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ज्यादा भावुक ना हों- Bigg Boss 19 में कुनिका सदानंद को सलाह, जानें इमोशन्स कब पहुंचाने लगते हैं नुकसान

साइकोलॉजिस्ट्स मानते हैं कि इमोशन्स और लॉजिक का बैलेंस इंसान के लिए बहुत जरूरी है। अगर इमोशन्स आपको गलत डिसीजन लेने पर मजबूर करें तो नुकसान पक्का है।

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अभिनेत्री कुनिका सदानंद इन दिनों बिग बॉस 19 में बतौर कंटेस्टेंट हिस्सा ले रही हैं। उनकी एक्ट्रेस दोस्त दीपशिखा नागपाल उन्हें सलाह देना चाहती हैं कि शो में ज्यादा भावुक न हों, क्योंकि बिग बॉस रिश्ते बनाने के लिए नहीं है। बाहर तो उनका परिवार और दोस्त पहले से ही मौजूद हैं। अंदर भावुक होना उन्हें अधिक चोट पहुंचा सकता है। ये तो हुई बिग बॉस की बात, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इमोशनल होना कब और कैसे हमें नुकसान पहुंचा सकता है।

इंसान को कब नुकसान पहुंचाने लगते हैं इमोशन्स (Photo: Bigg Boss 19)

इमोशनल होने का सबसे बड़ा नुकसान तब होता है, जब आप अपने दिमाग से ज्यादा दिल की सुनते हैं। मिसाल के तौर पर, ऑफिस में बॉस की डांट पर अगर आप इमोशनल होकर तुरंत रिजाइन कर दें, तो ये प्रैक्टिकल नहीं। या फिर रिलेशनशिप में पार्टनर की गलती को बार-बार इमोशन्स के चलते माफ करना आपको लॉन्ग टर्म में दुख दे सकता है।

साइकोलॉजिस्ट्स कहते हैं, इमोशन्स और लॉजिक का बैलेंस जरूरी है। अगर इमोशन्स आपको गलत डिसीजन लेने पर मजबूर करें तो नुकसान पक्का है। प्यार में इमोशनल होना नॉर्मल है, लेकिन अगर आप हर छोटी बात पर इमोशनल होकर रोते हैं या पार्टनर पर डिपेंड हो जाते हैं, तो रिलेशन कमजोर पड़ सकता है।

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