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नेहरू ने देश को 2 बार बांटा, सिंधु जल संधि से नहीं हुआ कोई फायदा... NDA सांसदों की बैठक में बोले PM मोदी

NDA Parliamentary Meeting: पीएम मोदी ने मंगलवार को NDA संसदीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने स्वीकार किया था कि पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि से भारत को कोई लाभ नहीं हुआ। पीएम मोदी ने कहा कि मोदी ने कहा कि नेहरू ने देश का दो बार बंटवारा किया था, एक बार रेडक्लिफ रेखा के जरिए और दूसरी बार उस संधि के जरिए, जिसके तहत नदी का 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को दे दिया गया।

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NDA Parliamentary Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) संसदीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने स्वीकार किया था कि पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि से भारत को कोई लाभ नहीं हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नेहरू ने देश का दो बार बंटवारा किया था, एक बार रेडक्लिफ रेखा के जरिए और दूसरी बार उस संधि के जरिए, जिसके तहत नदी का 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को दे दिया गया। यह समझौता भी किसान विरोधी था। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नेहरू ने एक बार देश का बंटवारा किया और फिर दोबारा। सिंधु जल संधि के तहत 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को दे दिया गया। बाद में, अपने सचिव के माध्यम से नेहरू ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि इससे कोई लाभ नहीं हुआ।

एनडीए संसदीय बैठक में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना (ANI)

सिंधु जल संधि किसानों के साथ विश्वासघात: जगदम्बिका पाल

बैठक में मौजूद भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर करने को नेहरू द्वारा विश्वासघात बताया और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री को इसके लिए संसद की मंजूरी लेनी चाहिए थी। पाल ने एएनआई से कहा कि देश के साथ विश्वासघात हुआ है। अगर वह (जवाहरलाल नेहरू) लोकतांत्रिक चुनाव में प्रधानमंत्री होते तो उन्हें इसके लिए संसद की मंजूरी लेनी चाहिए थी। कैबिनेट और संसद के विश्वास के बिना वह पाकिस्तान गए और समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद अकेले वापस आ गए। यह हमारे किसानों के साथ विश्वासघात है।

हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री ने तथ्य बताए: रविशंकर प्रसाद

प्रधानमंत्री की टिप्पणी की सराहना करते हुए भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने नेहरू के नेतृत्व वाली सरकार की पाकिस्तान को 80 करोड़ रुपये देने के लिए आलोचना की। भाजपा नेता ने कहा कि हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री ने तथ्य बताए। नेहरू जी ने न केवल कैबिनेट की मंजूरी या चर्चा के बिना संधि पर हस्ताक्षर किए, बल्कि उन्हें 80 करोड़ रुपये भी दिए। जब भी किसी संधि पर हस्ताक्षर किए जाते हैं, तो वह संसद में चर्चा के बाद ही किया जाता है। 14 अगस्त को भारत ने सिंधु जल संधि के तहत हेग स्थित मध्यस्थता न्यायालय द्वारा हाल ही में दिए गए फैसले को दृढ़ता से खारिज कर दिया और कहा कि न्यायालय में क्षेत्राधिकार, वैधता और क्षमता का अभाव है।

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