Delhi Lawyer Strike: दिल्ली में 8 सितंबर से वकीलों की अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने रोक लगाने की अपील की है। BCI चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि हड़ताल से मुवक्किलों और कैदियों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। हालांकि, अब दिल्ली के सभी बार एसोसिएशन ने इस अपील के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
Delhi Lawyer Strike: दिल्ली में वकीलों की प्रस्तावित हड़ताल को लेकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने गंभीर चिंता जताई है। BCI चेयरमैन और वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने राजधानी की बार एसोसिएशनों की समन्वय समिति को पत्र लिखकर 8 सितंबर की हड़ताल स्थगित करने या वापस लेने की अपील की है, लेकिन इस अपील के बाद से दिल्ली भर के बार एसोसिएशन ने इस पर अपना विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया है।
दिल्ली में वकीलों की हड़ताल (AI फोटो साभार)
LG के नोटिफिकेशन से बढ़ा विवाद
13 अगस्त को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एक अधिसूचना जारी कर सभी थानों को पुलिस गवाहों की गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दर्ज करने के लिए नामित किया था। इसके खिलाफ वकीलों ने कड़ा विरोध जताया और हड़ताल की घोषणा कर दी। हालांकि, 4 सितंबर को दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया कि केवल औपचारिक पुलिस गवाह ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश होंगे।
वकीलों की समन्वय समिति ने एक बार फिर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया है। समिति का कहना है कि पुलिस का सर्कुलर अधिकारियों द्वारा दिए गए आश्वासनों के विपरीत है।
बार की गरिमा बनाए रखें: मनन कुमार मिश्रा
अपने पत्र में BCI चेयरमैन ने कहा कि बार-बार काम से दूरी बनाने से कैदियों, अपराध पीड़ितों और मुवक्किलों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। उन्होंने जोर दिया कि पहले से मिले रियायतों को आगे बढ़ाकर बातचीत के जरिये समाधान निकालना ही ज्यादा बेहतर तरीका है। उन्होंने यह भी कहा कि हड़ताल बार की गरिमा को ठेस पहुंचाती है और जनता के बीच यह संदेश जाता है कि दिल्ली बार एसोसिएशन बार-बार छोटी बातों पर भी हड़ताल कर देती हैं। मिश्रा ने समिति को 8 सितंबर की प्रस्तावित हड़ताल की जगह 9 सितंबर को शाम 5 बजे होने वाली बैठक में शामिल होने का न्योता दिया है, ताकि मसले पर विचार-विमर्श कर ठोस हल निकाला जा सके।
बार एसोसिएशन ने मनन मिश्रा के लेटर पर जताई नाराजगी
रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन (RCBA) ने पुलिस अधिकारियों की गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दर्ज कराने की प्रक्रिया को पूरी तरह से खारिज किया है। एसोसिएशन ने कहा कि यह कदम न्यायिक प्रक्रिया की पारदर्शिता को कमजोर करता है और अदालत की गरिमा के खिलाफ है। आरसीबीए ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा के उस पत्र का भी विरोध किया, जिसमें उन्होंने वकीलों की हड़ताल रोकने की अपील की है। एसोसिएशन ने इसे वकीलों के हितों के साथ विश्वासघात करार दिया।
वहीं, दिल्ली के तीसहज़ारी कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके शर्मा ने स्पष्ट किया है कि वकीलों की हड़ताल का मकसद किसी संस्था या बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया (BCI) के खिलाफ नहीं है। यह प्रयास सिर्फ़ आम नागरिकों के कानूनी अधिकारों की रक्षा और न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता एवं निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए है। शर्मा ने बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष से अपील की है कि वे इस लड़ाई में सभी वकीलों के साथ मिलकर खड़े हों और देशभर के कानून के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करें।
14,000 वकीलों का ऐलान- 8 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल
रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन जो 14,000 से अधिक वकीलों का प्रतिनिधित्व करती है, ने सर्वसम्मति से 8 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल का समर्थन करने का निर्णय लिया। एसोसिएशन ने आदेश दिया कि रोहिणी कोर्ट परिसर में किसी भी पुलिस अधिकारी, नायब कोर्ट, कोर्ट स्टाफ, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर, डीएलएसए काउंसिल या एलएडीसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। अदालत परिसर के सभी गेट बंद रहेंगे, केवल गेट नंबर 4 वकीलों के लिए और गेट नंबर 5 वादकारियों और आम जनता के लिए खोला जाएगा। एसोसिएशन ने अपने सदस्यों से एकजुटता बनाए रखने और इस आंदोलन को मजबूती से आगे बढ़ाने की अपील की।
दिल्ली के सभी बार एसोसिएशन ने जारी किया साझा बयान
आज पटियाला हाउस कोर्ट में दिल्ली के सभी जिला बार एसोसिएशनों के समन्वय समिति के पदाधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें पुलिस अधिकारियों के सबूत दर्ज करने के विषय पर चल रहे विवाद पर चर्चा की गई। समिति ने साफ कर दिया है कि पुलिस कर्मियों को केवल फिजिकल मोड में ही कोर्ट में हाजिर होकर गवाही या सबूत देना होगा।
बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा के पत्र के जवाब में समन्वय समिति ने दोहराया कि यह आंदोलन केवल आम जनता के हितों की रक्षा के लिए किया जा रहा है और मांग पूरी हुए बिना आंदोलन खत्म नहीं होगा। बैठक में सर्वसम्मति से ये भी निर्णय लिया गया कि मांगे पूरी नहीं होती हैं तो है 8 सितंबर से अनिश्चितकालीन काम छोड़ने की कार्रवाई का और व्यापक असर दिखाई देगा।