अध्यात्म

श्मशान जैसे हो जाते हैं वे घर जहां नहीं होते ये जरूरी कार्य – चाणक्य की चेतावनी

Chanakya Niti In Hindi: चाणक्य नीति एक प्राचीन भारतीय नीति-शास्त्र है, जिसे आचार्य चाणक्य ने रचा था। इस ग्रंथ में मानव जीवन से जुड़े लगभग सभी पहलुओं—जैसे राजनीति, व्यवहार, धर्म, शिक्षा, समाज, स्त्री-पुरुष संबंध, धन, मित्रता आदि—पर आधारित शिक्षाएं दी गई हैं। यहां हम जानेंगे आचार्य चाणक्य ने कैसे घरों को श्मशान के समान बताया है।

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Chanakya Niti In Hindi: चाणक्य को एक महान राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और शिक्षक के तौर पर जाना जाता है। जिन्होंने मौर्य साम्राज्य की नींव रखने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने ही अपनी नीतियों से चंद्रगुप्त मौर्य को राजा बनाया। चाणक्य की नीतियां आज भी मानव समाज का कल्याण करने का काम कर रही हैं। चाणक्य नीति का मुख्य उद्देश्य किसी भी व्यक्ति को व्यवहारिक जीवन में सफल, धन-संपन्न, और नीति-सम्मत जीवन जीने के योग्य बनाना है। आज हम जानेंगे चाणक्य की उस नीति के बारे में जिसमें उन्होंने बताया है कि कैसे घर श्मशान के बराबार हो जाते हैं।

श्मशान जैसे हो जाते हैं वे घर जहां नहीं होते ये जरूरी कार्य

जहां नहीं होते शुभ काम

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चाणक्य नीति अनुसार जिन घरों में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं किया जाता है ऐसे घर श्मशान के समान हो जाते हैं। ऐसे घरों का माहौल हमेशा नकारात्मक बना रहता है। घर-परिवार के सदस्यों में किसी न किसी बात को लेकर लड़ाई-झगड़ा लगा रहता है। इसलिए घर में कोई न कोई शुभ काम करते रहना चाहिए। जिससे नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर चली जाए और सकारात्मक ऊर्जा का घर में आगमन हो सके।

जहां नहीं होती पूजा-पाठ

आचार्य चाणक्य के अनुसार जिन घरों में पूजा—पाठ नहीं होती ऐसे घरों का माहौल भी बेहद नकारात्मक बना रहता है। इन घरों में भगवान का वास नहीं होता और जिस घर में भगवान का वास नहीं होता ऐसे घर श्मशान के समान माने जाते हैं।

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