यहां से करें गणपति के 10 सुंदर स्वरूप के दर्शन, ब्रह्म मुहूर्त में देखने से बनेंगे सारे बिगड़े काम
हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार, दिन की शुरुआत करने से पहले किसी भी देवी-देवता के दर्शन जरूर करने चाहिए। खासतौर से गणपति का दर्शन शुभ माना जाता है। यहां आपको विघ्नहर्ता भगवान गणेश के सुंदर-सुंदर फोटोज के दर्शन कराए जा रहे हैं।
गणेश जी की फोटो
साल 2025 में चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 26 अगस्त 2025, दोपहर 1:54 बजे से हो रहा है। वहीं, 27 अगस्त 2025, दोपहर 3:44 बजे ये समाप्त हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार, गणेश चतुर्थी 2025 बुधवार, 27 अगस्त को मनाई जाएगी। गणेश चतुर्थी के इस खास मौके पर आपको गणपति के तस्वीर के दर्शन भी रोज ब्रह्म मुहूर्त में करने चाहिए। यहां से आप गणेश जी की फोटो देख सकते हैं। (pic credit: AI)
गणपति की पूजा
स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें। पूजा स्थान को गंगाजल या साफ पानी से शुद्ध करें। पूजा स्थान को गंगाजल या साफ पानी से शुद्ध करें। हाथ में अक्षत, फूल, जल लेकर संकल्प लें। फिर गणेश जी का ध्यान करें। गणेश जी को पंचामृत से स्नान कराएं। चंदन, अक्षत, फूल, दूर्वा अर्पित करें। मोदक, लड्डू, फल और पंचामृत अर्पित करें। आरती करें। (pic credit: AI)
गणेश जी के मंत्र
ॐ गण गणपतये नमः - संकटों से रक्षा और सफलता के लिए इसका जप किया जाता है। और वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ - किसी भी कार्य की सफल शुरुआत से पहले बोला जाता है। (pic credit: AI)
गणेश जी के नाम
गणेश जी को विनायक, विघ्नहर्ता, विघ्नेश्वर, एकदंत, गजानन, लम्बोदर, सुमुख, दूर्वाक्षप्रिय, बालचंद्र कहा जाता है। (pic credit: AI)
गणेश जी का भोग
गणेश जी को मोदक और बेसन के लड्डू काफी पसंद आते हैं। इसके अलावा उन्हें दूर्वा घास, गुड़धानी, पान और सुपारी का भोग भी लगता है। (pic credit: AI)भोग के रूप में विघ्नहर्ता गणेश जी को मोदक और बेसन के लड्डू काफी पसंद आते हैं।
गणेश जी का व्रत करने के नियम
व्रत वाले दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और संकल्प लें। दिनभर व्रती केवल फलाहार या एक समय भोजन करें, ब्रह्मचर्य का पालन करें। भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना कर विधिपूर्वक पूजा, मंत्र-जप और आरती करें। व्रत के अंत में प्रसाद बांटें और चंद्र दर्शन से बचें। (pic credit: AI)
गणेश व्रत संकल्प
गणेश जी का व्रत केवल चतुर्थी पर ही नहीं, बल्कि भक्तजन श्रद्धापूर्वक 7, 11 या 21 सोमवार तक भी कर सकते हैं। यह व्रत विशेष रूप से बुद्धि, विवेक, संतान प्राप्ति, कर्ज मुक्ति, या मनोकामना पूर्ति के लिए किया जाता है। (pic credit: AI)
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