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हिमाचल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी दलील, हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर्यावरण के लिए बेहतर विकल्प

सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी के बाद हिमाचल सरकार ने कहा कि हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट राज्य की अर्थव्यवस्था और स्वच्छ ऊर्जा दोनों के लिए जरूरी हैं। सरकार ने दावा किया कि डैम बाढ़ नियंत्रण में मददगार साबित होते हैं और इन्हें विस्तृत अध्ययन के बाद ही मंजूरी दी जाती है। अदालत ने साफ किया कि विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है।

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी के बाद हिमाचल सरकार ने कहा कि हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट राज्य की अर्थव्यवस्था और स्वच्छ ऊर्जा दोनों के लिए जरूरी हैं। सरकार ने दावा किया कि डैम बाढ़ नियंत्रण में मददगार साबित होते हैं और इन्हें विस्तृत अध्ययन के बाद ही मंजूरी दी जाती है।

हिमाचल सरकार ने दी सुप्रीम कोर्ट में दलील (फोटो - PTI)

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा था कि अगर हिमाचल प्रदेश में बिना नियंत्रण के निर्माण कार्य और विकास जारी रहा तो पूरा राज्य मानचित्र से गायब भी हो सकता है। अदालत ने साफ किया था कि राजस्व कमाना ही सबकुछ नहीं होता, पर्यावरण और पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचाकर पैसा कमाना खतरनाक साबित होगा। इस चेतावनी के बाद हिमाचल सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर अपना पक्ष रखा है।

हाइड्रो पावर को बताया थर्मल पावर से बेहतर

हिमाचल सरकार ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से जलविद्युत परियोजनाओं और पर्यटन पर निर्भर है। इसलिए हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को रोकना सही नहीं होगा। सरकार ने दलील दी कि थर्मल पावर स्टेशन को राज्य में नीति के तहत अनुमति ही नहीं है और ऐसे हालात में जलविद्युत परियोजनाएं ही स्वच्छ ऊर्जा का सबसे अच्छा विकल्प हैं।

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