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'कोचिंग सेंटर बन गए पोचिंग सेंटर', उपराष्ट्रपति बोले- तकनीकी नेतृत्व अब देशभक्ति की नई सीमा रेखा

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि कोचिंग सेंटर अब ‘पोचिंग सेंटर’ बन चुके हैं। ये सुदृढ़ सांचों में प्रतिभा को जकड़ने वाले काले छिद्र बन गए हैं। धनखड़ ने आगे कहा कि अब देश किसी सैन्य आक्रमण से नहीं, बल्कि विदेशी डिजिटल बुनियादी ढांचे पर निर्भरता से कमजोर और पराधीन होंगे।

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भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा, “कोचिंग सेंटर अब ‘पोचिंग सेंटर’ बन चुके हैं। ये सुदृढ़ सांचों में प्रतिभा को जकड़ने वाले काले छिद्र बन गए हैं। कोचिंग सेंटर अनियंत्रित रूप से फैल रहे हैं, जो हमारे युवाओं के लिए, जो कि हमारे भविष्य हैं- एक गंभीर संकट बनता जा रहा है। हमें इस चिंताजनक बुराई से निपटना ही होगा। हम अपनी शिक्षा को इस तरह कलंकित और दूषित नहीं होने दे सकते।”

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (फोटो साभार: @VPIndia)

धनखड़ ने आगे कहा, “अब देश किसी सैन्य आक्रमण से नहीं, बल्कि विदेशी डिजिटल बुनियादी ढांचे पर निर्भरता से कमजोर और पराधीन होंगे। सेनाएं अब एल्गोरिद्म में बदल गई हैं। संप्रभुता की रक्षा का संघर्ष अब तकनीकी स्तर पर लड़ा जाएगा।”

उपराष्ट्रपति ने तकनीकी नेतृत्व को नई राष्ट्रभक्ति का आधार बताते हुए कहा कि हम एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं- एक नए राष्ट्रवाद के युग में। तकनीकी नेतृत्व अब देशभक्ति की नई सीमा रेखा है। हमें तकनीकी नेतृत्व में वैश्विक अगुवा बनना होगा। धनखड़ ने रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आयात-निर्भरता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “यदि हम रक्षा के क्षेत्र में बाहर से तकनीकी उपकरण प्राप्त करते हैं, तो वह देश हमें ठहराव की स्थिति में ला सकता है।

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