हेल्थ

नजर का धोखा या दिमाग का खेल? क्या है Alice In Wonderland Syndrome, जब असली दुनिया लगने लगती है सपना

Alice In Wonderland Syndrome In Hindi: कभी-कभी हमें लगता है कि चीजें अचानक बहुत बड़ी या बेहद छोटी हो गई हैं, या फिर पूरा माहौल किसी सपनों की दुनिया जैसा लगने लगता है। बहुत से लोग इसे सिर्फ नजर का धोखा समझते हैं, या फिर इसे भूत-प्रेत जैसी घटनाओं से जोड़ते हैं। लेकिन नजर का धोखा नहीं, एक दुलभ बीमारी है। इस रहस्यमयी स्थिति को एलिस इन वंडरलैंड सिंड्रोम (AIWS) कहा जाता है। जानिए यह क्यों होता है, इसके पीछे क्या रिसर्च कहती है और डॉक्टर्स की इस पर क्या है राय।
एलिस इन वंडरलैंड सिंड्रोम

एलिस इन वंडरलैंड सिंड्रोम

Alice In Wonderland Syndrome In Hindi: क्या आपको भी कभी दुनिया सपने जैसी लगी है? या कभी ऐसा महसूस किया है कि आपके आस-पास की चीजें अचानक से बहुत बड़ी हो गईं हों या फिर बहुत छोटी? मान लीजिए आप कमरे में बैठे हैं और अचानक पंखा आपको गुब्बारे जितना बड़ा लगने लगे, या फिर आपकी अपनी उंगलियां इतनी छोटी लगें जैसे खिलौनों की हों। उस पल आपको लगता है कि शायद ये सिर्फ आंखों का धोखा है। लेकिन विज्ञान कहता है कि यह सिर्फ नजर का भ्रम नहीं, बल्कि एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति (Neurological Condition) हो सकती है।

अगर आपने मशहूर फिल्म या शो एलिस इन वंडरलैंड (Alice in Wonderland) देखा है, तो आप इसे बेहतर समझ सकते हैं। इस कहानी में एलिस अचानक एक छोटी सी गुड़िया जैसी हो जाती है और अगले ही पल इतनी बड़ी हो जाती है कि पूरा कमरा छोटा-सा लगने लगता है। पेड़-पौधे, कप-प्लेट्स और यहां तक कि खरगोश भी या तो बहुत छोटे या बहुत बड़े नजर आते हैं। उस वक्त यह हमें मजेदार फैंटेसी लगती थी, जबकि वास्तव में यह एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है। यह मजाकिया कार्टून वाली कहानी न होकर एक वास्तविक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसे एलिस इन वंडरलैंड सिंड्रोम (Alice in Wonderland Syndrome - AIWS) कहते हैं।

अच्छी बात यह है कि यह स्थिति बहुत दुर्लभ है। सितंबर 2025 तक मौजूद रिसर्च बताती हैं कि यह बच्चों और किशोरों में ज्यादा होती है। चौंकाने वाली बात यह है कि कई बार यह समस्या अपने आप खत्म भी हो जाती है, लेकिन अगर बार-बार हो तो डॉक्टर से जांच जरूरी है। इस बीमारी को लेकर गहराई से जानने और आप तक सरल भाषा में पहुंचाने के लिए हमने मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स डॉ. सामंत दर्शी (मनोचिकित्सक) और न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनित बंगा से बात की। इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए आगे पढ़ें....

एलिस इन वंडरलैंड सिंड्रोम क्या है (What Is Alice in Wonderland Syndrome In Hindi)?

एलिस इन वंडरलैंड सिंड्रोम (AIWS) एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को असली दुनिया सपने जैसी लगने लगती है। इसमें व्यक्ति को वस्तुएं, शरीर और समय असामान्य रूप से बदलकर दिखते हैं।

यथार्थ अस्पताल में सीनियल कंसल्टेंट डॉक्टर और मनोचिकित्सक डॉ. सामंत दर्शी कहते हैं - एलिस इन वंडरलैंड सिंड्रोम एक मानसिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को चीजें अपनी सामान्य आकार से बड़ी या छोटी लगती हैं। यह दिमाग की गलत व्याख्या से जुड़ी होती है, जिससे असली दुनिया सपने जैसी लगने लगती है। दिमाग रियलिटी और इमैजिनेशन में फर्क नहीं समझ पाता है।

एलिस इन वंडरलैंड सिंड्रोम को यह नाम कैसे मिला

साल 1865 में Lewis Carroll ने एक फैंटेसी किताब लिखा था - जिसका नाम था वंडरलैंड में एलिस के एडवेंचर (Alice’s Adventures in Wonderland)। इस कहानी में Alice नाम की लड़की कभी बहुत बड़ी हो जाती है, कभी बहुत छोटी। कभी-कभी उसके आसपास की वस्तुएं विकृत या अजीब आकार की लगती हैं।

1955 में ब्रिटिश मनोचिकित्सक Dr. John Todd ने एक मनोविकार को जाना जिसमें माइग्रेन, मिर्गी या वायरल इंफेक्शन की वजह से मरीज को वैसे ही लक्षण महसूस होते हैं जैसे एलिस को उस कहानी में होते थे। बस यहीं से इस सिंड्रोम को यह नाम मिला।

भारतीय लोगों में गलतफहमियां और चुनौतियां

भारत में लोग अक्सर ऐसे लक्षणों को 'नजर लगना', 'भूत-प्रेत' या 'आत्मिक प्रभाव' से जोड़ देते हैं। ग्रामीण इलाकों में तो इस वजह से लोग झाड़-फूंक कराने पहुंच जाते हैं। जबकि हकीकत यह है कि यह एक मेडिकल स्थिति है, जिसके लिए न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह लेनी चाहिए।

मनोचिक्त्सक डॉ. सामंत दर्शी कहते हैं कि भारत में AIWS को अक्सर 'नजर' या 'भूत-प्रेत' से जोड़ा जाता है। मेडिकल जागरूकता की कमी और गलत जानकारी के कारण लोग सही उपचार से वंचित रहते हैं। इस वजह से समस्या और जटिल हो सकती है।

एलिस इन वंडरलैंड सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं ( Alice in Wonderland Syndrome Symptoms In Hindi)?

डॉक्टर्स की मानें तो AIWS के लक्षण अक्सर अचानक नोटिस होते हैं और कुछ मिनटों से लेकर कुछ घंटों तक रह सकते हैं। इसके कई संकेत और लक्षण व्यक्ति को नोटिस हो सकते हैं जैसे,

  • माइक्रोप्सिया (Micropsia) : चीजें सामान्य से बहुत छोटी दिखना।
  • मैक्रोप्सिया (Macropsia): चीजें सामान्य से बहुत बड़ी दिखना।
  • शरीर का कोई हिस्सा बड़ा या छोटा लगना।
  • समय बहुत तेज या बहुत धीमा लगना।
  • आवाज और रोशनी का अजीब अनुभव होना।

यानी कि किसी को लगे कि घड़ी की सुई रुक गई है या मोबाइल स्क्रीन अचानक तवे जितनी बड़ी हो गई है।

एलिस इन वंडरलैंड सिंड्रोम क्यों होता है (Causes of Alice in Wonderland Syndrome In Hindi)?

1. माइग्रेन (Migraine)

डॉक्टर्स कहते हैं कि कई रिसर्च में यह पाया गया है कि वयस्कों में AIWS का सबसे बड़ा कारण माइग्रेन है। इस दौरान इंसान अपने आसपास की चीजों को अलग तरीके से महसूस करने लगता है।

2. वायरल इंफेक्शन (Viral infection)

यह सिंड्रोम बच्चों में एपस्टीन-बार वायरस (EBV) से जुड़ा हुआ पाया गया है। कई केस स्टडीज भी में इसकी पुष्टि हुई है।

3. न्यूरोलॉजिकल स्थितियां

कुछ न्यूरोलॉजिकल स्थितियां जैसे एपिलेप्सी, स्ट्रोक और ब्रेन लेजन (brain lesions) भी इस सिंड्रोम का कारण हो सकते हैं।

4. दवाइयों का असर और मानसिक स्वास्थ्य

कभी-कभी कुछ दवाओं के रिएक्शन और मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं (जैसे डिप्रेशन) भी ट्रिगर बन सकती हैं।

फोर्टिस अस्पताल से जुड़े न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनित बंगा कहते हैं कि AIWS दिमाग के न्यूरोलॉजिकल और मानसिक कार्यों में असंतुलन के कारण होता है। मस्तिष्क की कुछ विशेष संरचनाएं, जैसे इंटीरियस और टेम्पोरल लोब्स, प्रभावित होती हैं। ऐसे में इसकी पहली शिकायत सुनते ही अलर्ट हो जाना चाहिए। देरी से कई बार मामला गंभीर भी हो सकता है।

रिसर्च और वैज्ञानिक आधार क्या कहते हैं?

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के Pubmed जर्नल में प्रकाशित 2016 के एक सिस्टमैटिक रिव्यू के अनुसार, AIWS के 170 से ज्यादा केस रिपोर्ट हुए, जिनमें बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा थी।

वहीं, 2023 की न्यूरोइमेजिंग स्टडी बताती हैं कि यह समस्या ओसीसीपिटल (Occipital) और पराइअटल (Parietal) लोब में होने वाले बदलाव से जुड़ी हो सकती है, यानी दिमाग का वही हिस्सा जो चीजों को देखने और समझने का काम करता है।

इसके अलावा, 2024 की लेजन मैपिंग स्टडी में पाया गया है कि राइट लैटरल ऑसिपिटल कॉर्टेक्स और उससे जुड़े नेटवर्क्स AIWS के लक्षणों के दौरान एक्टिव होते हैं। इससे यह साफ है कि यह सिर्फ आंखों की नहीं, बल्कि दिमाग की गड़बड़ी है।

एलिस इन वंडरलैंड सिंड्रोम का इलाज क्या है? (Treatment of Alice in Wonderland Syndrome In Hindi)

डॉक्टर्स की मानें तो सितंबर 2025 तक मौजूद रिसर्च बताती है कि AIWS का कोई सीधा इलाज (direct cure) नहीं है, लेकिन पीछे जिम्मेदार कारण को मैनेज करके इसे कंट्रोल किया जा सकता है। ऐसे में कुछ बातों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है,

  • माइग्रेन का इलाज और दवाइयां।
  • संक्रमण (जैसे EBV) का सही इलाज।
  • तनाव कम करना और नींद पूरी लेना।
  • मेंटल हेल्थ काउंसलिंग।

न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनित बंगा बताते हैं - 'AIWS का इलाज दवाइयों, मानसिक स्वास्थ्य सलाह, और जीवनशैली में बदलाव से होता है। माइग्रेन के इलाज, उचित निदान और काउंसलिंग से स्थिति को बेहतर किया जा सकता है।'

कब जाएं डॉक्टर के पास?

डॉक्टर्स सुझाव देते हैं कि कुछ आम समस्याएं बार-बार और लगातार नोटिस हो रहीं हैं, तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इनमें शामिल हैं,

  • अगर बार-बार चीजें अजीब आकार की दिखें।
  • अगर लक्षण बच्चों में लगातार बने रहें।
  • अगर इसके साथ तेज़ सिरदर्द, दौरे (seizures) या चक्कर भी हों।

ऐसे मामलों में तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट की सलाह से जांच जैसे एमआरआई, ईईजी और संक्रमण की जांच करानी चाहिए।

अब न समझें इसे आंखों का धोखा

एलिस इन वंडरलैंड सिंड्रोम भले ही नाम में कहानी जैसा लगे, लेकिन यह पूरी तरह से एक वैज्ञानिक और न्यूरोलॉजिकल स्थिति है। यह कोई जादू या अंधविश्वास नहीं, बल्कि दिमाग की परसेप्शन में बदलाव है। रिसर्च कहती है कि ज्यादातर मामलों में यह अस्थायी होता है, लेकिन अगर लक्षण बार-बार आएं तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सही समय पर जांच और इलाज से स्थिति को कंट्रोल किया जा सकता है।

तो अगली बार अगर आपको या आपके बच्चे को लगे कि दुनिया अचानक बदल गई है, तो ऐसे में डरें नहीं बल्कि डॉक्टर से सलाह लें।

नोट: यह आर्टिकल मेडिकल रिसर्च, अध्ययन और स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स के साथ बातचीत के आधार पर बनाया गया है, साथ ही उनके द्वारा सत्यापित किया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। हेल्थ (Health News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

Vineet author

विनीत टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में फीचर डेस्क के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़े हैं। वे मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले हैं। इन्हें हेल्थ, फिटनेस और न्य...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited