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'मराठी प्रथम, अंग्रेजी दूसरी, हिंदी वैकल्पिक', ETNow.in बिजनेस कॉन्क्लेव & अवार्ड्स में भाषा विवाद पर बोले महाराष्ट्र के मंत्री योगेश कदम

ETNow.in बिजनेस कॉन्क्लेव & अवार्ड्स 2025-वेस्ट एडिशन में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री योगेश कदम ने कहा कि राज्य में भाषा को लेकर हुए विवाद एवं हिंसा के पीछे कुछ लोगों की राजनीतिक मंशा है। आगामी स्थानीय चुनाव को देखते हुए कुछ राजनीतिक समूह आक्रामक रुख अपना रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'सबसे पहली बात, यहां खूब राजनीति हो रही है। अब स्थानीय निगम के चुनाव होने हैं। मुझे लगता है कि अभी और राजनीति होगी।'

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महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने गुरुवार को राज्य में भाषा विवाद से जुड़ी हिंसा सहित कई मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी। ETNow.in बिजनेस कॉन्क्लेव & अवार्ड्स 2025-वेस्ट एडिशन में महाराष्ट्र में भाषा को लेकर हुए विवाद पर कदम ने महाराष्ट्र सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि राज्य में हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह पूछे जाने पर कि हिंसा के लिए जिम्मेदार उपद्रवियों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई, कदम ने कहा, 'ऐसा नहीं, हमने कुछ गिरफ्तारियां कीं। हम यह नहीं कह सकते कि कोई कार्रवाई नहीं हुई। किसी को मारा-पीटा जाए, सरकार यह बर्दाश्त नहीं करेगी।'

ETNow.in बिजनेस कॉन्क्लेव & अवार्ड्स में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री योगेश कदम।

'मारना-पीटना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा'

कदम ने कहा कि राज्य में भाषा को लेकर हुए विवाद एवं हिंसा के पीछे कुछ लोगों की राजनीतिक मंशा है। आगामी स्थानीय चुनाव को देखते हुए कुछ राजनीतिक समूह आक्रामक रुख अपना रहे हैं। उन्होंने कहा, 'सबसे पहली बात, यहां खूब राजनीति हो रही है। अब स्थानीय निगम के चुनाव होने हैं। मुझे लगता है कि अभी और राजनीति होगी। अभी और ज्यादा लोग सामने आएंगे और बताएंगे कि बस वही हैं जो महाराष्ट्र के लिए काम कर रहे हैं....लेकिन मेरा मानना है कि केंद्र सरकार ने भाषा को लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश दे दिया है।'

मराठी प्रथम, अंग्रेजी द्वितीय, हिंदी वैकल्पिक-कदम

स्कूलों की भाषायी नीति के बारे में अपनी राय रखते हुए कदम ने कहा कि महाराष्ट्र में मराठी का दर्जा सबसे पहले है। साथ ही उन्होंने अंग्रेजी और हिंदी के बारे में भी सरकार का रुख स्पष्ट किया। कदम ने कहा, 'हमारे लिए, महाराष्ट्र में वास्तव में मराठी महत्वपूर्ण है। यह हमारी संस्कृति है। मराठी यदि यहां नहीं रहेगी तो महाराष्ट्र की संस्कृति खत्म हो जाएगी। हम मराठी का सम्मान करते हैं। हम दूसरे लोगों से भी चाहते हैं कि वे मराठी का सम्मान करें और मेरा मानना है कि वे ऐसा करते भी हैं। मराठी के बाद हमारे लिए यदि कोई दूसरी भाषा प्राथमिकता रखती है तो वह अंग्रेजी है। हम चाहते हैं कि स्कूलों में अंग्रेजी दूसरी भाषा के रूप में पढ़ाई जाए।'

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