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Relationship: स्पेस के नाम पर कहीं छल तो नहीं रहा पार्टनर? जानें रिलेशनशिप में कितना Space है सही

रिलेशनशिप में स्पेस मतलब दोनों पार्टनर्स को अपनी पर्सनल लाइफ जीने की आजादी। जैसे दोस्तों से मिलना, हॉबीज पर टाइम स्पेंड करना या बस अकेले में रिलैक्स करना। ये जरूरी है क्योंकि लगातार साथ रहने से घुटन हो सकती है।

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How much space is normal in Relationship: किसी भी रिलेशनशिप की सबसे पहली शर्त होती है भरोसा। दो लोगों के बीच भरोसे और समझ से ही किसी रिश्ते का भविष्य तय होता है। लेकिन आजकल रिश्तों की उम्र पार्टनर्स की आजादी भी तय करती है। आपने भी लोगों को कहते सुना होगा कि मुझे स्पेस चाहिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये स्पेस क्या है और कहीं स्पेस के नाम पर रिलेशनशिप में धोखे का खेल तो नहीं चल रहा। तो आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब और ये भी समझेंगे कि किसी भी रिलेशनशिप में कितना स्पेस जरूरी है।

स्पेस के नाम पर कहीं छल तो नहीं रहा पार्टनर? जानें रिलेशनशिप में कितना Space है सही (Photo: iStock)

क्या है स्पेस और क्यों है ये जरूरी?

सबसे पहले समझते हैं स्पेस का मतलब। रिलेशनशिप में स्पेस मतलब दोनों पार्टनर्स को अपनी पर्सनल लाइफ जीने की आजादी। जैसे, दोस्तों से मिलना, हॉबीज पर टाइम स्पेंड करना या बस अकेले में रिलैक्स करना। ये जरूरी है क्योंकि लगातार साथ रहने से घुटन हो सकती है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि हेल्दी रिलेशन में स्पेस ट्रस्ट बढ़ाता है। मिसाल के तौर पर, अगर आपका पार्टनर वीकेंड पर अकेले घूमना चाहे या फोन पर कम बात करे, तो ये नॉर्मल हो सकता है। लेकिन कितना स्पेस सही? ये हर कपल पर डिपेंड करता है। अगर आप दोनों खुश हैं और कम्युनिकेशन अच्छा है, तो थोड़ा स्पेस फायदेमंद है। लेकिन अगर स्पेस की वजह से आप अकेला फील करते हैं, तो अलर्ट हो जाएं।

स्पेस के नाम पर धोखा तो नहीं दे रहा पार्टनर

कई बार लोग स्पेस के नाम पर सामने वाले को चीट करते हैं। जरूरी है ये समझना कि चल क्या रहा है। हालांकि जब सामने वाला स्पेस के नाम पर धोखा देता है तो कुछ सिग्नल मिलते हैं। इन्हें पहचानना होगा। मसलन वो अचानक फोन लॉक रखने लगे, देर रात तक बाहर रहने लगे या स्पेस की डिमांड के साथ इमोशनली दूर हो जाए।

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