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PM मोदी ने उपराष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले भाजपा सांसदों को दिया गुरु मंत्र, कही यह अहम बात

Sansad Karyashala: उपराष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले रविवार को संसद भवन में भाजपा सांसदों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि सांसद विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से जुड़े उनकी समस्या को समझें और उसका समाधान खोजें।
PM Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद कार्यशाला में लिया हिस्सा (फोटो साभार: @narendramodi)

Sansad Karyashala: उपराष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले रविवार को संसद भवन में भाजपा सांसदों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने संसद में पूरा दिन बिताया। सुबह से लेकर शाम तक पीएम मोदी संसद भवन में रहे और अंतिम पंक्ति में बैठे नजर आए। बैठक के दौरान, उन्होंने सांसदों के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर दिया।

जनसंपर्क और जागरूकता

सांसदों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सांसद विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से जुड़े उनकी समस्या को समझें और उसका समाधान खोजें। पीएम मोदी ने कहा कि जानकारी के अभाव में कई बार ग्रामीण परिवारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

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साथ ही सांसदों से सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों पर नज़र रखने का आग्रह किया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मदद ज़रूरतमंदों तक पहुंच रही है या नहीं। उन्होंने मतदाताओं के साथ संपर्क बनाए रखने के लिए मासिक "टिफिन मीटिंग" आयोजित करने का सुझाव दिया।

संसदीय आचरण और सहयोग

पीएम मोदी ने उल्लेख किया की संसदीय समिति की रिपोर्टों को ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए और संसद सत्र के लिए तैयारी करना चाहिए। पीएम मोदी ने इस बात को लेकर भी सांसदों से आगाह किया कि हमेशा जनहित के सवाल पूछें। पीएम मोदी ने पक्षपातपूर्ण प्रश्न पूछने के प्रति भी आगाह किया और इस बात पर ज़ोर दिया कि सांसदों को हमेशा जनहित को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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राष्ट्र के लिए दृष्टिकोण

पीएम मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की समस्याएं अलग-अलग हैं और उन्हें अलग-अलग समझने की आवश्यकता है। उन्होंने सिंगापुर को एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया कि एकीकृत राष्ट्रीय प्रयास से क्या हासिल किया जा सकता है। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि स्वच्छता जैसी पहल केवल धन की कमी से कहीं अधिक प्रयास और अनुशासन पर आधारित हैं। बता दें कि सोमवार को दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक कार्यशाला चलेगी। प्रधानमंत्री के संभावित अंतिम संबोधन के साथ कार्यक्रम का समापन होगा।

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रविकांत राय author

सत्ता के गलियारों से आम जनमानस से जुड़ी हर ख़बर पर पैनी नज़र, । राजनीति के हर दांव पेंच से वाकिफ, 13 सालों में दो लोकसभा चुनाव और कई राज्यों के विधान ...और देखें

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