Chandra Grahan Timing: खत्म हुआ सूतक काल, मोक्ष रात्रि 1:27AM, चंद्र ग्रहण के बाद दान, स्नान का सही समय यहाँ देखें
Chandra Grahan Timing (08 September 2025) (चंद्र ग्रहण कितने बजे लगेगा): छाया प्रवेश रात्रि 08:58PM, स्पर्श रात्रि 09:57PM, मध्यमिलन रात्रि 11:01PM, मध्य रात्रि 11:24PM, उन्मीलन रात्रि 12:23AM, मोक्ष रात्रि 1:27AM। छाया निर्गम रात्रि 02:25AM
आज इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 9:58 PM से लगेगा।
इसका समापन अर्धरात्रि 1 बजकर 26 मिनट पर होगा। ग्रहण से करीब 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। इस दौरान भोजन, पूजा-अर्चना आदि की मनाही होती है। शुभ कार्य भी ग्रहण के दौरान नहीं होते हैं। बता दें कि आज का ग्रहण भाद्रपद पूर्णिमा पर लग रहा है। ग्रहण के दौरान आसमान में ब्लड मून दिखेगा। देखें आज के ग्रहण टाइमिंग। साथ ही नोट करें चंद्र ग्रहण लगने पर गर्भवती महिला को क्या करना चाहिए। क्या आज शॉपिंग कर सकते हैं। क्या आज श्राद्ध कर सकते हैं। ग्रहण काल में स्नान, दान, जप, हवन, मंत्रजप, स्तोत्रपाठ, चतुर्मुख पाठ आदि करने से अशुभ-शारीरिक व्याधि, मानसिक विकार, पाप, भय, शत्रु, दुर्घटना आदि कष्ट दूर होते हैं। इस ग्रहण पूर्वापर तीन प्रहर तक कुम्भ राशि भद्र नक्षत्र रहेगा। इस अवधि में गर्भवती महिलाओं को चन्द्र ग्रहण नहीं देखना चाहिए।

Chandra Grahan 2025 Timing Today,चंद्र ग्रहण सूतक काल LIVE
Chandra Grahan Today (07 September 2025)Timing (चंद्र ग्रहण सूतककाल का सूतक टाइम क्या है): आज यानी 7 सितंबर को 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। आज सूर्य ग्रहण नहीं, चंद्र ग्रहण लगेगा। यह पूर्ण चंद्रग्रहण होगा (Total Lunar Eclipse) और आसमान में ब्लड मून नजर आएगा। भारत के सभी प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बैंगलोर, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे आदि शहरों से स्पष्ट रूप से यह ग्रहण देखा जा सकेगा। ग्रहण रात 9 बजे के करीब से शुरू होगा और 9 घंटे पहले से सूतक काल लगेगा। ग्रहण के सूतक काल में मंदिर नहीं जाते हैं। साथ ही कोई शुभ कार्य नहीं होता है। भोजन करने के भी कुछ नियम होते हैं। ये भी नोट करें कि चंद्र ग्रहण लगने पर गर्भवती महिला को क्या करना चाहिए। जानें आज शॉपिंंग कर सकते हैं या नहीं। क्या आज श्राद्ध कर सकते हैं।
चंद्र ग्रहण 2025 शहर अनुसार समय
आज ग्रहण कितने बजे से कितने बजे तक रहेगा
चन्द्र ग्रहण प्रारम्भ 202509:58 पी एम
चन्द्र ग्रहण समाप्त 202501:26 ए एम, सितम्बर 08
स्थानीय ग्रहण की अवधि03 घण्टे 28 मिनट्स 02 सेकण्ड्स
उपच्छाया से पहला स्पर्श08:59 पी एम
प्रच्छाया से पहला स्पर्श09:58 पी एम
खग्रास प्रारम्भ 11:01 पी एम
परमग्रास चन्द्र ग्रहण 11:42 पी एम
खग्रास समाप्त 12:22 ए एम, सितम्बर 08
प्रच्छाया से अन्तिम स्पर्श 01:26 ए एम, सितम्बर 08
उपच्छाया से अन्तिम स्पर्श02:24 ए एम, सितम्बर 08
खग्रास की अवधि01 घण्टा 21 मिनट्स 27 सेकण्ड्स
खण्डग्रास की अवधि 03 घण्टे 28 मिनट्स 02 सेकण्ड्स
उपच्छाया की अवधि 05 घण्टे 24 मिनट्स 37 सेकण्ड्स
चन्द्र ग्रहण का परिमाण1.36
उपच्छाया चन्द्र ग्रहण का परिमाण2.34
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला इन 10 बातों का रखें ध्यान
आज ग्रहण कितने बजे लगेगा
चंद्र ग्रहण शुरू होने का समय : 9:58 PM (7 सितंबर, रविवार रात)
चंद्र ग्रहण की पूर्णता: 11:00 PM से 12:22 AM (अगले दिन, 8 सितंबर)
चंद्र ग्रहण की समाप्ति: 2:25 AM (8 सितंबर, सोमवार)
क्या आज शॉपिंग कर सकते हैं
आज रात को करीब 10 बजे से चंद्र ग्रहण लग रहा है। इसका सूतक काल दोपहर 1 बजे के लगभग शुरू होगा। ऐसे में कुछ भी नया खरीदना हो तो सूतक लगने से पहले कर सकते हैं। ग्रहण के सूतक के दौरान और ग्रहण की अवधि में कुछ भी लेना शुभ नहीं माना जाता है।
आज चंद्र ग्रहण पर मंदिरों के कपाट कब बंद होंगे
ज्योतिषाचार्य सुजीत जी महाराज के अनुसार, आज चंद्र ग्रहण का सूतक दोपहर को 12:57 बजे से लगेगा और इसी के साथ ही मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे। ये 8 सितंबर को सुबह 01:27 तक बंद रहेंगे। इस दौरान पूजा ना करें और ना ही किसी मूर्ति को स्पर्श करें।
इस ग्रहण पूर्वापर तीन प्रहर तक कुम्भ राशि भद्र नक्षत्र रहेगा। इस अवधि में गर्भवती महिलाओं को चन्द्र ग्रहण नहीं देखना चाहिए।
आज चंद्र ग्रहण का प्रभाव
- उद्योग, व्यापार, बालक, असाम, बिहार, सौराष्ट्र प्रदेशों पर प्रतिकूल प्रभाव रहेगा।
- मनोरंजन व्यवसाय, फिल्म निर्माता, संगीतकार, अभिनेता, नाट्यकलाकार पर विपरीत प्रभाव।
- हिंसक, आतंक प्रसारक हेतु कटु ग्रहण सूचक।
- फलोत्पाद, पशुपालन, चौपायकलिंग – तस्करकृत होने फलद।
7 सितंबर को शाम 5:11 बजे EDT (भारतीय समयानुसार लगभग 2:41 AM IST) पर चंद्रग्रहण अपने अधिकतम फेज पर पहुंच जाएगा, यानी चांद पूरी तरह पृथ्वी की गहरी छाया (अम्बरल शैडो) में ढक जाएगा।
ग्रहण दोष निवारण स्तोत्र
योसौ वज्रधरो देव: आदित्यानां प्रभुर्मत: ।
सहस्रनयन: शक्रो ग्रहपीडां व्यपोहतु ।
मुखं य: सर्वदेवानां सप्तार्चिरमितद्युति: ।
चंद्रोपरागसंभूतां अग्ने: पीडां व्यपोहतु।
य: कर्मसाक्षी लोकानां धर्मो महिषवाहन: ।
यमश्चंद्रोपरागोत्थां ग्रहपीडां व्यपोहतु ।
रक्षोगणाधिप: साक्षात् नीलांजनसमप्रभ: ।
खड्गहस्तोऽतिभीमश्च ग्रहपीडां व्यपोहतु ॥
नागपाशधरो देव: सदा मकरवाहन: ।
स जलाधिपतिर्देव: ग्रहपीडां व्यपोहतु ॥
प्राणरूपो हि लोकानां सदा कृष्णमृगप्रिय: ।
वायुश्चंद्रोपरागोत्थां ग्रहपीडां व्यपोहतु ॥
योऽसौ निधिपतिर्देव: खड्गशूलगदाधर: ।
चंद्रोपरागकलुषं धनदोऽत्र व्यपोहतु ।
योऽसाविंदुधरो देव: पिनाकी वृषवाहन: ।
चंद्रोपरागपापानि स नाशयतु शंकर:॥
त्रैलोक्ये यानि भूतानि स्थावराणि चराणि च।
ब्रह्मविष्णुर्करुद्राश्च दहंतु मम पातकं ॥
ग्रहण के बाद क्या करें
ग्रहण के बाद शुद्धिकरण करें। स्वयं स्नान करें और घर व पूजा घर को साफ करें। घर में दीपक लगाएं और आरती करें। विशेषकर शिव जी की पूजा शुभ मानी जाती है।ग्रहण कब खत्म होगा
सितंबर 2025 में भादो पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लगा है। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण है। ग्रहण की समाप्ति के समय को ग्रहण का मोक्षकाल कहते हैं। 7 सितंबर को रात 9:58 बजे पर चंद्र ग्रहण शुरू हुआ है। यह ग्रहण 8 सितंबर यानी सोमवार को 01:27 AM पर समाप्त होगा।can i drink water during lunar eclipse
क्या ग्रहण के दौरान पानी पी सकते हैं - हां, ग्रहण के दौरान पानी पिया जा सकता है। अच्छा होगा कि पीने के पानी में एक शुद्ध तुलसी पत्र ग्रहण के सूतक काल से पहले डाल दें।आज के ग्रहण का मोक्षकाल कब होगा
ग्रहण की समाप्ति के समय को ग्रहण का मोक्षकाल कहते हैं। 7 सितंबर को रात 9:58 बजे पर चंद्र ग्रहण शुरू हुआ है। यह ग्रहण 8 सितंबर यानी सोमवार को 01:27 AM पर समाप्त होगा।चंद्र ग्रहण के बाद क्या दान करें
दान में आप चावल, दूध, सफेद कपड़ा, शक्कर, दही, चांदी (यदि संभव हो) तो दे सकते हैं। यह दान आप ब्राह्मण, गरीब या जरूरतमंद को दे सकते हैं।क्या ग्रहण के दौरान चाय पी सकते हैं
ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने की मनाही होती है लेकिन तबीयत खराब लगे तो चाय पी सकते हैं। इसे तुलसी पत्र डालकर शुद्ध कर ले।Chandra Dev Ki Aarti Lyrics
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ।दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी।
रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी ।
दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी।
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे।
सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि।
योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें ।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, सन्त करें सेवा।
वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी।
प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी।
शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी।
धन सम्पत्ति और वैभव, सहजे सो पावे।
कानपुर में चंद्र ग्रहण शुरू हो गया क्या आज का
आज पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा। कानपुर में आज चंद्र ग्रहण रात 9:58 से शुरू होगा और 8 सितंबर को 01:26 am तकजारी रहेगा। इस दौरान ब्लड मून भी दिखेगा।
पुणे में चंद्र ग्रहण शुरू हो गया क्या आज का
आज पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा। पुणे में आज चंद्र ग्रहण रात 9:58 से शुरू होगा और 8 सितंबर को 01:26 am तक जारी रहेगा। इस दौरान ब्लड मून भी दिखेगा।मुंबई में चंद्र ग्रहण शुरू हो गया क्या आज का
आज पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा। मुंबई में आज चंद्र ग्रहण रात 9:58 से शुरू होगा और 8 सितंबर को 01:26 am तक जारी रहेगा। इस दौरान ब्लड मून भी दिखेगा।इंदौर में चंद्र ग्रहण शुरू हो गया क्या आज का
आज पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा। पटना में आज चंद्र ग्रहण रात 9:58 से शुरू होगा और 8 सितंबर को 01:26 am तकजारी रहेगा। इस दौरान ब्लड मून भी दिखेगा।
आज पटना में चंद्र ग्रहण शुरू हो गया क्या
7 सितंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा। पटना में आज चंद्र ग्रहण रात 9:58 से शुरू होगा और 8 सितंबर को 01:26 am तक जारी रहेगा।कोलकाता में आज चंद्र ग्रहण कब लगेगा
कोलकाता में आज रात 9:58 से ग्रहण लगेगा। यह अगली तारीख को देर रात 01:26 तक जारी रहेगा।चंद्र ग्रहण के बीच ब्लड मून कब दिखेगा आज का
ग्रहण के दौरान रात 11 बजे के बाद ब्लड मून दिखाई देगा। आकाश में इसके बाद करीब 82 मिनट तक पूर्ण चंद्रग्रहण रहेगा। यह भारत में भी दृश्य होगा।ग्रहण दोष निवारण स्तोत्र
योसौ वज्रधरो देव: आदित्यानां प्रभुर्मत: ।सहस्रनयन: शक्रो ग्रहपीडां व्यपोहतु ।
मुखं य: सर्वदेवानां सप्तार्चिरमितद्युति: ।
चंद्रोपरागसंभूतां अग्ने: पीडां व्यपोहतु।
य: कर्मसाक्षी लोकानां धर्मो महिषवाहन: ।
यमश्चंद्रोपरागोत्थां ग्रहपीडां व्यपोहतु ।
रक्षोगणाधिप: साक्षात् नीलांजनसमप्रभ: ।
खड्गहस्तोऽतिभीमश्च ग्रहपीडां व्यपोहतु ॥
नागपाशधरो देव: सदा मकरवाहन: ।
स जलाधिपतिर्देव: ग्रहपीडां व्यपोहतु ॥
प्राणरूपो हि लोकानां सदा कृष्णमृगप्रिय: ।
वायुश्चंद्रोपरागोत्थां ग्रहपीडां व्यपोहतु ॥
योऽसौ निधिपतिर्देव: खड्गशूलगदाधर: ।
चंद्रोपरागकलुषं धनदोऽत्र व्यपोहतु ।
योऽसाविंदुधरो देव: पिनाकी वृषवाहन: ।
चंद्रोपरागपापानि स नाशयतु शंकर:॥
त्रैलोक्ये यानि भूतानि स्थावराणि चराणि च।
ब्रह्मविष्णुर्करुद्राश्च दहंतु मम पातकं ॥
यह “ग्रहण दोष निवारण स्तोत्र” विशेष रूप से सूर्यग्रहण व चंद्रग्रहण से उत्पन्न दोष, अशुभ फल तथा ग्रहपीड़ा को दूर करने के लिए प्राचीन काल से प्रचलित है। इसमें मुख्य रूप से देवताओं, यम, अग्नि, वायु, धनद (कुबेर) और स्वयं भगवान शंकर का आह्वान किया गया है कि वे ग्रहण से उत्पन्न पीड़ा व दोषों को नष्ट करें।
मैं इसका सरल हिन्दी अर्थ क्रमशः देता हूँ –
स्तोत्रार्थ (हिन्दी अर्थ)
योऽसौ वज्रधरो देवः आदित्यानां प्रभुर्मतः ।
सहस्रनयनः शक्रो ग्रहपीडां व्यपोहतु ॥
वज्रधारी देव, आदित्यों के स्वामी, सहस्रनेत्र इन्द्रदेव — वे मेरे ग्रहणजनित दोषों को दूर करें।
मुखं यः सर्वदेवानां सप्तार्चिरमितद्युतिः ।
चन्द्रोपरागसंभूतामग्नेः पीडां व्यपोहतु ॥
जो देवताओं का मुख माने जाते हैं, सात जिह्वाओं वाले तेजस्वी अग्निदेव — वे चंद्रग्रहण से उत्पन्न पीड़ा को दूर करें।
यः कर्मसाक्षी लोकानां धर्मो महिषवाहनः ।
यमश्चन्द्रोपरागोत्थां ग्रहपीडां व्यपोहतु ॥
जो समस्त लोकों के कर्म के साक्षी हैं, धर्मराज यम, महिष वाहन — वे चंद्रग्रहण से उत्पन्न पीड़ा को दूर करें।
रक्षोगणाधिपः साक्षान्नीलाञ्जनसमप्रभः ।
खड्गहस्तः अतिभीमश्च ग्रहपीडां व्यपोहतु ॥
राक्षसगणों के अधिपति, नीलाञ्जन के समान प्रभामंडल वाले, खड्गधारी भीषण देव — वे मेरी ग्रहपीड़ा को नष्ट करें।
नागपाशधरो देवः सदा मकरवाहनः ।
स जलाधिपतिदेवो ग्रहपीडां व्यपोहतु ॥
नागपाश धारण करने वाले, मकरवाहन, जल के अधिपति वरुणदेव — वे मेरी ग्रहण से उत्पन्न पीड़ा दूर करें।
प्राणरूपो हि लोकानां सदा कृष्णमृगप्रियः ।
वायुः चन्द्रोपरागोत्थां ग्रहपीडां व्यपोहतु ॥
जो लोकों के प्राणस्वरूप हैं, कृष्णमृग (हरिणचर्म) प्रिय हैं, वे वायु देव — चंद्रग्रहण से उत्पन्न ग्रहपीड़ा को दूर करें।
योऽसौ निधिपतिः देवः खड्गशूलगदाधरः ।
चन्द्रोपरागकलुषं धनदोऽत्र व्यपोहतु ॥
जो निधियों के स्वामी हैं, खड्ग, शूल और गदा धारण करने वाले धनपति कुबेर — वे चंद्रग्रहणजनित कलुष को दूर करें।
योऽसाविंदुधरो देवः पिनाकी वृषवाहनः ।
चन्द्रोपरागपापानि स नाशयतु शंकरः ॥
चंद्र को धारण करने वाले, पिनाकधारी, वृषभ वाहन भगवान शंकर — वे चंद्रग्रहणजन्य पापों का नाश करें।
त्रैलोक्ये यानि भूतानि स्थावराणि चराणि च ।
ब्रह्मविष्णुश्च रुद्राश्च दहंतु मम पातकम् ॥
त्रैलोक्य (तीनों लोकों) में जितने भी स्थावर (अचल) और जंगम (चल) प्राणी हैं, वे सब तथा ब्रह्मा, विष्णु और रुद्र मेरे पापों का दहन करें।
👉 यह स्तोत्र ग्रहण के समय या ग्रहण के बाद शुद्ध स्नान करके, आचमन सहित श्रद्धापूर्वक पढ़ना अत्यंत शुभ माना गया है।
ग्रहण दोष निवारण स्तोत्र के पाठ की संक्षिप्त विधि :
🌑 ग्रहण दोष निवारण स्तोत्र पाठ विधि
1. ग्रहण से पहले
ग्रहण के समय भोजन, जल, पूजा आदि न करें।
शुद्ध मन से जप व पाठ का संकल्प करें।
2. ग्रहण के समय
स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
एक आसन पर बैठकर, सामने दीपक या केवल मन में भगवान को ध्यान में रखें।
“ॐ नमः शिवाय” या “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जप करते हुए स्तोत्र का पाठ करें।
यदि पूरा स्तोत्र न कर सकें तो केवल भगवान शंकर के नामवाले श्लोक तक (अंतिम से पहले) अवश्य पढ़ें।
3. ग्रहण समाप्त होने पर
शुद्ध जल से स्नान करें।
घर की शुद्धि करें (गंगाजल छिड़कें)।
इसके बाद पुनः स्तोत्र का पाठ करें और पापक्षय की प्रार्थना करें।
संकल्पपूर्वक दान करें – अन्न, वस्त्र, तिल, गौ, सोना, या जो सामर्थ्य हो।
4. विशेष ध्यान
स्तोत्र का पाठ स्वर में (जोर से या धीमे) करना श्रेष्ठ है।
ग्रहणकाल में अन्य मंत्र-जप जैसे महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र, विष्णुसहस्रनाम का पाठ भी साथ में कर सकते हैं।
ग्रहणकाल का समय हजारों गुना पुण्यदायी माना गया है, अतः जितना हो सके जप व पाठ करेl
ग्रहण के दौरान भूख लगने पर क्या करें
अगर ग्रहण के दौरान आपको भूख लग जाए और बहुत आवश्यक हो तो तुलसी, कुशा या दूर्वा जैसे पवित्र पत्तों को भोजन में डालकर खाया जा सकता है। इसके अलावा, आप मेवे, नारियल पानी या कच्चे फल, सब्जियां भी खा सकते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं और उन पर ग्रहण की किरणों का असर नहीं होता है।आसमान से कुछ यूं दिख रहा है ब्लड मून

ग्रहण शुरू होने में कितनी देर है
आज चंद्र ग्रहण 9:58 बजे से रात में लगेगा। इस तरह अब ग्रहण शुरू होने में एक घंटे से कम का समय बचा है।गर्भवती महिलाएं चंद्र ग्रहण देखें या नहीं
गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण देखने से बचना चाहिए। ऐसा मान्यताओं के आधार पर कहा जा रहा है। हालांकि आम जनों के लिए यह ग्रहण देखना शुभ माना जाता है।Chandra Grahan News Live : आज Purnima है... चांदी सा नहीं दमकेगा चांद ! | Lunar Eclipse 2025
can we see lunar eclipse with naked eyes
इस सवाल का अर्थ है कि क्या चंद्र ग्रहण को नग्न आंखों से यानी बिना चश्मे की मदद के देखा जा सकता है ? जवाब हां है। चंद्र ग्रहण को देखना सुरक्षित होता है।आज नोएडा में चंद्र ग्रहण कितने बजे से लगेगा
7 सितंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा। नोएडा में आज चंद्र ग्रहण रात 9:58 से शुरू होगा और 8 सितंबर को 01:26 am तक जारी रहेगा।पूर्णिमा श्राद्ध के दिन चंद्र ग्रहण, जानें कैसे करें आज तर्पण? क्या है पूर्णिमा श्राद्ध का मुहूर्त
आज चंद्र ग्रहण लगने वाला है और आज ही के दिन पूर्णिमा श्राद्ध भी है। ऐसे में अब सवाल ये है कि आज श्राद्ध करने का मुहूर्त कितने बजे तक रहेगा। यहां से आप चंद्र ग्रहण के सूतक काल का समय, साथ ही पूर्णिमा श्राद्ध तर्पण के समय के बारे में जान सकते हैं।आज कितने बजे से लगेगा चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण आज 7 सितंबर को रात में 9 बजकर 58 मिनट पर शुरू लगेगा। ग्रहण का मध्य समय रात में 11:41 पर होगा तथा मोक्ष अथवा ग्रहण की समाप्ति रात में 1:27 पर हो जाएगा।सूतक काल क्या होता है? क्यों चंद्र ग्रहण में 9 घंटे पहले ही लगता है सूतक काल, चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के सूतक काल अलग क्यों हैं
आपने अक्सर देखा होगा कि जब चंद्र या सूर्य ग्रहण लगता है तो उसके पहले उसका सूतक लग जाता है और सूतक लगते ही मंदिर बंद हो जाते हैं, कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। लेकिन आखिर ये सूतक है क्या? और चंद्र ग्रहण का सूतक काल सूर्य ग्रहण से कितना अलग है, ये आप यहां से जानें।अभी ग्रहण शुरू होने में कितनी देर है
भारतीय समय के अनुसार, आज चंद्र ग्रहण रात 9:58 बजे से लगेगा। इस तरह टाइम देखें तो ग्रहण शुरू होने में इसे लाइन को लिखे जाने तक ढाई घंटे के करीब का समय शेष है।चंद्र ग्रहण के बाद इन चीजों से बचकर रहें
उच्च पदस्थ व्यक्तियों को प्रतिष्ठा हानि, अहंकार टकराव और विवाद से बचना चाहिए। देशों के नेताओं के बीच भी मतभेद संभव हैं।चंद्र ग्रहण कौन सा राशि में लग रहा है
7 सितंबर 2025 को लग रहा चंद्र ग्रहण कुंभ राशि में लगेगा। इस समय शतभिषा और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र रहेंगे।आज के चंद्र ग्रहण का असर कितने दिन तक रहेगा
साल 2025 का दूसरा खग्रास चंद्र ग्रहण 7 सितंबर की रात 9:58 बजे शुरू होकर 8 सितंबर की रात 1:26 बजे समाप्त होगा। इसका प्रभाव अगले 90 दिन तक देखने को मिलेगा।chandra grahan ko english mein kya kahte hain
चंद्र ग्रहण को इंग्लिश में लूनर एक्लिप्स (Lunar Eclipse) कहा जाता है। यह तब होता है जब घूमते-घूमते पृथ्वी चंद्रमा और सूरज के बीच आ जाती है। इससे सूरज की रोशनी चांद पर नहीं पड़ती है।सूतक काल के बाद क्या होता है
कोई भी ग्रहण हो, इसका सूतक काल समाप्त होते ही ग्रहण शुरू हो जाता है। इस तरह सूतक की सभी वर्जनाएं ग्रहण में भी जारी रहती हैं। इस दौरान शुभ कार्य, पूजा, भोजन पकाना आदि काम नहीं होते हैं।which rashi is affected by chandra grahan
आज का चंद्र ग्रहण कुंभ राशि में पूर्व भाद्रपद नक्षत्र के तहत लग रहा है। यह ग्रहण मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ, मीन राशियों के लिए चुनौतियों से भरपूर समय लेकर आएगा। इन लोगों को आने वाले कुछ महीनों के लिए सतर्क रहना होगा।7 सितंबर 2025 को चंद्र ग्रहण कब लगेगा
7 सितंबर 2025 को यानी आज पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा। यह भादो पूर्णिमा पर लगेगा। आज चंद्र ग्रहण रात 9:58 बजे से लगेगा। इससे पहले सूतक काल 12:58 बजे से आरंभ हो गया है।पूर्णिमा व्रत की पूजा कब करें
आज पूर्णिमा व्रत चंद्र ग्रहण के संयोग के साथ आ रहा है। ऐसे में सूतक और ग्रहण के पूर्ण होने के बाद ही पूजन करें।Chandra Grahan Time Today 2025 LIVE: आज चंद्र ग्रहण का सूतक काल कब तक है
किसी भी ग्रहण का सूतक काल उसके आरंभ होने तक रहता है। आज 7 सितंबर 2025 के चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के रात 9:58 पर शुरू होने पर समाप्त होगा।Chandra Grahan Time Today 2025 LIVE: क्या सूतक में नॉन वेज खा सकते हैं
नहीं। पंडित पवन कुमार के अनुसार, चंद्र ग्रहण धार्मिक दृष्टिकोण रखता है। इसका सूतक शुभ नहीं होता। इस वजह से ग्रहण से पहले के समय का आहार सात्विक होना चाहिए। वहीं सूतक काल के दौरान आम जनों को खाने की मनाही होती है। पानी ही पिया जा सकता है।लाल किताब में चंद्र ग्रहण के बारे में क्या बताया गया है
लाल किताब के अनुसार चंद्र ग्रहण का असर सीधा चंद्रमा पर पड़ता है। चंद्रमा हमारे मन, भावनाओं, मां और गृहस्थ जीवन का कारक है। इसलिए ग्रहण के समय मानसिक अस्थिरता, चिड़चिड़ापन, नींद में बाधा या भावनात्मक असंतुलन बढ़ सकता है।Chandra Grahan Time Today 2025 LIVE: 122 साल बाद चंद्र ग्रहण का बना ये संयोग
आज रात को भादो पूर्णिमा पर साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है और आज से ही पितृ पक्ष की भी शुरुआत हुई है। ज्योतिषियों की मानें तो चंद्र ग्रहण पर पितृ पक्ष का ये दुर्लभ संयोग पूरे 122 साल बाद बना है।Chandra Grahan Time Today 2025 LIVE: चंद्र ग्रहण के सूतक काल में गर्भवती महिलाएं क्या ना करें
चंद्र ग्रहण के सूतक काल में गर्भवती महिलाएं तेज रोशनी में न निकलें और चंद्रमा को न देखें। सुई,चाकू,कैंची,ब्लेड जैसी धारदार वस्तुओं का प्रयोग न करें। भारी काम न करें। कोशिश करें कि ग्रहण से पहले भोजन कर लें।
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