हेल्थ

साधारण जड़ी बूटियों में छुपा है असाधारण बीमारियों का इलाज, जानें आधुनिक युग में भी कारगर है आयुर्वेद

कई लोग हैरान होते हैं जब सुनते हैं कि हजारों साल पुराना आयुर्वेद आज की नई-नई बीमारियों में भी असर करता है। एक आम सवाल उठता है – जब तब की जीवनशैली, खानपान और वातावरण बिलकुल अलग था, तो उस दौर के इलाज आज कैसे काम कर सकते हैं? इसका जवाब शरीर की प्रकृति में छिपा है।

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मानव शरीर भले ही आज ज्यादा व्यस्त, तनावग्रस्त और प्रदूषण से घिरा हुआ हो, लेकिन उसकी मूल संरचना और काम करने का तरीका वैसा ही है जैसा पहले था। पाचन तंत्र, प्रतिरक्षा प्रणाली, मन जिस तरह से रिएक्ट करता है – ये सब आज भी उसी तरह काम करते हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि आज की जीवनशैली ज्यादा बिगड़ी हुई है। यही कारण है कि आज लोगों को बीमारियां ज्यादा पकड़ रही हैं। आज हम आपको आयुर्वेद की मदद से खुद को फिट रखने के कारगर उपाय बताने जा रहे हैं।

Ayurvedic Herbs for Fitness

आयुर्वेद का सेहत से संबंध

यहीं पर आयुर्वेद की ताकत नजर आती है। आयुर्वेद बीमारियों को दबाने के बजाय शरीर के संतुलन को दोबारा स्थापित करता है। यह मानता है कि अगर शरीर की अग्नि यानी पाचन शक्ति मजबूत है और ओजस यानी प्रतिरक्षा शक्ति संतुलित है, तो शरीर खुद ही रोगों से लड़ सकता है। सुश्रुत संहिता और चरक संहिता दो ऐसे ग्रंथ हैं जो अच्छी जीवनशैली को ही स्वस्थ रहने की कुंजी मानते हैं। सुश्रुत संहिता व्यायाम और स्वच्छता को तरजीह देती है, तो चरक संहिता आहार और भोजन के माध्यम से स्वास्थ्य को बनाए रखने पर केंद्रित है।

आयुर्वेद की कई जड़ी-बूटियां आज की समस्याओं में बेहद कारगर साबित हो रही हैं। जैसे अश्वगंधा और ब्राह्मी तनाव को कम करने और मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। गुडूची शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। हल्दी सूजन को कम करती है और पाचन सुधारती है। घी और सौंफ जैसे साधारण घरेलू उपाय भी पेट को स्वस्थ रखने में उपयोगी हैं।

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