अध्यात्म

प्रयागराज के बाद 2025 में ही लगेगा दूसरा कुंभ मेला, इतने साल बाद बने खास संयोग

Badrinath Kumbh Mela 2025 (बद्रीनाथ कुंभ मेला 2025): चार धाम यात्रा इस साल खास होने वाली है, इस साल बद्रीनाथ में सरस्वती नदी के उद्गम स्थल पर कुंभ मेला लगने वाला है। यहां देखें कब बन रहे हैं खास संयोग, बद्रीनाथ कुंभ डेट, बद्रीनाथ कुंभ मेला की विशेषता क्या है।

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Badrinath Kumbh Mela 2025 (बद्रीनाथ कुंभ मेला 2025): बद्रीनाथ उत्तराखंड के चार धामों में से एक, भगवान विष्णु के पवित्र निवास स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। वर्ष 2025 में यहाँ पुष्करालु का विशेष योग बन रहा है, जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत पुण्यदायी और दुर्लभ माना जाता है। ये मेला बद्रीनाथ के उद्धम स्थल माणा में सरस्वती नदी के किनारे आयोजित होने जा रहा है। जो इस साल की चार धाम यात्रा को श्रद्धालुओं के लिए और भी ज्यादा खास बनाएगा। करीब करीब 12 सालों बाद ये खास योग बन रहे हैं, और इस कुंभ मेले में दक्षिण भारत के सैकड़ों आचार्य शामिल हो सकते हैं। यहां देखें कब से कब तक चलेगा खास बद्रीनाथ पुष्करालु कुंभ मेला 2025, इस कुंभ की विषेशता क्या है और तैयारियों से जुड़ी सारी जानकारी।

Badrinath Kumbh Mela Details

बद्रीनाथ पुष्करालु कुंभ मेला 2025

प्रत्येक 12 वर्षों के बाद मिथुन राशि के बृहस्पति के प्रारंभ होने पर बद्रिकाश्रम में पुष्कर कुंभ का अयोजन होता है। ये सरस्वती नदी के उद्गम पर आयोजित होता है। बता दें कि, उत्तराखंड के चमोली जिले में बद्रीनाथ धाम से कुछ ही दूरी पर स्थित देश के पहले गांव माने जाने वाले माणा गांव में सरस्वती नदी का उद्गम है। जहां सरस्वती नदी महज 1 किमी के दायरे में बहती है, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यहीं पर वेदव्यास जी ने महाभारत ग्रंथ की रचना की थी। यहां पर गणेश गुफा और व्यास पोथी भी है, और इसी जगह पर दिव्य बद्रीनाथ पुष्करालु मेला आयोजित होगा।

कब लगेगा बद्रीनाथ पुष्करालु कुंभ मेला 2025

बद्रीनाथ पुष्कर कुंभ मेला इस साल 15 मई से शुरू होने वाला है, वहीं ये मेला 25 मई तक जारी रहेगा। बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल ने बताया कि, दक्षिण भारतीय आचार्यों की परंपरा में हर 12 साल के बाद पुष्कर कुंभ का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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