बस कंडक्टर की बेटी ने UPSC के पहले अटेम्प्ट में किया टॉप, डॉक्टरी छोड़ बनी IAS अधिकारी

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। कई एस्पिरेंट्स सालों तक यूपीएससी की तैयारी करने के बाद भी सफल नहीं हो पाते हैं। वहीं, कुछ लोग अपनी मेहनत से पहले ही अटेम्प्ट में सफलता हासिल कर लेते हैं। ऐसी ही एक कहानी IAS रेनू राज की भी है, जिन्होंने यूपीएससी के पहले अटेम्प्ट में ही टॉप कर दिखाया।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा
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​यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा​

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। कई एस्पिरेंट्स सालों तक यूपीएससी की तैयारी करने के बाद भी सफल नहीं हो पाते हैं। वहीं, कुछ लोग अपनी मेहनत से पहले ही अटेम्प्ट में सफलता हासिल कर लेते हैं। (Photo Credit: TNN)

IAS रेनू राज की कहानी
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​IAS रेनू राज की कहानी​

ऐसी ही एक कहानी IAS रेनू राज की भी है, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए डॉक्टरी छोड़ दी और अपने कठिन परिश्रम से यूपीएससी के पहले ही अटेम्प्ट में दूसरी रैंक के साथ टॉप किया। (Photo Credit: iStock)

पिता बस कंडक्टर
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​पिता बस कंडक्टर​

1987 में जन्मीं रेनू राज मूल रूप से केरल के कोट्टायम की रहने वाली हैं। इनके पिता राजकुमार नायर बस कंडक्टर के पद से रिटायर हुए हैं और उनकी माता एक गृहिणी हैं। रेनू का परिवार आर्थिक रूप से बहुत मजबूत नहीं था लेकिन उनके माता पिता ने कभी भी उनकी पढ़ाई में कमी नहीं आने दी। (Photo Credit: iStock)

एमबीबीएस की डिग्री
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​एमबीबीएस की डिग्री​

रेनू की शुरुआती पढ़ाई कोट्टायम के सेंट टैरेसा हायर सेकेंडरी स्कूल से हुई है। इसके बाद उन्होंने वहीं के एक गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। इसके बाद वह हाउस सर्जन के तौर पर कोल्लम जिले के ASI हॉस्पिटल में प्रैक्टिस करने लगी थीं। (Photo Credit: iStock)

पहले प्रयास में दूसरी रैंक
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​पहले प्रयास में दूसरी रैंक​

रेनू राज डॉक्टरी के साथ ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी थी। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और साल 2014 में यूपीएससी के पहले अटेम्प्ट में उन्होंने दूसरी रैंक के साथ परीक्षा में टॉप किया। (Photo Credit: iStock)

क्यों छोड़ी डॉक्टरी
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​क्यों छोड़ी डॉक्टरी​

रेनू से पूछा गया कि उन्होंने डॉक्टर की नौकरी क्यों छोड़ी तो उन्होंने जवाब दिया कि एक डॉक्टर के तौर पर वह 100 मरीजों की मदद कर सकती थी लेकिन एक IAS अफसर बनकर हजारों लोगों की जिंदगी बदल सकती हैं। (Photo Credit: iStock)

कितने घंटे पढ़ाई
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​कितने घंटे पढ़ाई​

बता दें कि यूपीएससी की तैयारी के लिए रेनू रोज 6 से 8 घंटे पढ़ाई किया करती थीं। इसके साथ ही वह अपने खाने का और सोने का बेहद ध्यान दिया करती थीं। उन्होंने प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा के लिए एक साथ ही तैयारी की थी। (Photo Credit: iStock)

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