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चांद को कैसे मिला 'स्टर्जन मून' नाम, कब और कहां कर सकेंगे इसका दीदार; सभी सवालों का यहां मिलेगा जवाब

Sturgeon Moon 2025: अगस्त माह की पूर्णिमा को स्टर्जन मून कहा जाता है। विभिन्न संस्कृतियों में स्टर्जन मून को अलग-अलग नाम से जाना जाता है। इसके बाद हार्वेस्ट मून का समय आ जाएगा। चांद को स्टर्जन मून नाम अमेरिका की एक प्रख्यात स्टर्जन मछली के नाम पर दिया गया था, जो 2 मीटर से ज्यादा लंबी और लगभग 90 किलोग्राम जितनी वजनी हो सकती है।

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Sturgeon Moon 2025: चांद का दीदार करने की चाहत अक्सर लोगों में होती है। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि चांद पर सबसे ज्यादा लिखा और पढ़ा गया है। कभी गानों में, कभी महबूब की याद में तो कभी किसी और वजह से, लेकिन जिक्र अक्सर होता रहा है और हाल ही में एक नया नाम कौतुहल में बना हुआ है- स्टर्जन मून (Sturgeon Moon) तो चलिए यह समझ लेते हैं कि चांद को आखिर यह नाम क्यों मिला और क्या है इसकी खासियत।

स्टर्जन मून 2025

क्या है स्टर्जन मून? (What is The Sturgeon Moon)

स्टर्जन मून अगस्त माह की पूर्णिमा को कहा जाता है। यूं तो हर पूर्णिमा को अलग-अलग नामों से जाना जाता है, लेकिन पूर्णिमाएं ज्यादा खास हो जाती हैं, क्योंकि उनके साथ कोई अन्य खगोलीय इवेंट शामिल हो जाता है। इस बार तीन ग्रह एक साथ एक कतार में नजर आएंगे। खैर बात स्टर्जन मून की करें तो चांद को यह नाम उत्तरी अमेरिका के मूल निवासी जनजातियों द्वारा दिया गया है और यह नाम उत्तरी अमेरिका की सबसे बड़ी मीठे पानी की मछली 'स्टर्जन' से लिया गया है।

अगस्त की पूर्णिमा को ही क्यों मिला स्टर्जन नाम

अब आप कहेंगे कि जब विभिन्न पूर्णिमाओं को अलग-अलग नाम दिया गया है तो अगस्त की पूर्णिमा को स्टर्जन नाम ही क्यों दिया गया? कोई और नाम भी तो दिया जा सकता था तो इसका जवाब बेहद आसान है। हर पूर्णिमा को उस माह से जुड़े एक इवेंट पर आधारित नाम मिला है। अगस्त माह की पूर्णिमा को स्टर्जन नाम इसलिए मिला, क्योंकि इस समय ग्रेट लेक्स और अन्य जलाशयों में स्टर्जन मछलियां प्रचुर मात्रा में पाई जाती थीं और उन्हें पकड़ना भी बेहद आसान होता था, जो मूल निवासियों के भोजन का मुख्य स्त्रोत थीं।

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