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Pitru Paksha Me Kya Kare Kya Na Kare: क्या पितृपक्ष में खा सकते हैं प्याज-लहसुन? मंदिर जा सकते हैं या नहीं? जानें पितृ पक्ष में क्या करें क्या ना करें

Pitru Paksha Do's and Don'ts 2025: पितृपक्ष के 15 दिन, पितरों की आत्मा की शांति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं। इन दौरान कुछ खास नियमों का पालन करना होता है। ये नियम भोजन और बाल-नाखुन काटने तक के लिए होते हैं। यहां से आप जान सकते हैं कि पितृ पक्ष में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
पितृ पक्ष में क्या करें क्या ना करें (pic credit: iStock)

पितृ पक्ष में क्या करें क्या ना करें (pic credit: iStock)

Pitru Paksha Do's and Don'ts 2025 (पितृपक्ष में क्या करें क्या ना करें): पितृपक्ष साल 2025 में 8 सितंबर, सोमवार से शुरू होकर 21 सितंबर, रविवार तक चलेगा। असल में ये भाद्रपद पूर्णिमा से प्रारंभ होता है और इसका समापन आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर होता है। शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान कुछ नियम का पालन करना पड़ता है, नहीं तो पूर्वज नाराज होते है और पितृ दोष भी लग सकता है। वैसे भी लोगों के मन में पितृपक्ष को लेकर कई तरह के सवाल आ रहे हैं, जैसे क्या पितृपक्ष में लहसुन-प्याज खा सकते हैं? पितृपक्ष में मंदिर जा सकते हैं या नहीं? इस दौरान नाखुन और बाल काटना चाहिए? यहां से आपको अपने सभी सवालों का जवाब मिलेगा।

पितृपक्ष में क्या करना चाहिए-

  • श्राद्ध कर्म करें
  • ब्राह्मणों को भोजन कराएं
  • तर्पण करें
  • दान करें
  • पशु-पक्षी की सेवा करें
  • सात्विक भोजन करें

पितृपक्ष में क्या नहीं करना चाहिए-

  • नाखुन-बाल न काटें
  • शुभ कार्य न करें
  • तर्पण किए बिना भोजन न करें
  • मांसाहार न करें
  • बैंगन, प्याज, सफेद तिल, लौकी, मूली, लहसुन, बासी भोजन, सरसों का साग, मसूर की दाल, काला नमक न खाएं
  • चना और सत्तू न खाएं
  • श्राद्ध का मजाक न उड़ाएं
  • झूठ न बोंले, क्रोध न करें
  • सूर्यास्त के बाद श्राद्ध न करें

क्या पितृपक्ष में भगवान की पूजा करनी चाहिए या नहीं?

पितृपक्ष के दौरान पितर पूजनीय होते हैं। लेकिन, दौरान घर के भगवान की सेवा करना न भूलें। रोज की तरह भगवान को स्नान कराएं, शृंगार करें और उनकी सेवा करें। जैसे हम रोज सुबह अपने घर में भगवान की पूजा करते हैं, वैसे ही आराधना करते रहें।

पितृ पक्ष में मंदिर जा सकते हैं?

पितृपक्ष में मंदिर जाने की कोई मनाही नहीं है। लेकिन अगर तीर्थयात्रा पर जाने की सोच रहे हैं तो ये काम अगर पितृ पक्ष के बाद करें तो ज्यादा सही रहेगा।

क्या पितृपक्ष में बाल कटवाना चाहिए?

नहीं, पितृपक्ष में बाल कटवाने से बचना चाहिए क्योंकि यह शोक और पवित्रता का समय होता है, और बाल- दाढ़ी और नाखून काटना पितरों के प्रति अनादर माना जाता है।

क्या पितृपक्ष में प्याज-लहसुन खा सकते हैं?

लहसुन और प्याज तामसिक भोजन है और ऐसा माना जाता है कि अगर ऐसी चीजों का सेवन किया जाएं तो ये हमारे वितारों की पवित्रता खत्म कर सकता है। इतना ही नहीं इससे आपका गुस्सा, बढ़ सकता है, मन की एकाग्रता खत्म हो सकती है। इसलिए ये नहीं खाना चाहिए।

पितृ पक्ष में कौन सी सब्जी नहीं बनानी चाहिए?

पितृ पक्ष के दौरान जमीन के अंदर उगने वाली सब्जियां जैसे अरबी, गाजर, मूली, शलजम, सूरन, शकरकंद और चुकंदर नहीं खानी चाहिए, क्योंकि इन्हें तामसिक माना जाता है और पितृ इसे ग्रहण नहीं करते। इसके अलावा, पत्ता गोभी और कुम्हड़ा को भी वर्जित माना गया है, क्योंकि यह पितरों को रुष्ट कर सकता है।

पितृ पक्ष में कौन सी दाल नहीं खानी चाहिए?

पितृ पक्ष में मसूर की दाल खाना अशुभ माना जाता है। इसके अलावा, किसी भी चीज को कच्चा नहीं खाना चाहिए।

पितृपक्ष में संबंध बनाने से क्या होता है?

शास्त्रों की मानें तो पितृ पक्ष के दौरान गर्भ धारण करने से संतान को सेहत से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। यही नहीं पैदा होने वाली संतान विकृत हो सकती है, इन्हीं वजह से पितृ पक्ष में संभोग नहीं करें।

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Srishti author

सृष्टि टाइम्स नाऊ हिंदी डिजिटल में फीचर डेस्क से जुड़ी हैं। सृष्टि बिहार के सिवान शहर से ताल्लुक रखती हैं। साहित्य, संगीत और फिल्मों में इनकी गहरी रूच...और देखें

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