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उरी के शहीदों को भारतीय सेना ने दी श्रद्धांजलि; सर्जिकल स्ट्राइक से ऑपरेशन सिंदूर तक बदल गई आतंक-रोधी नीति

इस हमले के दस दिन बाद, 28 सितम्बर की रात, भारतीय सेना के कमांडो नियंत्रण रेखा (LoC) पार कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बने कई आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर लौटे। यह सर्जिकल स्ट्राइक न केवल उरी हमले का बदला था बल्कि देश की आतंक-रोधी रणनीति में एक नए दौर की शुरुआत भी थी।
उरी के शहीदों को भारतीय सेना ने दी श्रद्धांजलि; सर्जिकल स्ट्राइक से ऑपरेशन सिंदूर तक बदल गई आतंक-रोधी नीति

भारतीय सेना ने आज उन 18 सैनिकों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की, जो 2016 के उरी आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। आठ वर्ष पहले इसी दिन, चार जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने उरी स्थित सेना मुख्यालय पर हमला किया था, जो जम्मू-कश्मीर में हाल के वर्षों का सबसे बड़ा हमला माना जाता है।

हम अपने वीरों के पराक्रम और बलिदान का सम्मान करते हैं।

भारतीय सेना ने दी सैनिकों को श्रद्धांजलि

चिनार कोर हमारे वीरों के अदम्य साहस और निस्वार्थ बलिदान का सम्मान करता है, जिन्होंने एक नृशंस आतंकवादी हमले का अदम्य साहस के साथ सामना किया और जम्मू-कश्मीर के उरी में भारतीय सेना के शिविर की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनकी अद्वितीय वीरता और बलिदान हमें प्रेरित करते रहते हैं और हमारी सामूहिक स्मृति में सदैव अंकित रहेंगे।

चिनार कोर शांति बनाए रखने और आतंक-मुक्त कश्मीर सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है, सेना ने एक पोस्ट में कहा। इस हमले के दस दिन बाद, 28 सितम्बर की रात, भारतीय सेना के कमांडो नियंत्रण रेखा (LoC) पार कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बने कई आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर लौटे। यह सर्जिकल स्ट्राइक न केवल उरी हमले का बदला था बल्कि देश की आतंक-रोधी रणनीति में एक नए दौर की शुरुआत भी थी।

सीमा में आतंकवाद फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा

भारत ने बार-बार यह साबित किया कि सीमा पार से आतंकवाद फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों की शहादत के बाद, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा स्थित बालाकोट में जैश के प्रशिक्षण शिविर पर एयर स्ट्राइक की। आने वाले वर्षों में, ड्रोन, तोपखाने और गुप्त अभियानों के जरिये पाकिस्तान की धरती पर बने आतंकवादी नेटवर्क पर लगातार दबाव बनाए रखा गया।

सबसे हाल ही में मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के तहत सेना ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंक ढांचे को निशाना बनाया। मिसाइलों, ड्रोन और वायुसेना की ताकत से की गई इस कार्रवाई को 2019 के बाद सबसे निर्णायक माना गया। उरी से लेकर बालाकोट और अब सिंदूर तक, भारत की सैन्य कार्रवाइयों ने न केवल घाटी में आतंक-रोधी माहौल को नई दिशा दी है बल्कि नियंत्रण रेखा के उस पार भी यह स्पष्ट संदेश भेजा है: भारत की सरजमीं पर किसी बड़े आतंकी हमले का जवाब तेज और करारा होगा।

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    सुहैल नाजिर भट्ट author

    सुहैल साहिल भट्ट को 8 साल का घाटी में रिपोर्टिंग का तजुर्बा है। राजनीति और कश्मीर के हर हलचल पर पैनी नजर।और देखें

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