पंजाब दशकों में आई अपनी सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है, जिसमें 48 लोगों की जान चली गई, 1.76 लाख हेक्टेयर में फसलें जलमग्न हो गईं और प्रधानमंत्री मोदी राज्य का दौरा करने जा रहे हैं।
पंजाब दशकों में आई अपनी सबसे भीषण बाढ़ आपदाओं में से एक से जूझ रहा है, जहाँ सतलुज, व्यास और रावी नदियाँ उफान पर हैं और हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश ने पूरे राज्य में तबाही मचा दी है। अधिकारियों के हवाले से पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस बाढ़ ने 48 लोगों की जान ले ली है, बड़ी संख्या में लोगों को विस्थापित किया है और 1.76 लाख हेक्टेयर में फसलों को नुकसान पहुँचा है।
पंजाब में बाढ़ से भीषण तबाही (फोटो:PTI)
भारतीय सेना के नेतृत्व में, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), पंजाब पुलिस और जिला अधिकारियों के साथ मिलकर राहत और बचाव अभियान युद्ध स्तर पर चल रहा है। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, सहायता संगठन और मशहूर हस्तियां भी इस प्रयास में शामिल हो रही हैं। सेना ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सहायता के लिए दर्जनों टुकड़ियाँ तैनात की हैं।
प्रधानमंत्री मोदी कल आएंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार, 9 सितंबर को स्थिति का जायजा लेने के लिए पंजाब का दौरा करेंगे। इस दौरे से पहले, पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने सोमवार (8 सितंबर) को प्रधानमंत्री से बाढ़ प्रभावित राज्य के लिए कम से कम ₹20,000 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा करने का आग्रह किया।
'बाढ़ग्रस्त पंजाब को 20 हजार करोड़ रुपये का राहत पैकेज दें'
पंजाब सरकार के मंत्री अमन अरोड़ा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की कि राज्य के दौरे के समय वह बाढ़ग्रस्त पंजाब के लिए कम से कम 20 हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा करें।प्रधानमंत्री मोदी बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए नौ सितंबर को पंजाब का दौरा करेंगे।अरोड़ा ने कहा, "हालांकि प्रधानमंत्री ने बाढ़ग्रस्त पंजाब के लिए अभी तक एक शब्द भी नहीं कहा है लेकिन वह हमारे प्रधानमंत्री हैं और मैं उनका हाथ जोड़कर उनका स्वागत करता हूं। मैं यह भी उम्मीद करता हूं कि वह अपने इस दौरे में पंजाब के साथ खड़े नजर आएंगे।" मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा हाल ही में प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में राज्य के कोष के 60,000 करोड़ रुपये मांगे जाने का जिक्र करते हुए अरोड़ा ने कहा कि यह पंजाब का अधिकार है और इसे जारी किया जाना चाहिए।
मान ने कुछ दिन पहले राज्य के 60,000 करोड़ रुपये जारी करने के लिए मोदी को पत्र लिखते हुए दावा किया था कि यह धनराशि भारत सरकार के पास अटकी हुई है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि पंजाब दशकों में सबसे खराब बाढ़ आपदाओं में से एक से जूझ रहा है।अरोड़ा ने कहा कि मौजूदा बाढ़ की स्थिति 1988 की बाढ़ से भी बदतर है। उन्होंने कहा, "केंद्र को पंजाब के लिए कम से कम 20,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।"
उन्होंने कहा कि बाढ़ से 4.50 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र की फसलें नष्ट हो गई हैं, तथा पशुधन और घरों को भी नुकसान पहुंचा है।आप की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अरोड़ा ने कहा कि बाढ़ प्रभावित खेतों में गाद जमा होने के कारण किसानों के लिए अगली फसल उगाना चुनौती भरा काम होगा। उन्होंने कहा, "हम प्रधानमंत्री के आगमन का स्वागत करते हैं लेकिन उनको संकट की इस घड़ी में राज्य के लिए 60,000 करोड़ रुपये जारी करने और 20,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की भी घोषणा करनी चाहिए।"
पंजाब इस समय दशकों में अपनी सबसे भीषण बाढ़ आपदाओं में से एक का सामना कर रहा है। यह बाढ़ सतलुज, व्यास और रावी नदियों के उफान के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण मौसमी नालों में आई बाढ़ का परिणाम है।
इसके अलावा, पंजाब में हाल के दिनों में हुई भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति और भी गंभीर हो गई है, जिससे निवासियों के समक्ष चुनौतियां और भी बढ़ गई हैं।