की इस सीरीज में फोन के स्लीक डिजाइन iPhone लवर्स को अट्रैक्ट कर रहे हैं। ऐसे में इन्हें ये डिजाइन देने वाले अबिदुर चौधरी की हर तरफ चर्चा हो रही है। आईफोन की डिजाइनिंग में अबिदुर का खास रोल है। अगर आप भी अबिदुर चौधरी की तरह बड़ी-बड़ी टेक कंपनियों के साथ जुड़कर काम करना चाहते हैं तो सबसे पहले तो ये जान लीजिये कि मोबाइल इंजीनियर बनते कैसे हैं। साथ ही इस लेख में जानेंगे किन कॉलेज से पढ़कर आप ये पेशा अपना सकते हैं, इसकी फीस कितनी है और इस फील्ड में नौकरी की कितनी और कैसी-कैसी संभावनाएं हैं।
Mobile Engineer
अगर आप भी इस फील्ड में जाने का सपना देख रहे हैं या फिर आपको भी Apple जैसी दिग्गज टेक कंपनी के साथ काम करने का मौका चाहिए तो सबसे पहले तो इस बात को जानना बेहद जरूरी है कि आपकी योग्यता किस-किसी चीज में होनी चाहिए। मोबाइल इंजीनियर बनने के लिए कंप्यूटर साइंस औऱ इंजीनियरिंग में बी.टेक करना जरूरी है। इस कोर्स में मोबाइल एप्लीकेशन का स्पेशलाइजेशन होना अनिवार्य है। इससे Android और iOS जैसे एप्लीकेशन पर आपकी स्किल बढ़ेगी।
बताते चलें कि इस फील्ड में करियर की अपार संभावनाएं हैं साथ ही आने वाले वक्त में इस फील्ड में काम करने वाले लोगों की डिमांड में भारी इजाफा भी देखने को मिलेगा। ऐसे में ये आपके लिये बेस्ट करियर हो सकता है।
इस फील्ड में आने के लिये मोबाइल एप्लीकेशन डेवलपमेंट, फुल स्टैक डेवलपमेंट और सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग जैसे कोर्सेज जरूरी हैं।
मोबाइल एप्लीकेशन डेवलपमेंट- इस कोर्स के जरिये खासकर मोबाइल फोन और टेबलेट्स के लिये ऐप बनाने की पढ़ाई करते हैं।
फुल स्टैक डेवलपमेंट- इसमें वेब और मोबाइल ऐप के दोनों हिस्सों जैसे कि यूजर वाला हिस्सा और बैकएंड सर्वर वाले हिस्से की पढ़ाई होती है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग- इसमें सॉफ्टवेयर बनाने, डिजाइन करने और उसे ठीक रखने की तकनीकें सिखाई जाती हैं।
इन स्पेशलाइजेशन्स में मोबाइल ऐप के डेवलपमेंट के लिये Java, Kotlin, Swift और फ्रेमवर्क जैसे कि Flutter, React Native जैसे जरूरी टूल्स सिखाए जाते हैं।
B.Tech प्रोग्राम पूरे 4 साल का होता है। इसके लिये कुछ फेमस यूनिवर्सिटीज हैं-
पूर्णिमा यूनिवर्सिटी, जयपुर (Poornima University, Jaipur): तीन साल के मोबाइल एप्लीकेशन और फुल स्टैक डेवलपमेंट के BCA प्रोग्राम के लिये यहां 3.90 लाख रुपये फीस होती है।
यूपीईएस देहरादून: UPES Dehradun: यहां CSE में B.Tech की फीस 2.74 लाख रुपये है। इशमें मोबाइल एप्लीकेशन डेपलपमेंट जैसे स्पेशलाइजेशन भी हैं।
जीडी गोयंका यूनिवर्सिटी (GD Goenka university): गुड़गांव में स्थित इस यूनिवर्सिटी में B.Tech की फीस 10.25 लाख रुपये है। ये अपने कोर्स में मोबाइल एप डेवलपमेंट का स्पेशलाइजेशन भी है।
बताते चलें कि इन कॉलेज में स्पेशलाइजेशन के अनुसार कोर्सेज की फीस में कुछ बदलाव भी आ सकता है। अगर आपको इन कोर्सेज की ज्यादा जानकारी चाहिए तो इन सभी इंस्टीट्यू्ट्स से लेटेस्ट जानकारी लें।
Mobile Engineer (iStock)
मोबाइल इंजीनियर बनना है तो ये स्किल्स जरूरी:
ये तो रही कोर्सेज की बात। लेकिन मोबाइल इंजीनियर बनने के लिए आपके पास कुछ स्किल्स भी होनी जरूरी हैं। आपको प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (Java, Kotlin, Swift) की अच्छी खासी समझ होनी चाहिए। ये सभी भाषाएं ऐप बनाने की बुनियादी जरूरते हैं। इसके साथ ही मोबाइल डेवलपमेंट फ्रेमवर्क की समझ भी होनी चाहिए। Flutter और React Native जैसे फ्रेमवर्क से आप एक साथ Android और iOS दोनों के ही लिये ऐप बना सकते हैं। इन फ्रेमवर्क्स की हेल्प से ऐप डेवलपमेंट और भी ज्यादा आसान और तेजी से बनता है।
इसके साथ ही डेवलपमेंट टूल्स की नॉलेज भी जरूरी है। Android Studio (एनड्रॉइड) और XCode (iOS) का इस्तेमाल ऐप्स बनाने और टेस्ट करने के लिये सीखना बेहद जरूरी है। साथ ही ऐप बनाने के लिये UI/UX डिजाइन की भी समझ होनी चाहिए। ऐप की डिजाइनिंग बेहद जरूरी है और ये ऐसी होनी चाहिए, जो यूजर्स आसानी से इस्तेमाल कर सके। इसके साथ ही एक यूजर एक्सपीरियंस के लिये अच्छा यूजर इंटरफेस और एक्सपीरियंस ऐप की सक्सेस भी बेहद जरूरी है।
इन चीजों पर समझ बेहद जरूरी
मोबाइल इंजीनियर बनने के लिये API और बैकएंड की नॉलेज होनी जरूरी है। मोबाइल ऐप को सर्वर से जोड़ने के लिए REST API और Firebase जैसी टेक्नीक्स की समझ होनी चाहिए। इससे ऐप में डेटा को सही तरीके से भेजा और लिया जा सकता है। इसके साथ ही गिट (GIT) जैसे वर्जन कंट्रोल सिस्टम भी आने चाहिए। ये प्रोजेक्ट्स के बदलावों को ट्रैक करता है।
अब आते हैं प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल पर। अगर ऐप के डेवलेपमेंट में कोई टेक्निकल एरर आता है, तो उसे जल्दी और सही तरीके से हल करना आना चाहिए। इसके साथ ही कम्यूनिकेशन स्किल्स भी अच्छी होनी चाहिए। टीम में अच्छी तरह से बातचीत और क्लाइंट की जरूरतों को समझना भी बेहद जरूरी है। इसके अलावा नई तकनीकों के साथ अपडेट रहना भी जरूरी है। मोबाइल टेक्नोलॉजी हर दिन बदलती रहती है और ऐसे में नए टूल्स और लैंग्वेजेस को सीखने रहना चाहिए।
इसके अलावा हर साल बीटेक के कोर्सेज में एडमिशन के लिये एग्जाम्स कंडक्ट करवाए जाते हैं। इन एग्जाम में स्कोर, रैंकिंग और मेरिट लिस्ट के बेस पर अलग-अलग कोर्स में एडमिशन होता है।
JEE Main: इस परीक्षा के जरिये एनआईटी (National Institutes of Technology in India), आईआईटी (Indian Institute of Technology) और जीएफटीआई (Government Funded Technical Institutes) में बीटेक एडमिशन लिया जाता है।
JEE Advance: बीटेक प्रोग्राम में एडमिशन के लिये जेईई एडवांस क्वालिफाई करना जरूरी है। जेईई एडवांस में जेईई मेन क्वालिफाई करने वाले टॉप 2.5 लाख छात्र शामिल होते हैं।
वीआईटीईईई (VITEEE): वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग की एक ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा है, जो छात्रों को VIT के अलग-अलग परिसरों में इंजीनियरिंग प्रोग्राम्स में प्रवेश के लिये आयोजित की जाती है।
एमएचटी सीईटी (MHT CET): इसके जरिये छात्र महाराष्ट्र में बीटेक इंस्टीट्यूट्स में प्रवेश के लिये अप्लाई कर सकते हैं।
टीएस ईएएमसीईटी (TS EAMCET): ये छात्रों को उनके एंट्रेंस एग्जाम रिजल्ट के आधार पर तेलंगाना सरकार के संस्थानों में प्रवेश दिलाता है।
बिटसैट: बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस यूनिवर्सिटी स्तरीय इंजनीयरिंग एंट्रेंस एग्जाम, बिटसैट ऑनलाइन मोड में आयोजित करता है और फिर इसके जरिये छात्र इसके तीन कैंपस में एडमिशन पाते हैं।
मोबाइल इंजीनियरिंग में करियर के ऑप्शन
बताते चलें कि मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग हर जगह बड़ी तेजी से बढ़ रहा है और ऐसे में मोबाइल इंजीनियर्स की डिमांड भी तेजी से बढ़ी है। मोबाइल इंजीनियरिंग के फील्ड में कई तरह की नौकरियां मौजूद हैं जैसे- मोबाइल ऐप डेवलपर, फुल स्टैक डेवलपर, UI/UX डिजाइनर, क्वालिटी इंश्योरेंस इंजीनियर और सॉफ्टवेयर इंजीनियर।
छोटे स्टार्टअप्स से लेकर गूगल, अमेजन, एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों को इन इंजीनियर्स की समय-समय पर जरूरत पड़ती रहती है। कंपनी में काम करने की बजाय आप फ्रीलांसिग भी कर सकते हैं और मोबाइल ऐप्स बनाकर अच्छे-खासे पैसे भी कमा सकते हैं। एक बार कोर्स करने और स्किल्स सीखने के बाद आप खुद का मोबाइल ऐप भी बना सकते हैं और अपनी कंपनी भी खड़ी कर सकते हैं।
शुरुआत में मोबाइल डेवलपर की सैलरी 3 से 6 लाख वार्षिक हो सकती है। मगर जैसे -जैसे एक्सपीरियंस और स्किल्स बढ़ती रहती हैं, ये बढ़कर 10 लाख से कहीं ज्यादा हो सकती है। मोबाइल इंजीनियरिंग एक ग्लोबल स्किल है, जिससे न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों में भी नौकरी पाने का मौका मिल सकता है।
iPhone 17 के डिजाइनर अबिकुर कितने पढ़े-लिखे?
आईफोन की लेटेस्ट सीरीज के डिजाइन अबिदुर की बात करें तो उन्होंने लफबरो यूनिवर्सिटी से प्रोडक्ट डिजाइनिंग की है। इसमें उनके पास बैचलर ऑफ डिजाइन की डिग्री है। इसके बाद उन्होंने कैंब्रिज कंसल्टेंट्स और कर्वेटा जैसी बड़ी नामी कंपनियों में इंटर्नशिप की और फिर फ्रीलांसर के तौर पर काम किया। इसके बाद वे एप्पल से जुड़े और अब वे Apple के बड़े प्रोजेक्ट्स में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अबिदुर के पोर्टफोलियो से ये बात तो साफ है कि उन्होंने एजुकेशन के साथ-साथ एक्सपीरियंस भी लिया और फिर जाकर वे एप्पल जैसी बड़ी कंपनी के साथ जुड़े।