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चीन ने सैन्य परेड में दिखाए कौन-कौन से हथियार, क्या है ड्रैगन की मंशा?

अपने हथियारों को लेकर हमेशा गोपनीयता बरतने वाले चीन ने इस बार खुलकर इनका प्रदर्शन किया। आइए जानते हैं कि चीन ने कैसे-कैसे हथियार दुनिया को दिखाए और इसके पीछे उसका मकसद क्या है।
china parade

चीन ने दुनिया को दिखाई ताकत (AP/Sputnik)

चीन ने एक बार दुनिया को ताकतवर और मॉडर्न हथियारों से अपनी ताकत का अहसास कराया है। चीन ने बुधवार को विक्ट्री डे परेड में अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए जेट लड़ाकू विमान, मिसाइल और अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध हार्डवेयर सहित अपने कुछ चुनिंदा आधुनिक हथियारों को पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखाया। इस दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और ईरान, मलेशिया, म्यांमार, मंगोलिया, इंडोनेशिया के शीर्ष नेताओं सहित 26 विदेशी नेता मौजूद थे। अपने हथियारों को लेकर हमेशा गोपनीयता बरतने वाले चीन ने इस बार खुलकर इनका प्रदर्शन किया। आइए जानते हैं कि चीन ने कैसे-कैसे हथियार दुनिया को दिखाए और इसके पीछे उसका मकसद क्या है।

DF-5C बैलिस्टिक मिसाइल

DF-5C चीन की पहली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल DF-5 सीरीज का एडवांस वर्जन है। इसकी मारक क्षमता 13,000 किमी (8,078 मील) से अधिक है। माना जाता है कि DF-5C में 10 स्वतंत्र रूप से लक्षित री-एंट्री व्हीकल वारहेड तक ले जाने की क्षमता है। ये चीन का सबसे खतरनाक मिसाइल है और इसकी दूरी बताती है कि अमेरिका भी इसकी जद में है।

H-6J लंबी दूरी का बमवर्षक

परेड में चीन ने H-6J बमबर्षक कियाहै, जो H-6 लंबी दूरी के बमवर्षक का एक आधुनिक नौसैनिक वर्जन है। इसे H-6K वर्जन से मॉडिफाई किया गया है ताकि इसका इस्तेमाल समुद्री आक्रमण के लिए किया जा सके। इसे पुराने H-6G मॉडल की जगह लेने के लिए डिजाइन किया गया है। H-6J में एडवांस इंजन और एवियोनिक्स के साथ एक नया एयरफ्रेम है, और यह सुपरसोनिक YJ-12 एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों से लैस है।

करियर-बेस्ड एयरक्राफ्ट

यहां चार प्रकार के करियर-बेस्ड एयरक्राफ्ट प्रदर्शित किए गए। इनमें J-35 और J-15T शामिल हैं। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, J-15T कैटापुल्ट या स्की-जंप लॉन्च सिस्टम का उपयोग करके उड़ान भर सकता है। J-15DT एक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध करियर-आधारित एयरक्राफ्ट है जो किसी भी सिस्टम का इस्तेमाल करके लॉन्च किया जा सकता है। शिन्हुआ का कहना है कि उसका सबसे नया स्टील्थ करियर बेस्ड लड़ाकू विमान जे-35 समुद्री रक्षा के लिए एक जबरदस्त हथियार है। शिन्हुआ का कहना है कि जे-15डीएच, जे-15डीटी और जे-35, सभी चीन ने खुद ही विकसित किए हैं।

J-20S विमान

परेड में J-20 विमान के लेटेस्ट वर्जन सामने आए। दो सीटों वाला J-20S विमान का इस्तेमाल लड़ाकू ड्रोन को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है, और एडवांस इंजन वाला J-20A भी उसके पास है। इसके अलावा उसके पास J-35A भी है, जो दूसरी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू जेट का जमीनी वर्जन है। यहां नौसेना का J-35 भी दिखाई दिया, जिसका नवंबर में झुहाई एयर शो में अनावरण किया गया था। इसमें छह हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें हैं, जबकि इसका पेलोड 8 टन है।

DF-26D एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल

PLA रॉकेट फोर्स ने हाल ही में अपनी नई DF-26D मिसाइल का अनावरण किया था, जो DF-26 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का एक प्रकार है। यह परमाणु और पारंपरिक दोनों तरह के हथियार ले जा सकती है और बताया जाता है कि इसकी मारक क्षमता 5,000 किमी (3,107 मील) तक है। इसे "गुआम किलर" इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका इस्तेमाल गुआम में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किया जा सकता है, जो ताइवान जलडमरूमध्य संघर्ष में अहम भूमिका निभा सकते हैं। DF-26D को एक एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल माना जाता है। कहा जाता है कि इसे पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी नौसैनिक ठिकानों को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।

CJ-1000 लंबी दूरी की हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल

चीन ने नई CJ-1000 लंबी दूरी की हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी प्रदर्शित की। हालांकि इसके बारे में बहुत कम जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि इसका डिज़ाइन अक्टूबर 2019 में अनावरण किए गए DF-100 के समान है, जिसमें मध्यवर्ती और अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों के बीच कई हजार किलोमीटर की दूरी है, जो इसे रणनीतिक लंबी दूरी की स्ट्राइक क्षमता के लिए उपयुक्त बनाता है।

बैलिस्टिक मिसाइलों का मुकाबला करने के लिए HQ-29

परेड में नई एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम HQ-29 भी दिखाई गई। माना जाता है कि यह एक उच्च-ऊंचाई वाला इंटरसेप्टर है जिसे बैलिस्टिक मिसाइलों को पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर निम्न-पृथ्वी कक्षा में उपग्रहों का मुकाबला करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह अमेरिकी नौसेना के SM-3 इंटरसेप्टर की तर्ज पर बनाया गया है।

HQ-11 एयर डिफेंस सिस्टम

यहां HQ-11 भी दिखाया गया जो एक मोबाइल लघु-से-मध्यम-दूरी एयर डिफेंस सिस्टम है। FM-3000 के नाम से भी जानी जाने वाली यह प्रणाली टर्मिनल पॉइंट डिफेंस के लिए डिजाइन की गई है, जिसमें एक वर्टिकल लॉन्च मिसाइल बैटरी LD-3000 को एक क्लोज-इन वेपन सिस्टम के साथ जोड़ा गया है। इसे 30 किमी दूर के एयरक्राफ्ट और 20 किमी. दूर की मिसाइलों को गिराने के लिए बनाया गया है।

चीन क्यों निकलता है विक्ट्री डे परेड?

चीन हर साल 3 सितंबर के दिन विक्ट्री डे परेड निकालता है। दरअसल, द्वितीय विश्व युद्ध में जापानी आक्रमण के खिलाफ चीन की जीत की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में परेड निकाली जाती है जिसमें सैकड़ों सैनिक हिस्सा लेते हैं और आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध में जापानी आक्रमण के विरुद्ध चीन के प्रतिरोध युद्ध की स्मृति में आयोजित परेड में विदेशी नेताओं की मौजूदगी को जापान को पसंद नहीं करता है। इसे लेकर जापान-चीन के बीच कूटनीतिक विवाद भी हुआ। जापान ने विश्व नेताओं से इसमें भाग नहीं लेने का आग्रह किया था।

इसे लेकर चीन ने जापान के समक्ष कूटनीतिक विरोध दर्ज कराया था।

क्या है चीन का मकसद?

चीन का मकसद किसी से छुपा हुआ नहीं है। चीन अपने वैश्विक प्रभाव और सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहा है, जिसे शी जिनपिंग की छवि को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। बीजिंग ने ऐतिहासिक तियानमेन चौक पर परेड का आयोजन कर दुनिया को बताया कि वह आलोचनाओं की परवाह नहीं करता है। अपने हथियारों को लेकर चीन हमेशा गोपनीयता बरतता है, लेकिन इस बार उसने अपने अत्याधुनिक हथियारों का खुलकर प्रदर्शन किया है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का दावा है कि ये हथियार अमेरिकी सेना के हथियारों से मेल खाते हैं। साफ जाहिर है कि चीन जियोपॉलिटिक्स के नए दौर में वर्ल्ड ऑर्डर बदलना चाहता है और अमेरिका को खुलकर चुनौती दे रहा है। चीन की मंशा अपनी ताकत बढ़ाकर अधिकतर देशों, जिनमें यूरोप भी शामिल है, अपने पाले में करने की है। डोनाल्ड ट्रंप जैसे शख्स ने चीन को ऐसा करने का मौका भी दे दिया है। ट्रंप ने मित्र देशों पर ही टैरिफ लगाकर खलबली मचा दी है। उसका सबसे बड़ा शिकार बना है भारत जो चीन की मनमानी के खिलाफ खुलकर सामने खड़ा था, लेकिन ट्रंप की टैरिफ नीति ने भारत को भी फिलाहल चीन के थोड़ा करीब आने पर मजबूर कर दिया है।

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अमित कुमार मंडल author

पत्रकारिता के सफर की शुरुआत 2005 में नोएडा स्थित अमर उजाला अखबार से हुई जहां मैं खबरों की दुनिया से रूबरू हुआ। यहां मिले अनुभव और जानकारियों ने खबरों ...और देखें

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