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सलवा जुडूम से लेकर इच्छा मृत्यु, जानिए किन बड़े मुद्दों पर फैसला दे चुके हैं विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी

विपक्ष की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार घोषित किए गए जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी के सुप्रीम कोर्ट महत्वपूर्ण जजमेंट के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में रहते हुए मानवाधिकार से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले दिए। जस्टिस रेड्डी 2007 से 2011 तक सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रहे हैं।
by sudrashan reddy.

पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी के महत्वपूर्ण जजमेंट

नई दिल्ली: विपक्ष की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार घोषित किए गए जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी के सुप्रीम कोर्ट महत्वपूर्ण जजमेंट के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में रहते हुए मानवाधिकार से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले दिए। जस्टिस रेड्डी 2007 से 2011 तक सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रहे हैं।

सलवा जुडूम केस

जस्टिस रेड्डी की बेंच ने छत्तीसगढ़ में सलवा जुडूम जो कि नक्सल विरोधी आंदोलन था उसमें आदिवासी युवाओं को हथियार दिए जाने को असंवैधानिक ठहराया था। उस आदेश में कहा गया था कि सरकार गरीब आदिवासियों को बंदूक थमा कर अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी से नहीं बच सकता। मानवाधिकार और संविधान के अनुच्छेद 14 व 21 में मिले मौलिक अधिकारों की रक्षा से जुड़ा हुआ बड़ा फैसला था।

काले धन से जुड़ा बड़ा फैसला

विदेशों में काले धन को लेकर दायर जनहित याचिका में जस्टिस रेड्डी की बेंच ने केन्द्र को कठोर शब्दों में फटकार लगाई थी। कहा था कि काले धन का मामला राष्ट्रीय चिंता का विषय है और इस पर सरकार को पारदर्शी कार्रवाई करनी होगी। उन्होंने SIT गठित करने का निर्देश भी दिया था।

इच्छा मृत्यु का केस

सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक मामले में जस्टिस रेड्डी पीठ का हिस्सा थे। कोर्ट ने निष्क्रिय इच्छामृत्यु को सख्त शर्तों के तहत वैध ठहराया। इससे भारत में मृत्यु का अधिकार और गरिमा से जीवन जीने के संवैधानिक अधिकार को बल मिला था।

रामलीला मैदान में बाबा रामदेव से जुड़ा मामला

रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के आंदोलन पर पुलिस कार्रवाई की जांच करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्य की ओर से नागरिकों की अभिव्यक्ति और शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए। जस्टिस रेड्डी ने राज्य को न्यूनतम बल प्रयोग करने का सख्त निर्देश दिया था।

महाराष्ट्र डांस बार केस

जस्टिस रेड्डी की बेंच ने डांस बारों पर लगाए गए प्रतिबंध पर सुनवाई की थी। कहा था कि महिलाओं के काम करने के अधिकार और आजीविका की स्वतंत्रता को केवल नैतिकता के नाम पर छीना नहीं जा सकता।

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गौरव श्रीवास्तव author

टीवी न्यूज रिपोर्टिंग में 10 साल पत्रकारिता का अनुभव है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से लेकर कानूनी दांव पेंच से जुड़ी हर खबर आपको इस जगह मिलेगी। साथ ही चुना...और देखें

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