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राधा अष्टमी का व्रत कब और कैसे खोले 2025, राधा अष्टमी व्रत 2025 पारण टाइम, देखें राधा अष्टमी का व्रत खोलने का समय 2025

Radha Ashtami ka vrat kab khole 2025 (राधा अष्टमी व्रत 2025 पारण टाइम, राधा अष्टमी व्रत कैसे खोलें): भादो मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को भक्त राधा अष्टमी का व्रत रखते हैं। इसके बाद इस व्रत को विधिवत खोला भी जाता है। यहां देखें राधा अष्टमी का व्रत खोलने का टाइम 2025, राधा अष्टमी का व्रत कब खोलना चाहिए, राधा अष्टमी व्रत का पारण कब है, Radha Ashtami 2025 fast breaking time।
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राधा अष्टमी व्रत 2025 पारण टाइम, देखें राधा अष्टमी का व्रत खोलने का समय 2025 (Pic: Canva)

Radha Ashtami ka vrat kab khole 2025 (राधा अष्टमी व्रत 2025 पारण टाइम, राधा अष्टमी व्रत कैसे खोलें): 31 अगस्त 2025 को राधा अष्टमी का व्रत रखा गया है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी का व्रत आता है। 2025 में यह तिथि 30 अगस्त 2025 को रात 10:46 बजे से आरंभ हुई थी। उदया तिथि के अनुसार रविवार को भक्तों का व्रत रहा। अब राधा अष्टमी का व्रत सोमवार, 1 सितंबर को सूर्योदय के बाद खोला जाएगा। आगे देखें देखें राधा अष्टमी का व्रत खोलने का टाइम 2025, राधा अष्टमी का व्रत कब खोलना चाहिए, राधा अष्टमी व्रत का पारण कब है, Radha Ashtami 2025 fast breaking time - जैसे भक्तों के सवालों के सटीक जवाब।

राधा अष्टमी का व्रत कब खोलें 2025 में

राधा अष्टमी व्रत पारण का शुभ समय 2025 में 1 सितंबर को सोमवार के दिन सुबह 5:59 बजे से 7:35 बजे के बीच का रहेगा। यह समय सूर्योदय के बाद का रहेगा। 2025 में राधा अष्टमी की तिथि का आरंभ 30 अगस्त को रात 10:46 बजे से हुआ और इसका समापन 1 सितंबर को अर्ध रात्रि 12:57 बजे पर होगा।

राधा अष्टमी व्रत पारण टाइम 2025 में

दिनांक व दिनसमय और मुहूर्त
30 अगस्त 2025, शनिवारभादो अष्टमी तिथि आरंभ रात 10:46 बजे
31 अगस्त 2025, रविवारव्रत का दिन (अष्टमी तिथि पूरे दिन)
1 सितंबर 2025, सोमवारअष्टमी तिथि अंत अर्ध रात्रि 12:57 बजे (31 अगस्त-1 सितंबर के बीच)
1 सितंबर 2025, सोमवारव्रत पारण का शुभ समय सुबह 5:59 बजे से 7:35 बजे के बीच

राधा अष्टमी का व्रत कैसे खोलना चाहिए

राधा अष्टमी का व्रत पारण विधि : प्रातकाल शुभ मुहूर्त में किया जाता है। इस दिन स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद राधा रानी और श्रीकृष्ण की पूजा करें। उन्हें पुष्प, धूप, दीप, फल और मिष्ठान अर्पित करें तथा राधा जी के मंत्र या नाम का जप करें। व्रत खोलने से पहले एक बार फिर हाथ जोड़कर व्रत संकल्प का स्मरण करें और माता राधा से आशीर्वाद की प्रार्थना करें। इसके बाद भगवान को भोग लगाकर सबसे पहले तुलसी पत्र सहित चरणामृत या फल ग्रहण करें। फिर ब्राह्मण को को भोजन कराएं या दान दें। अंत में स्वयं सात्विक भोजन करके व्रत का समापन करें।

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मेधा चावला author

टाइम्स नाउ नवभारत में मेधा चावला सीनियर एसोसिएट एडिटर की पोस्ट पर हैं और पिछले सात साल से इस प्रभावी न्यूज प्लैटफॉर्म पर फीचर टीम को लीड करने की जिम्म...और देखें

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