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चांद के बाद अब शुक्र ग्रह की तैयारी, भारत रवाना करेगा चंद्रयान-4 मिशन, ISRO चीफ का ऐलान

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक अपने यान की सॉफ्ट लैंडिंग करा चुका भारत अब अपने चंद्रयान-4 मिशन पर जुट गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चीफ वी नारायणन ने शनिवार को बड़ा ऐलान किया। नई दिल्ली में नेशनल स्पेस डे के मौके पर उन्होंने कहा कि भारत अपना चंद्रयान-4 मिशन लॉन्च करेगा। यह मिशन शुक्र ग्रह के लिए ऑर्बिटर मिशन होगा।

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Chandrayaan-4 mission : अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत कामयाबी की नई बुलंदियां तो लगातार छू ही रहा है। अपने नए स्पेस मिशनों के जरिए वह दुनिया को दिखा रहा है कि जटिल और उन्नत तकनीक में भी अब वह किसी से पीछे नहीं है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक अपने यान की सॉफ्ट लैंडिंग करा चुका भारत अब अपने चंद्रयान-4 मिशन पर जुट गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चीफ वी नारायणन ने शनिवार को बड़ा ऐलान किया।

आने वाले दिनों में चंद्रयान-4 मिशन लॉन्च करेगा भारत। तस्वीर-PTI

अपना चंद्रयान-4 मिशन लॉन्च करेगा भारत

नई दिल्ली में नेशनल स्पेस डे के मौके पर उन्होंने कहा कि भारत अपना चंद्रयान-4 मिशन लॉन्च करेगा। यह मिशन शुक्र ग्रह के लिए ऑर्बिटर मिशन होगा। यानी भारतीय अंतरिक्ष यान शुक्र ग्रह की परिक्रमा करते हुए अनुसंधान करेगा। इसरो के चेयरमैन ने जोर देकर कहा कि साल 2035 तक भारत अपना 'भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन' स्थापित करेगा और इस अंतरिक्ष स्टेशन का पहला मॉड्यूल भी 2035 में रवाना होगा। इसरो चीफ ने आगे कहा कि साल 2040 में भारत चांद पर कदम रखेगा। इस सफलता के बाद भारत चंद्रमा पर मानवयुक्त मिशन भेजने वाले देशों के एलीट क्लब में शामिल हो जाएगा।

आगामी मिशनों के बारे में नारायणन ने बताया

  • चंद्रयान-4 मिशन
  • शुक्रयान (Venus Orbiter Mission)
  • भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) 2035 तक
  • मानव चंद्रमा पर उतरना 2040 तक
भारत की अंतरिक्ष यात्रा में मोदी की भूमिका

इसरो प्रमुख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की और श्रेय दिया कि उन्हीं के प्रयास से भारत ने अपने एक अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजा। नारायणन ने कहा, 'प्रधानमंत्री का विचार था कि अपने रॉकेट से ‘गगनयात्री’ भेजने से पहले एक को ISS भेजा जाना चाहिए। उनके विजन से ही यह सफलता मिली। शुक्ला ISS गए और सुरक्षित वापस लौटे।”

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