देश

सजा से ज्यादा जेल में रहा कैदी तो सुप्रीम कोर्ट ने 25 लाख रुपए मुआवजे का दे दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार को 25 लाख रुपए मुआवजे का आदेश दिया। दोषी ने अपने सात साल के सजा अवधि के बाद अतिरिक्त 4.7 साल जेल में बिताए। कोर्ट ने समान परिस्थितियों में फंसे अन्य लोगों की पहचान के लिए लीगल सर्विसेज अथॉरिटी को निर्देश दिए।
1001701510.jpg

1001701510.jpg

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य की लापरवाही पर उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने आज मध्यप्रदेश सरकार को आदेश दिया कि वह सोहन सिंह उर्फ बाबलू को 25 लाख रुपए मुआवजे के रूप में भुगतान करे। दोषी को अपने सात साल के सजा अवधि के बाद पूरा करने के बाद भी 4.7 साल और जेल में रहना पड़ा। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की बेंच ने राज्य सरकार की लापरवाही और अदालत में भ्रामक जानकारी पेश करने पर गंभीर टिप्पणी की है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कैदी को सजा की अवधि से ज्यादा समय कैद में रखकर उसे न्याय से वंचित रखा गया है। प्रारंभिक जानकारी में दोषी ने कुल आठ साल अतिरिक्त जेल में बिताए, लेकिन बाद में बताया गया कि वह कुछ समय के लिए जमानत पर भी बाहर रहा। कोर्ट ने 4 साल 7 महीने की अतिरिक्त कैद को ध्यान में रखते हुए मुआवजे की राशि तय की।

समान परिस्थितियों में फंसे लोगों के लिए भी दिशा निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश लीगल सर्विसेज अथॉरिटी को निर्देश दिया कि वह ऐसे ही और कैदियों की पहचान करे जो समान परिस्थितियों में जेल में हैं या रहे हैं। यह कदम भविष्य में न्याय प्रणाली में सुधार और गलत कैद से बचाव के लिए उठाया गया है।

क्या है ये पूरा मामला?

सोहन सिंह उर्फ बबलू को को 2004 में मध्यप्रदेश के सेशंस कोर्ट ने धारा 376(1), 450 और 560B के तहत दोषी ठहराया और आजीवन कारावास तथा 2000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। 2007 में हाईकोर्ट ने सजा घटाकर सात साल कर दी, लेकिन दोषी को केवल 2025 में जेल से रिहा किया गया, जिससे कुल आठ साल अतिरिक्त जेल में बिताना पड़ा।

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला न केवल दोषी को न्याय दिलाने वाला है बल्कि राज्य सरकार और न्याय प्रणाली में सुधार की जरूरत को भी दर्शाता है। यह फैसला भविष्य में अन्य ऐसे मामलों के लिए मिसाल बन सकता है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

Gaurav Srivastav author

टीवी न्यूज रिपोर्टिंग में 10 साल पत्रकारिता का अनुभव है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से लेकर कानूनी दांव पेंच से जुड़ी हर खबर आपको इस जगह मिलेगी। साथ ही चुना...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited