Ayurvedic Benefits OF Navratri Fast: नवरात्रि व्रत सिर्फ आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि आयुर्वेद के अनुसार यह बॉडी-माइंड डिटॉक्स का सबसे असरदार तरीका है। उपवास से पाचन सुधरता है, शरीर हाइड्रेटेड रहता है, वजन नियंत्रित होता है और मन को शांति मिलती है। डॉ. चंचल शर्मा के अनुसार फास्टिंग से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
Ayurvedic Benefits OF Navratri Fast: नवरात्रि का समय पूरे भारत में आध्यात्मिकता और भक्ति का पर्व माना जाता है। लोग इन नौ दिनों में मां दुर्गा की उपासना करते हैं और उपवास रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद के अनुसार नवरात्रि व्रत सिर्फ धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बेहद लाभकारी है? उपवास यानी फास्टिंग को आयुर्वेद शरीर और मन को डिटॉक्स करने का सबसे आसान तरीका मानता है।
Ayurvedic Benefits OF Navratri Fast
इस दौरान हम हल्के और सात्विक आहार का सेवन करते हैं, जिससे पाचन तंत्र को आराम मिलता है और शरीर से टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं। इतना ही नहीं, व्रत के दौरान मन शांत होता है, इन्द्रियों पर नियंत्रण बढ़ता है और शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है। हेल्थ इन्फ्लूएंसर, आयुर्वेदिक गाइनकोलॉजिस्ट और फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ. चंचल शर्मा (MD Ayurveda, Director – Aasha Ayurveda) बताती हैं कि नवरात्रि व्रत को अगर सही तरीके से अपनाया जाए, तो यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, वजन नियंत्रित करने में मदद करता है और अंदर से शरीर को शुद्ध करता है।
डॉ. चंचल शर्मा के अनुसार, 'आयुर्वेद में "अग्नि" यानी डाइजेस्टिव फायर को शरीर की सेहत की जड़ माना गया है। जब हम रोजाना तेल-मसाले से भरपूर भोजन करते हैं, तो यह अग्नि कमजोर हो जाती है। नवरात्रि व्रत में जब हम फल, दूध, कुट्टू का आटा और साबूदाना जैसे हल्के व पौष्टिक आहार लेते हैं, तो पाचन तंत्र को आराम मिलता है और शरीर से विषाक्त पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते हैं।'
इन्द्रियों और मन पर नियंत्रण
उपवास का फायदा सिर्फ शरीर को ही नहीं, बल्कि मन को भी होता है। नवरात्रि के दौरान जब हम पूजा-पाठ और साधना करते हैं, तो आत्मिक शुद्धि होती है। इससे हमारी एकाग्रता बढ़ती है, विचार स्पष्ट होते हैं और मन को गहरी शांति मिलती है। आयुर्वेद के अनुसार मन और शरीर का संतुलन हमें रोगों से जल्दी रिकवर करने में मदद करता है।
शरीर रहता है हाइड्रेटेड
फास्टिंग के दौरान खाए जाने वाले फल और दूध जैसे खाद्य पदार्थों में पानी की मात्रा अधिक होती है। इससे शरीर हाइड्रेटेड रहता है और कोशिकाओं का पुनर्जन्म होता है। जब शरीर में नमी बनी रहती है, तो टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं और त्वचा पर स्वाभाविक निखार आ जाता है।
माइंडफुलनेस और पॉजिटिव एनर्जी
नवरात्रि के दौरान लोग तामसिक आहार (प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा) का सेवन बंद कर देते हैं और सिर्फ सात्विक भोजन करते हैं। सात्विक आहार न केवल शरीर को हल्का रखता है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करता है। यही कारण है कि व्रत के दिनों में लोग मानसिक रूप से ज्यादा शांत और ऊर्जावान महसूस करते हैं।
वजन कंट्रोल और बेहतर मेटाबॉलिज्म
डॉ. चंचल शर्मा बताती हैं कि आयुर्वेद में रोगों का इलाज दोषों के संतुलन से होता है। उपवास के दौरान शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज होता है और पाचन शक्ति भी सुधरती है। इसका सीधा असर वजन पर पड़ता है। जब वजन नियंत्रित रहता है, तो मोटापे से जुड़ी कई बीमारियां जैसे डायबिटीज, हाई बीपी और हार्ट प्रॉब्लम से बचाव होता है।
नवरात्रि व्रत सिर्फ धार्मिक कर्तव्य नहीं है, बल्कि यह बॉडी और माइंड दोनों का डिटॉक्स करने का बेहतरीन तरीका है। आयुर्वेद के अनुसार उपवास से पाचन सुधरता है, शरीर हाइड्रेटेड रहता है, इन्द्रियां नियंत्रित होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। इसलिए इस नवरात्रि, व्रत को केवल आस्था के लिए नहीं बल्कि सेहत के लिए भी अपनाएं।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।