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मास्को पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर, IRIGC-TEC के 26वें सत्र की करेंगे सह-अध्यक्षता, सर्गेई से भी मिलेंगे

अपनी इस यात्रा के दौरान वह रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मिलेंगे और ट्रेड, इकोनॉमिक, साइंटिफिक, टेक्नॉलिजकल एवं कल्चरल को-ऑपरेशन पर इंडिया-रशिया इंटर-गवर्न्मेंटल कमीशन के 26वें सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे। जयशंकर की रूस यात्रा ऐसे समय हो रही है जब चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत में हैं और टैरिफ को लेकर अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते में एक गतिरोध देखा जा रहा है।

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S Jaishankar in Mascow : विदेश मंत्री एस जयशंकर अपनी तीन दिनों की यात्रा पर मंगलवार को रूस की राजधानी मास्को पहुंचे। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि जयशंकर की यह यात्रा गुरुवार को संपन्न होगी। अपनी इस यात्रा के दौरान वह रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मिलेंगे और ट्रेड, इकोनॉमिक, साइंटिफिक, टेक्नॉलिजकल एवं कल्चरल को-ऑपरेशन पर इंडिया-रशिया इंटर-गवर्न्मेंटल कमीशन के 26वें सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे। जयशंकर की रूस यात्रा ऐसे समय हो रही है जब चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत में हैं और टैरिफ को लेकर अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते में एक गतिरोध देखा जा रहा है।

मास्को में विदेश मंत्री एस जयशंकर। तस्वीर-ANI

पुतिन की भारत यात्रा की रूपरेखा तैयार होने की उम्मीद

विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि रूसी फेडरेशन के फर्स्ट डिप्टी प्राइम मिनिस्टर डेनिस मनतुरोव के निमंत्रण पर विदेश मंत्री की यह यात्रा हो रही है। विदेश मंत्री और रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के आईआरआईजीसी-टीईसी की सह-अध्यक्षता करने का कार्यक्रम है, जिससे इस वर्ष के अंत में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा की रूपरेखा तैयार होने की उम्मीद है। जयशंकर और उनके रूसी समकक्ष सेर्गेई लावरोव के यूक्रेन में शांति लाने संबंधी ट्रंप प्रशासन की नवीनतम पहलों पर भी चर्चा करने की संभावना है।

विदेश मंत्री द्विपक्षीय एजेंडे की समीक्षा करेंगे

विदेश मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में बताया कि यात्रा के दौरान विदेश मंत्री द्विपक्षीय एजेंडे की समीक्षा करेंगे और क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर रूसी विदेश मंत्री के साथ विचार साझा करेंगे। बयान में कहा गया है, ‘इस यात्रा का उद्देश्य भारत-रूस की लंबे समय से चली आ रही और समय की कसौटी पर खरी उतरी विशेष सामरिक साझेदारी को और मजबूत करना है।’ ऐसी उम्मीद है कि जयशंकर की मॉस्को यात्रा के दौरान दोनों पक्ष भारत-रूस ऊर्जा संबंधों पर भी विचार-विमर्श करेंगे।

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