बीजेपी सांसद अनिल बलूनी उत्तराखंड में भूस्खलन से बाल-बाल बचे, साझा किया वीडियो

बीजेपी सांसद अनिल बलूनी ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा किया (फोटो - एक्स)
देहरादून: भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनिल बलूनी ने उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्र से एक डरावना वीडियो साझा किया जिसमें वह भूस्खलन के दौरान उस स्थान पर खड़े थे। इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि अचानक पहाड़ से पत्थर तेजी से गिरने लगते है। बलूनी लगातार बारिश और बादल फटने से उत्पन्न संकट के बीच प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि तबाही ने राज्य पर गहरे घाव छोड़े हैं, जिन्हें भरने में समय लगेगा। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में राज्यसभा सांसद ने लिखा कि डरावने दृश्य उत्तराखंड में हो रही प्राकृतिक आपदा को दर्शाते हैं।
बलूनी ने कहा कि इस साल की भारी बारिश और उत्तराखंड में भूस्खलनों ने ऐसे गहरे घाव दिए हैं कि उन्हें भरने में काफी समय लगेगा। मैं आपसे एक भूस्खलन का डरावना वीडियो साझा कर रहा हूं जो आपदा प्रभावित क्षेत्र से है। वीडियो खुद इस प्राकृतिक आपदा की गंभीरता को दिखाते हैं जो हमारे उत्तराखंड में इस समय हो रही है। बलूनी ने एक्स पर वीडियो पोस्ट कर यह बातें कही है।
बलूनी ने एक्स पर डाला वीडियो
उन्होंने कहा कि मैं बाबा केदारनाथ से सभी लोगों की सुरक्षा, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की प्रार्थना करता हूं। इस आपदा के समय, मैं सभी अधिकारियों, एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के कर्मियों, प्रशासन और श्रमिकों की सेवा और समर्पण की दिल से सराहना करता हूं, जो कठिन परिस्थितियों के बावजूद, लगातार रास्तों से मलबा हटाने में लगे हुए हैं।
चमोली में बादल फटने से 10 लोग लापता, छह घर बहे
उत्तराखंड के चमोली में मूसलाधार बारिश के कारण बादल फटने से कम से कम 10 लोगों के लापता होने की खबर है। बुधवार देर रात अचानक हुई बारिश के कारण नंदा नगर में भारी मलबा आ गया, जिससे छह इमारतें मलबे में तब्दील हो गईं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और लोक निर्माण विभाग की टीमों को तैनात किया गया है। साथ ही, मलबा हटाने और राहत कार्यों में मदद के लिए जेसीबी मशीनें और अन्य उपकरण भी लगाए गए हैं।
मलबे से दो लोगों को जीवित बाहर निकाला गया, जबकि अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद खोज एवं बचाव कार्य जारी है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में चमोली में और भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बादल फटने के बाद कई निवासी अभी भी अपने घरों में फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने लापता लोगों का पता लगाने के लिए जमीनी स्तर पर टीमें तैनात कर दी हैं, हालांकि आगे भी भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है। यह घटना देहरादून के सहस्त्रधारा में चार दिन पहले हुए भयानक बादल फटने के बाद हुई, जिसमें कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई थी। उस आपदा में सड़कें बह गईं, दुकानें और घर क्षतिग्रस्त हो गए, और दो बड़े पुल नष्ट हो गए थे।
सहस्त्रधारा में भी कुछ दिन पहले फटा था बादल
इस दौरान, देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर को भी भारी नुकसान हुआ। सहस्त्रधारा में बादल फटने और भारी बारिश से तमसा नदी में उफान आ गया, जिसके कारण मंदिर परिसर में पानी भर गया। मंदिर परिसर में कई फीट तक रेत और मलबा घुस गया, जिससे शिवलिंग डूब गया और दीवारों में गहरी दरारें पड़ गईं। स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने देहरादून, चंपावत, उधम सिंह नगर, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, पौड़ीगढ़ और चमोली के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। निवासियों को 20 सितंबर तक अत्यधिक भारी वर्षा, भूस्खलन, बुनियादी ढांचे के ढहने और बढ़ती मौतों की संभावना के बारे में आगाह किया है। (आईएएनएस इनपुट के साथ)
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