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Operation Kalanemi: उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमी के तहत बहरूपियों पर शिकंजा जारी!

'ऑपरेशन कालनेमि' उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाया जा रहा एक विशेष अभियान है, जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जुलाई 2025 में की गई।

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उत्तराखंड सरकार ने बहरूपियों की गिरफ़्तारी को लेकर ऑपरेशन कालनेमि शुरू की है। पिछले डेढ़ माह के दौरान पुलिस ने कुल 5500 से अधिक लोगो का सत्यापन किया है, जहां 14 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही 1182 व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की गई है। ऑपरेशन कालनेमि में सबसे ज्यादा मामले 2704 हरिद्वार जनपद में सामने आए हैं। ऑपरेशन कालनेमि के दौरान बांग्लादेशी व्यक्ति को भी हिरासत में लेकर वापस भेजा गया है। प्रवक्ता पुलिस हेडक्वार्टर और आईजी लॉ एंड आर्डर नीलेश आनंद भरणे ने आंकड़ों को जारी करते हुए स्पष्ट किया कि ऑपरेशन कालनेमि लगातार जारी रहेगा। साथ ही अब निशाने पर सोशल मीडिया भी होगी जहां पर फेक आईडी बनाकर गलत काम किया जा रहा है।

आईजी लॉ एंड आर्डर नीलेश आनंद भरणे

'ऑपरेशन कालनेमि' अभियान फर्जी साधु-संतों, ढोंगी बाबाओं, पीर-फकीरों और बहुरूपियों के खिलाफ है, जो धार्मिक भेष धारण करके लोगों को ठगते हैं, धार्मिक भावनाओं का शोषण करते हैं, धर्मांतरण करवाते हैं या अन्य अपराधों में लिप्त रहते हैं। इसका नाम रामायण के राक्षस "कालनेमि" से प्रेरित है, जो छल-कपट से लक्ष्मण पर हमला करने वाला था—यह अभियान देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को बचाने के लिए "सभ्यतागत रक्षा" का प्रतीक है। अभियान चारधाम यात्रा, कांवड़ यात्रा और सावन जैसे पर्वों के दौरान विशेष रूप से सक्रिय है, जिसमें आधार कार्ड सत्यापन, एआई निगरानी (हरिद्वार में 350+ कैमरे) और चेकपॉइंट जांच शामिल हैं।

उत्तराखण्ड के सीएम उसका सिंह धामी ने जुलाई में "आपरेशन कालनेमी" की शुरुआत की थी। जुलाई से सितंबर 2025 तक की उपलब्ध जानकारी पर आधारित है। आंकड़े अभी तक की गई पुलिसिया कार्रवाई से संकलित हैं, और अभियान निरंतर चल रहा है, इसलिए संख्या बढ़ सकती है। कुल मिलाकर, अब तक 5,500 से अधिक सत्यापन हो चुके हैं, 300 से अधिक गिरफ्तारियाँ हुई हैं, और 1,182 से अधिक निरोधात्मक कार्रवाइयाँ की गई हैं।

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