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भारत ने श्रीलंका को बताई उसकी हद, भारतीय मछुआरों पर श्रीलंकाई नौसेना ने की गोलीबारी, तो कहा- बर्दाश्त नहीं करेंगे

India lodges Strong Protest on Sri Lankan Navy's Firing Incident: विदेश मंत्रालय ने बताया है कि भारत ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों को पकड़ने के लिए की गई गोलीबारी पर कोलंबो के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया। डेल्फ़्ट द्वीप के पास श्रीलंकाई नौसेना की फायरिंग में दो भारतीय मछुआरे गंभीर रूप से घायल हो गए।

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India Slams Sri Lanka: भारत ने भारतीय मछुआरों को पकड़ने के दौरान श्रीलंकाई नौसेना द्वारा की गई गोलीबारी की घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। इसकी जानकारी भारतीय विदेश मंत्रालय ने दी है। श्रीलंका के कार्यवाहक राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब कर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया। गंभीर रूप से घायल दो भारतीय मछुआरों का जाफना अस्पताल में इलाज चल रहा है। श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गोलीबारी की घटना पर विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि किसी भी परिस्थिति में बल प्रयोग स्वीकार्य नहीं है।

सांकेतिक तस्वीर।

श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों को पकड़ने के लिए हुई गोलीबारी

विदेश मंत्रालय ने बताया है कि आज सुबह डेल्फ़्ट द्वीप (Delft Island) के निकट 13 भारतीय मछुआरों को पकड़ने के दौरान श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गोलीबारी की घटना की सूचना मिली। मछली पकड़ने वाली नाव पर सवार 13 मछुआरों में से दो गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उनका वर्तमान में जाफ़ना टीचिंग अस्पताल में इलाज चल रहा है। तीन अन्य मछुआरों को मामूली चोटें आई हैं और उनका इलाज चल रहा है। जाफ़ना में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने घायल मछुआरों से अस्पताल में मुलाकात की और उनका हालचाल जाना तथा मछुआरों और उनके परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की।

मछुआरों को पकड़ने के लिए की गई गोलीबारी पर भारत की दो टूक

भारतीय विदेश मंत्रालय ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गोलीबारी की घटना पर कहा कि नई दिल्ली में श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को आज सुबह विदेश मंत्रालय में बुलाया गया और इस घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया। कोलंबो में हमारे उच्चायोग ने भी इस मामले को श्रीलंका सरकार के विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया है। भारत सरकार ने हमेशा मछुआरों से जुड़े मुद्दों को मानवीय और मानवीय तरीके से निपटाने की आवश्यकता पर जोर दिया है, जिसमें आजीविका संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखा गया है। किसी भी परिस्थिति में बल का प्रयोग स्वीकार्य नहीं है। इस संबंध में दोनों सरकारों के बीच मौजूदा समझौतों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।

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