बदलते मौसम में वायरल फीवर, सर्दी-जुकाम से बचाएंगे ये आयुर्वेदिक उपाय, भारी बारिश के बाद भी नहीं छू पाएंगे ये बीमारियां

Ayurvedic Tips To Prevent Viral Infection
Ayurvedic Tips To Prevent Viral Infection, Fever Cold And Cough: बरसात और बदलते मौसम में अक्सर वायरल फीवर, खांसी-जुकाम और गले की खराश जैसी समस्याएं तेजी से फैलती हैं। डॉक्टरों के पास मरीजों की भीड़ बढ़ने लगती है और हर दूसरा इंसान सर्दी-जुकाम से जूझता दिखाई देता है। ऐसे समय में अगर हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) मजबूत रखें तो इन बीमारियों से बचना आसान हो सकता है। आयुर्वेद में कई ऐसे सरल और असरदार नुस्खे बताए गए हैं, जो आपको अस्पताल जाने से बचा सकते हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक हेल्थ इन्फ्लूएंसर और आयुर्वेदिक डॉक्टर चैताली राठौर ने भी कुछ प्रभावी उपाय शेयर किए हैं। इस लेख में हम आपको इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं....
1. गर्म पानी पीना सबसे जरूरी
आयुर्वेद के अनुसार दिनभर गर्म पानी या उबला हुआ पानी पीना चाहिए। इससे शरीर की सफाई होती है, गले में बैक्टीरिया या वायरल इन्फेक्शन पनपने का खतरा कम होता है और पाचन शक्ति भी मजबूत रहती है। बारिश और ठंडे मौसम में ठंडा पानी या फ्रिज का पानी बिल्कुल न पिएं।
2. मौसमी खानपान अपनाएं
बदलते मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हमेशा ताजा, गरम और हल्का भोजन करना चाहिए। बासी, ठंडी और भारी चीजें सर्दी-जुकाम और बुखार को बढ़ा सकती हैं। ऐसे समय में हरी सब्जियां, दाल और हल्की खिचड़ी सेहत के लिए बेहतरीन विकल्प हैं।
3. तुलसी-गिलोय की चाय है रामबाण
डॉ. चैताली राठौर के अनुसार तुलसी और गिलोय इम्युनिटी बूस्टर माने जाते हैं। इनकी चाय में काली मिर्च और धनिया के बीज मिलाकर पीने से शरीर को वायरल इंफेक्शन, खांसी-जुकाम और एलर्जी से बचाव मिलता है। यह चाय सूजन कम करने और गले की खराश ठीक करने में भी मदद करती है।
4. अदरक और हल्दी के नुस्खे
सूखी अदरक (सौंठ) खांसी, जुकाम और बुखार में बेहद लाभकारी है। बरसात और सर्दी में इसका इस्तेमाल करने से इन्फेक्शन कम होता है। इसके अलावा हल्दी और नमक डालकर गुनगुने पानी से गरारे करने पर गले का दर्द और खराश दूर होती है और बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं।
5. लंघन और आराम पर ध्यान दें
आयुर्वेद में ‘लंघन’ यानी उपवास को बुखार और वायरल इन्फेक्शन में असरदार माना गया है। हल्का उपवास या सिर्फ सुपाच्य भोजन लेने से शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है। इसके साथ ही पर्याप्त नींद लेना और शरीर को आराम देना बहुत जरूरी है।
6. घरेलू नुस्खे और डाइट का महत्व
यदि गले में दर्द या टॉन्सिल्स की समस्या हो तो घी में भुनी हुई लौंग चबाना फायदेमंद है। साथ ही, बुखार में मूंग दाल का सूप सबसे अच्छा भोजन माना जाता है। यह हल्का, पचने में आसान और सूजन कम करने वाला होता है।
बदलते मौसम में वायरल फीवर और सर्दी-जुकाम से बचने का सबसे अच्छा तरीका है अपनी इम्युनिटी को मजबूत रखना। आयुर्वेदिक नुस्खों जैसे गिलोय-तुलसी की चाय, अदरक-हल्दी का सेवन, गर्म पानी और हल्का भोजन आपकी सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर चैताली राठौर की मानें तो इन उपायों को अपनाने से अस्पताल के खर्चे भी बचेंगे और सेहत भी दुरुस्त रहेगी।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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